उम्मीद है जम्मू-कश्मीर में जल्द करवाए जाएंगे विधानसभा चुनाव: उमर
भाजपा के पास जब कुछ नहीं रहता तो वह मजहब का कार्ड खेलती है। मंदिर मस्जिद का मुददा भी अब नहीं चलने वाला।
श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। नेशनल कांफ्रेंस के उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने राज्य में जल्द ही विधानसभा चुनाव कराए जाने पर जोर देते हुए कहा कि मौजूदा चुनाव पिछले चुनावों से अलग हैं। इसके साथ ही उन्होंने साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को उम्मीदवार बनाने पर भाजपा को निशाना बनाते हुए कहा कि वह अब मजहब का कार्ड खेल रही है। साध्वी की जमानत रद्द होनी चाहिए। वहां मौजूद फारूक अब्दुल्ला ने मौजूदा हालात का हवाला देते हुए कहा कि जिस तरह से पूरे देश में हालात हैं, मैं उनसे डरता हूं। सांप्रदायिक ताकतें तेजी से हावी हो रही हैं। उन्हें रोकना जरुरी है।
आज यहां राममुंशी बाग इलाके में स्थित मिशनरी स्कूल बर्नहाल में बने मतदान केंद्र में अपने पिता डा फारुक अब्दुल्ला संग अपने मताधिकार का प्रयोग करने के बाद पत्रकारों से बातचीत में उमर अब्दुल्ला ने कहा कि यह चुनाव वर्ष 2017 के चुनावों से पूरी तरह अलग हैं। उस समय हम सिर्फ एक दो ही चुनावी रैलियां बाहर खुले में कर सके थे। अधिकांश चुनावी बैठकें बंद कमरों में हुई थी। लेकिन इस बार लोग खुलकर चुनाव प्रचार में हिस्सा ले रहे हैं, चुनावी सभाओं में शामिल हो रहे हैं। सिर्फ उत्तरी कश्मीर या सेंट्रल कश्मीर में ही नहीं साॅऊथ कश्मीर में भी लोग चुनावी गतिविधियों में भाग ले रहे हैं। इसलिए अब यहां विधानसभा चुनाव टालने के लिए केंद्र सरकार के पास बहाने खत्म हो गए हैं।
हम उम्मीद करते हैं कि लोकसभा चुनावों के संपन्न होते ही केंद्र सरकार व चुनाव आयोग यहां एक चुनी हुई सरकार देंगे जो यहां के लोगों का हक है। उम्मीद करते हैं कि केंद्र सरकार को चुनाव आयेाग जम्मू कश्मीर में जल्द ही एक निर्वाचित सरकार की बहाली के लिए कदम उठाएगा। एक निर्वाचित सरकार जम्मू कश्मीर के लोगों का हक है। उम्मीद है कि जल्द ही यहां विधानसभा चुनाव कराए जाएंगे। धारा 370, धारा 35ए के संरक्षण के लिए अपनी प्रतिबद्धता जताते हुए उमर अब्दुलला ने कहाकि इसके लिए हमारी लड़ाई जारी हरेगी। हमने लोगों तक अपनी बात कामयाबी से पहुंचाई है।
साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को भाजपा द्वारा भोपाल में चुनाव लड़ाने संबंधी सवाल के जवाब में उमर अब्दुल्ला ने कहा कि जिस तरह से आपने पूरे मुल्क में प्रचार की बात की है ,उसे देखते हुए मैं कहूंगा कि भाजपा ने पहले बालाकोट और पुलवामा के नाम पर चुनाव लड़ना चाहा। लेकिन जब देखा कि इसका ज्यादा असर नहीं है तो फिर उन्होंने विकास की बात की। लेकिन विकास भी लोगों को हजम नहीं हुआ । भाजपा के पास जब कुछ नहीं रहता तो वह मजहब का कार्ड खेलती है। मंदिर मस्जिद का मुददा भी अब नहीं चलने वाला। इसलिए अब उन्होंने एक ऐसे शख्स को टिकट दिया है,जिस पर न सिर्फ आतंकी मामले का आरोप है बल्कि वह जमानत पर रिहा है। जमानत भी उसकी सेहत ठीक न होने के आधार पर मिली है। जब कोई व्यक्ति जेल में रहने के लिए बीमार है, उसकी सेहत ठीक नहीं है तो फिर चुनाव लड़ने के लिए उसकी सेहत कैसे ठीक हो सकती है। अदालत को इसका संज्ञान लेते हुए उनकी जमानत रदद करनी चाहिए।
इससे पूर्व डा फारुक अब्दुल्ला जो श्रीनगर-संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे हैं, ने पत्रकारों से कहा कि मैं लोगों का शुक्रगुजार हूं कि उन्होंने हम सभी को अपनी बात रखने का मौका दिया है। अवाम अब क्या फैसला करती है, वह मई में पता लग जाएगा। अपनी जीत की संभावना पर उन्होंने कहा खुदा ही कामयाबी बख्शने वाला है। मैं उम्मीद करूंगा कि हमने जो बातें लोगों के सामने रखी हैं, उनका उन्हें अहसास होगा और उम्मीद करेंगे कि वह नेकां उम्मीदवारों को जिताएंगे।