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Jammu Kashmir: NIA ने परिहार बंधुओं, आरएसएस नेता की हत्या में लिप्त हिज्ब ओजीडब्ल्यू पकड़ा

चंद्रकांत शर्मा को नौ अप्रैल 2019 को आतंकियों ने किश्तवाड़ अस्पताल में उनके अंगरक्षक समेत मौत के घाट उतार दिया था। इस मामले में एनआइए की चाजर्शीट में रुस्तम का नाम भी शामिल है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Wed, 20 May 2020 12:58 PM (IST)Updated: Wed, 20 May 2020 01:56 PM (IST)
Jammu Kashmir: NIA ने परिहार बंधुओं, आरएसएस नेता की हत्या में लिप्त हिज्ब ओजीडब्ल्यू पकड़ा
Jammu Kashmir: NIA ने परिहार बंधुओं, आरएसएस नेता की हत्या में लिप्त हिज्ब ओजीडब्ल्यू पकड़ा

किश्तवाड़/जम्मू, जेएनएन : राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के वरिष्ठ नेता चंद्रकांत शर्मा, भाजपा नेता अनिल परिहार और उनके भाई अजीत परिहार की हत्या में लिप्त हिजबुल मुजाहिदीन के एक नामी ओवरग्राउंड वर्कर रुस्तम को हिरासत में लिया है। चंद्रकांत शर्मा को नौ अप्रैल 2019 को आतंकियों ने किश्तवाड़ अस्पताल में उनके अंगरक्षक समेत मौत के घाट उतार दिया था। इस मामले में एनआइए की चाजर्शीट में रुस्तम का नाम भी शामिल है।

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सूत्रों ने बताया कि चंद्रकांत शर्मा की हत्या को हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकियों ने डोडा, रामबन और किश्तवाड़ में एक बार फिर अलगाववाद व आतंकवाद को जिंदा करने की साजिश के तहत ही अंजाम दिया है। इस हत्याकांड में लिप्त करीब पांच लोगों को NIA पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। इसके अलावा प्रदेश कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता के भाई से भी पूछताछ हो चुकी है। 

आपको बता दें कि NIA ने किश्तवाड़ में भाजपा के तत्कालीन प्रदेश सचिव अनिल परिहार व उनके भाई अजीत परिहार की हत्या के मामले में गत सप्ताह करीब डेढ़ साल बाद अदालत में आरोपपत्र दायर की थी। परिहार बंधुओं को हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकियों ने पहली नवंबर 2018 को किश्तवाड़ में मौत के घाट उतारा था। साजिश का मुख्य सूत्रधार जहांगीर सरुरी है, जो फिलहाल फरार है।

जम्मू स्थित एनआईए की विशेष अदालत में पेश किए गए आरोपपत्र में एनआईए द्वारा आरोपी बनाए गए छह आरोपितों  में से तीन आेसामा बिन जावेद, हारुन अब्बास वानी और जाहिद हुसैन हिज्बुल मुजाहिदीन के सक्रिय आतंकी थे, जो बीते एक साल के दौरान सुरक्षाबलों के साथ हुई विभिन्न मुठभेड़ों में मारे जा चुके हैं। अन्य तीन आरोपितों में निसार अहमद शेख, निशाद अहमद बट और आजाद हुसैन बागवान है। इन तीनों को 20 नवंबर 2019 को पकड़ा गया था। यह तीनों परिहार बंधुओं की हत्या को अंजाम देने वाले आतंकियों के लिए बतौर ओवरग्राउंड वर्कर काम करते थे।

NIA ने अपने आरोपपत्र में अदालत को बताया है कि जांच के दौरान पता चला कि हिज्बुल मुजाहिदीन से संबधित यह आतंकी और ओवरग्राऊंड वर्कर डोडा, किश्तवाड़ और रामबन में एक बार फिर आतंकवाद को जिंदा करने की साजिश से जुड़े हुए थे। आतंकी इस पूरे क्षेत्र को एक बार फिर आतंकवाद और अलगाववाद का गढ़ बनाना चाहते हैं। इन आतंकियों ने न सिर्फ परिहार बंधुओं की हत्या की बल्कि यह वर्ष 2019 के दौरान भी किश्तवाड़ व उसके साथ सटे इलाकों में अन्य आतंकी वारदातों में भी शामिल रहे हैं। इस पूरी साजिश को हिजबुल मुजाहिदीन के कमांडर जहांगीर सरुरी ने रचा था। यह सभी आतंकी और उनके ओवरग्राऊंड वर्कर डोडा-रामबन-किश्तवाड़ रेंज आतंकी गतिविधियों के लिए पैसा, हथियार व अन्य साजो सामान जुटाने के नए तौर तरीके भी तलाश रहे थे। इनहोंने पुलिस और संरक्षित व्यक्तियों के अंगरक्षकों से हथियार भी लूटे।

अदालत में पेश किए गए आरोपपत्र में एनआईए ने बताया कि ओसामा बिन जावेद , हारुन अब्बास वानी और जाहिद हुसैन ने रामबन और डोडा में सितंबर 2019 मे जनवरी 2020 में सुरक्षाबलों के साथ हुई दो अलग अलग मुठभेड़ों में मारे जा चुके हैं। निसार अहमद शेख, निशाद अहमद बट और आजाद हुसैन बागवान इस समय हिरासत में हैं। फिलहाल, इस पूरे मामले की जांच जारी है। NIA ने अदालत को बतया कि जहांगीर सरुरी व अन्य आरोपितों की तलाश की जा रही है।


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