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    रावलपिंडी में ISI के इशारे पर मारा गया हिजबुल कमांडर, गुलाम कश्मीर से घुसपैठ कराने का सौंपा गया था जिम्मा

    By Jagran NewsEdited By: Mahen Khanna
    Updated: Tue, 21 Feb 2023 05:14 AM (IST)

    हिजबुल मुजाहिदीन के प्रमुख पांच कमांडरों में शामिल था मारा गया इम्तियाज। आतंकी संगठनों के कमांडरों व आइएसआइ से चल रहे मतभेद का बना शिकार। नमाज पढ़ने के बाद आते समय आतंकियों ने कई राउंड फायर कर मारा।

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    हिजबुल कमांडर को रावलपिंडी में मौत के घाट उतारा गया।

    नवीन नवाज, जम्मू। जिस पाक खुफिया एजेंसी आइएसआइ के इशारे पर इम्तियाज आलम उर्फ पीर जम्मू-कश्मीर में निर्दोषों का खून बहा रहा था। सोमवार को उसी आइएसआइ के पाले अन्य आतंकियों ने उसे रावलपिंडी में मौत के घाट उतार दिया। इम्तियाज की हत्या के लिए आइएसआइ को जिम्मेदार बताया जा रहा है। क्योंकि कुछ समय से उसकी अन्य आतंकी संगठनों के कमांडरों के अलावा आइएसआइ के अधिकारियों से मतभेद चल रहे थे।

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    पांच बड़े कमांडरों में इम्तियाज की होती थी गिनती

    इम्तियाज को जम्मू-कश्मीर में सक्रिय कश्मीरी आतंकियों के सबसे बड़े संगठन हिजबुल मुजाहिदीन के प्रमुख पांच कमांडरों में गिना जाता था। हिजबुल की कमान मोहम्मद यूसुफ शाह उर्फ सैयद सलाहुदीन ने संभाल रखी है। इम्तियाज का असली नाम बशीर अहमद पीर है। वह हाजी, पीर व इम्तियाज के कोड नाम से जम्मू कश्मीर में गतिविधियां चला रहा था। मूलत: उत्तरी कश्मीर में जिला कुपवाड़ा का इम्तियाज बीते कुछ वर्षों से रावलपिंडी (पाकिस्तान) में रह रहा था। पाकिस्तान ने उसे अपना राष्ट्रीय पहचान पत्र प्रदान कर रखा था। उसके पाकिस्तान के पहचानपत्र का नंबर-82203-7942470-9 था।

    आतंकी संगठन में सक्रिय करने में जुटा था

    इम्तियाज को आइएसआइ ने कुछ वर्ष से जिला कुपवाड़ा में गुलाम जम्मू-कश्मीर की तरफ से आतंकियों की घुसपैठ कराने का जिम्मा सौंप रखा था। वह जम्मू-कश्मीर में हिजबुल मुजाहिदीन और लश्कर-ए-तैयबा के पूर्व आतंकियों को भी विभिन्न माध्यमों से संपर्क कर फिर से आतंकी संगठन में सक्रिय करने में जुटा था। वह इंटरनेट मीडिया के जरिए कश्मीर को लेकर दुष्प्रचार में जुटा हुआ था। उसने कुछ लोगों की टीम भी तैयार कर रखी थी।

    गंभीर आरोप लगाए थे

    सूत्रों की मानें तो इम्तियाज की बीते कुछ समय से हिजबुल मुजाहिदीन के डिप्टी आमिर खान और आइएसआइ के अधिकारियों के साथ नहीं बन रही थी। बीते माह कश्मीरी आतंकियों की मुजफ्फराबाद और रावलपिंडी में हुई बैठकों में उसने आइएसआइ के अलावा कुछ आतंकी कमांडरों पर भी गंभीर आरोप लगाए थे।

    यूएपीए तहत आतंकी घोषित किया था

    बताया जा रहा है कि वह रावलपिंडी में घर से कुछ ही दूरी पर स्थित मस्जिद में शाम की नमाज पढ़ने गया था। मस्जिद से बाहर निकलने के बाद वह एक दुकान पर सामान लेने के खड़ा था कि तभी मोटरसाइकिल पर सवार दो हमलावर आए और उन्होंने उस पर ताबड़तोड़ फायरिंग की, जिसमें वह मौके पर ही मारा गया। केंद्र सरकार ने इम्तियाज को बीते वर्ष अक्टूबर में यूएपीए तहत आतंकी घोषित किया था।