हाईकोर्ट ने फारूक के खिलाफ जांच रिपोर्ट मांगी
जेएनएफ जम्मू याचिकाकर्ता ने सबूत के तौर पर अखबारों में छपी खबरों के अलावा वीडियो क्लिप भी कोर्ट में पेश की थी। वकील ने न्यायालय को बताया कि 28 फरवरी 2017 में भी याचिकाकर्ता ने फारूक के देश विरोधी बयान की अखबार में छपी खबरों को सबूत के तौर पर पेश किया था।
जेएनएफ, जम्मू : नेशनल कांफ्रेंस के सांसद फारूक अब्दुल्ला पर देश विरोधी और आजादी के पक्ष में दिए कथित बयान के मामले में जम्मू कश्मीर हाईकोर्ट ने एसएसपी श्रीनगर और एसएचओ पुलिस स्टेशन नगीन से तीन सप्ताह में जांच रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए हैं।
मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि 19 अगस्त 2019 को उच्च न्यायालय ने एसएसपी श्रीनगर और एसएचओ नगीन को जांच के निर्देश थे। याचिकाकर्ता ने सबूत के तौर पर अखबारों में छपी खबरों के अलावा वीडियो क्लिप भी कोर्ट में पेश की थी। वकील ने न्यायालय को बताया कि 28 फरवरी 2017 में भी याचिकाकर्ता ने फारूक के देश विरोधी बयान की अखबार में छपी खबरों को सबूत के तौर पर पेश किया था। तब भी न्यायालय ने जिला आयुक्त जम्मू को अखबारों की खबरों को जिला आयुक्त श्रीनगर के पास भेज कर मामले की जांच करवाने को कहा था, उक्त मामले भी अभी अधर में ही है। ढाई वर्ष बीत जाने के बावजूद अभी तक जांच शुरू तक नहीं हो पाई है।
याचिकाकर्ता ने कहा कि पांच दिसंबर 2016 को फारूक ने शेख मोहम्मद अब्दुल्ला की 111वीं जयंती पर हजरतबल श्रीनगर से कश्मीरी भाषा में देश विरोधी बयान दिया था। इसमें उन्होंने आल पार्टी हुर्रियत कांफ्रेंस को कश्मीर की आजादी के जंग में पूरा समर्थन देने की बात कहीं थी। 24 फरवरी 2017 को नेशनल कांफ्रेंस के मुख्यालय में देश विरोधी बयान दिया था। यचिकाकर्ता की ओर से पेश वकीलों की दलीलों के बाद खुले कोर्ट में जस्टिस सिधु शर्मा ने पुलिस अधिकारियों को जांच रिपोर्ट पेश करने को कहा।