पीडीपी के दो नेता रिहा, पूर्व मुख्यमंत्रियों को छोड़ कश्मीर के बंद नेता 10 दिन में होंगे रिहा
प्रशासन ने गुरुवार को दक्षिण कश्मीर से संबध रखने वाले पीडीपी के दो वरिष्ठ नेताओं रफी अहमद मीर और अब्दुल मजीद पडर को नजरबंदी से मुक्त कर दिया।
जम्मू, राज्य ब्यूरो। एमएलए हॉस्टल श्रीनगर में एक माह से बंदी बनाकर रखे गए कश्मीर के सियासी नेताओं में से पीडीपी के दो नेताओं की नजरबंदी वीरवार देर शाम को हटा दी गई। वहीं, अन्य नेताओं की भी अगले 10 दिन में सशर्त रिहाई हो सकती है। प्र्रशासन पांच से छह नेताओं को छोड़कर अन्य सभी की रिहाई पर गंभीरता से विचार कर रहा है। इसके लिए नेताओं को बांड भरना होगा, जिसमें इन्हें जम्मू-कश्मीर में शांति व्यवस्था बनाए रखने में सहयोग का यकीन दिलाना होगा।
सूत्रों ने बताया कि घाटी में सुधरते हालात व राजनीतिक गतिविधियों को बहाल करने के लिए प्रदेश प्रशासन ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देशानुसार एमएलए हॉस्टल में रखे राजनीतिक बंदियों की एक बांड के आधार पर रिहाई की प्रक्रिया शुरू कर दी है। तीन दिन पूर्व सबजेल से पांच पूर्व विधायकों और एमएलसी को रिहा किया गया है। इससे पहले भी कुछ नेताओं को रिहा किया जा चुका है। ऐसे में अब केवल 24 नेता ही सबजेल में एहतियातन बंद हैं। उन्होंने कहा कि सबजेल में बंद नेताओं में से अधिकांश को अगले 10-15 दिनों में क्रमानुसार रिहा किया जाएगा। बताया जा रहा है कि पीडीपी के पूर्व विधायक एजाज मीर, नेकां नेता सलमान सागर, शौकत गनई, अली मुहम्मद डार, अल्ताफ कालू, अवामी इत्तेहाद पार्टी के नेता बिलाल सुल्तान को अगले पांच दिन में रिहा किया जा सकता है। अल्ताफ का स्वास्थ्य ठीक नहीं है, जबकि सलमान के नाना का देहांत हुआ है और वह इस दुख की घड़ी में परिजनों के साथ रहना चाहते हैं।
पीडीपी के दो नेताओं की नजरबंदी हटी :
प्रशासन ने गुरुवार को दक्षिण कश्मीर से संबध रखने वाले पीडीपी के दो वरिष्ठ नेताओं रफी अहमद मीर और अब्दुल मजीद पडर को नजरबंदी से मुक्त कर दिया। रफी मीर पहलगाम के विधायक रह चुके हैं और पीडीपी के मुख्य प्रवक्ता हैं, जबकि अब्दुल मजीद पडर पीडीपी-भाजपा गठबंधन सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं। संबंधित अधिकारियों ने बताया कि दो और वरिष्ठ नेताओं पीपुल्स डेमोक्रेटिक फ्रंट के चेयरमैन हकीम मोहम्मद यासीन और पीडीपी के पूर्व विधायक मोहम्मद अशरफ मीर की नजरबंदी शुक्रवार को समाप्त करने पर विचार चल रहा है।
लोन, शाह फैसल की रिहाई पर अभी विचार नहीं :
पीपुल्स कांफ्रेंस के चेयरमैन सज्जाद गनी लोन, पूर्व नौकरशाह शाह फैसल, पीडीपी नेता नईम अख्तर, वहीद-उर-रहमान पारा और नेकां महासचिव अली मुहम्मद सागर को फिलहाल रिहा करने की कोई योजना नहीं है। इन नेताओं से कई बार प्रशासन ने रिहाई के लिए बांड भरने को कह चुका है, लेकिन इन्होंने सशर्त रिहाई से इन्कार किया है। ऐसे में इन्हें श्रीनगर के किसी सरकारी गेस्ट हाऊस में स्थानांतरित किया जाएगा। इनके अलावा तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों डॉ. फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती की मार्च से पहले रिहाई की संभावना कम ही दिखाई दे रही है।
पांच अगस्त से एहतियातन हिरासत में हैं नेता :
पांच अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम लागू होने से उपजे हालात के बीच प्रशासन ने एहतियात के तौर पर भाजपा नेताओं को छोड़ अलगाववादियों सहित सभी प्रमुख राजनीतिक नेताओं व कार्यकत्र्ताओं को हिरासत में लेकर सेंटूर होटल में रखा गया था। इनमें तीन पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती भी शामिल हैं, जिन्हें अलग-अलग जगह रखा गया है। फारूक फिलहाल, पीएसए के तहत नजरबंद हैं।