ऐसे कैसे खेलेगा जम्मू जब जेब ढीली कर दिल्ली खेलने जाएंगे खिलाड़ी!
राज्य के सैकड़ों खिलाड़ी युवा, सेवा एवं खेल विभाग द्वारा फंड मुहैया नहीं करवाए जाने की वजह से अपनी जेब ढीली कर नई दिल्ली 64वीं स्कूल नेशनल गेम्स में भाग लेने के लिए पहुंचे।
जम्मू, विकास अबरोल। राज्य में खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने के लिए भले ही सरकार बड़े-बड़े दावे करती है लेकिन जमीनी हकीकत इससे बिलकुल परे है। राज्य के सैकड़ों खिलाड़ी युवा, सेवा एवं खेल विभाग द्वारा फंड मुहैया नहीं करवाए जाने की वजह से अपनी जेब ढीली कर नई दिल्ली में तीन जनवरी से शुरू होने वाली 64वीं स्कूल नेशनल गेम्स में भाग लेने के लिए पहुंचे। जब आयोजकों को इसकी भनक लगी तो सभी ने खिलाड़ियों के हौंसलों को दात दी।
नई दिल्ली के शिक्षा निदेशालय की खेल शाखा तीन जनवरी से 9 जनवरी तक 64वीं स्कूल नेशनल गेम्स की मेजबानी कर रहा है। इसमें खिलाड़ी लड़कों एवं लड़कियों के वर्ग की अंडर-14, अंडर-17 और अंडर-19 आयुवर्ग के तहत तीरंदाजी, बास्केटबॉल, जूडो, जीत कुनडो, कबड्डी, कुराश, रोप स्किपिंग, सिलांबम, स्क्वे मार्शल आर्ट, टेबल सॉकर, टंग सू डो, थंग टा, थ्रो बाॅल, टग ऑफ वार, वुशु और योग खेलों में भाग लेंगे।
विभाग महेशा रहती है फंड्स की दरकार
स्कूल नेशनल गेम्स में भाग लेने के अंतिम ऑनलाइन आवेदन की तिथि 27 दिसंबर थी। चूंकि युवा, सेवा एवं खेल विभाग फंड की कमी का रोना रहा था और खिलाड़ियों को भेजने में असमर्थता जताने के उपरांत अंतिम क्षणों में विभाग ने खिलाड़ियों की एंट्री तो करवा दी लेकिन इसके उपरांत कुछ खेलों के खिलाड़ी अपने खर्चे पर बुधवार को नई दिल्ली पहुंचे जबकि कुछ खिलाड़ी वीरवार सुबह पहुंचेंगे। टग ऑफ वार सहित अन्य कुछ खेलों के खिलाड़ी प्रतियोगिता में फंड की कमी की वजह से भाग नहीं लिए जाने से काफी मायूस हैं। खिलाड़ियों के अभिभावकों का कहना है कि पूरा वर्ष खिलाड़ी मेहनत करते हैं और जब परीक्षा की घड़ी आती है तो विभाग फंड का रोना रोता है। उन्होंने सरकार से खेलों के फंड्स बढ़ाने की मांग की है ताकि खिलाड़ियों को रोज-रोज होने वाली परेशानियों से निजात मिल सके।
18 खेलों में भाग नहीं ले पाए खिलाड़ी
युवा, सेवा एवं खेल विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि 64वीं स्कूल नेशनल गेम्स के तहत 57 खेलों में राज्य की टीमों ने भाग लेना था। इसमें से अब तक 25 खेलों में राज्य के खिलाड़ी भाग ले चुके हैं। कुछ दिन पहले बैडमिंटन, टेबल टेनिस और हैंडबाल के लिए चयनित खिलाड़ियों के अभिभावकों ने विभाग के डीजी से भेंट कर टीम को भेजने के लिए अाग्रह किया। ऐसे में विभाग ने किसी तरह से बचाए गए फंड की राशि से टीम को भेज दिया लेकिन अन्य 18 खेलों में फंड की कमी के कारण टीम भेजने में असमर्थता जता रहा है। विभाग को 2.50 करोड़ रुपए का बजट की राशि मंजूर हुई थी लेकिन अभी तक 1.88 करोड़ की राशि ही मिली है।
ऐसे में दो स्कूल नेशनल गेम्स में मेजबानी संभव नहीं
युवा, सेवा एवं खेल विभाग के डीजी सलीम उर रहमान ने माना कि फंड की कमी से राज्य के टीम को स्कूल नेशनल गेम्स में भागीदारी के लिए भेजने में परेशानी आ रही है। 2.50 करोड़ रुपये की राशि से टीमों को भेजना और दो स्कूल नेशनल गेम्स की मेजबानी करना संभव नहीं है। बावजूद इसके प्रतियोगिता की शानदार तरह से मेजबानी की गई। बजट में मंजूर तयशुदा राशि भी विभाग को पूरी नहीं मिली है जिसकी वजह से विभाग को टीम भेजने में परेशानी हो रही है।