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गृह मंत्री ने राज्यपाल के साथ अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा प्रबंधों की ली जानकारी

केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने राज्यपाल एनएन वोहरा के साथ बाबा अमरनाथ यात्रा के लिए किए जा रहे सुरक्षा प्रबंधों पर भी चर्चा की।

By Preeti jhaEdited By: Published: Fri, 08 Jun 2018 10:35 AM (IST)Updated: Fri, 08 Jun 2018 05:00 PM (IST)
गृह मंत्री ने राज्यपाल के साथ अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा प्रबंधों की ली जानकारी
गृह मंत्री ने राज्यपाल के साथ अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा प्रबंधों की ली जानकारी

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने वीरवार को राज्यपाल एनएन वोहरा के साथ राज्य के आंतरिक सुरक्षा परिदृश्य और विकास से जुड़े मुद्दों पर विचार विमर्श करते हुए रमजान में युद्ध विराम से पैदा हालात और बाबा अमरनाथ यात्रा के लिए किए जा रहे सुरक्षा प्रबंधों पर भी चर्चा की। दोपहर बाद राज्यपाल से राजभवन में मुलाकात की।

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करीब 45 मिनट की बैठक में दोनों ने सुरक्षा प्रबंधन से संबंधित विभिन्न महत्वपूर्ण मुद्दों, सार्वजनिक सेवाओं के कुशल वितरण और राज्य के भविष्य के विकास से संबंधित मामलों पर चर्चा की। राज्यपाल ने गृह मंत्री को राज्य के आंतरिक और बाहरी सुरक्षा परिदृश्य के बारे में अगवत कराया।

अंतरराष्ट्रीय सीमा और एलओसी पर पाकिस्तानी सेना द्वारा बार-बार युद्धबंदी के उल्लंघन से पैदा होने वाले हालात और केंद्र सरकार द्वारा 16 मई 2018 को रमजान की पूर्व संध्या पर घोषित युद्धविराम का उल्लंघन और आतंकरोधी अभियान स्थगित किए जाने से पैदा स्थिति पर भी विचार विमर्श हुआ। उन्होंने 28 जून से शुरू हो रही बाबा अमरनाथ यात्रा के लिए किए गए इंतजामों के बारे में गृह मंत्री को भी बताया।

कश्मीर में शांति के लिए हुर्रियत व पाकिस्तान से वार्ता जरूरी

राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेशनल कांफ्रेंस के उप प्रधान उमर अब्दुल्ला का कहना है कि कश्मीर में शांति के लिए हुर्रियत और पाकिस्तान से वार्ता महत्वपूर्ण है। उनका कहना है कि रमजान में युद्ध विराम के दौरान हुर्रियत व अन्य दलों के साथ बातचीत की जानी चाहिए। उमर ने यह शब्द बारामुला डाक बंगले में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहे।

उन्होंने कहा कि सरकार कश्मीर मसले पर वार्ता शुरू करने को लेकर खुद असमंजस में है। विदेश मंत्री जहां बातचीत करने के लिए कहती हैं वहीं रक्षा मंत्री का कुछ और ही कहना होता है। हम हुर्रियत को बातचीत के लिए कैसे राजी कर सकते हैं, जब सरकार में ही मतभेद हों। हमारा उद्देश्य कश्मीर में शांति स्थापित करना है। पीडीपी को इस पर फैसला लेना होगा कि वह प्रधानमंत्री से मिलकर बातचीत के सभी विकल्प खुलवाए ताकि राज्य में शांति बहाल हो। उमर ने कश्मीर में युवाओं के बंदूक थामने पर कहा कि राज्य में पीडीपी-भाजपा गठबंधन के दौरान राज्य में अस्थिरता के चलते ऐसा हो रहा है।

अगर पढ़ा लिखा युवा बंदूक उठा रहा है तो इसका मतलब है कि मौजूदा सरकार अपने वादे पूरे नहीं कर पा रही है। उमर ने इस मौके पर हड़ताल पर गए आंगनबाड़ी वर्कर्स, एसएसए टीचरों पर आंसू गैस छोड़ने और उन पर लाठीचार्ज की ¨नदा भी की। इस मौके पर उमर के साथ कश्मीर के प्रांतीय प्रधान नसीर सोगामी, उत्तरी कश्मीर के नेका प्रभारी मोहम्मद अकबर लोन व अन्य पार्टी नेता मौजूद थे। 


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