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घर से स्कूल जा रहे सगे भाइयों को तेज रफ्तार ट्रक ने रौंदा, मौत

कोई मां को यह बताने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा था कि जिन लाडलों को बेहतर भविष्य के लिए उसने स्कूल में पढ़ने भेजा है, वह अब इस दुनिया में नहीं रहे।

By Preeti jhaEdited By: Published: Sat, 30 Jun 2018 10:25 AM (IST)Updated: Sat, 30 Jun 2018 02:14 PM (IST)
घर से स्कूल जा रहे सगे भाइयों को तेज रफ्तार ट्रक ने रौंदा, मौत
घर से स्कूल जा रहे सगे भाइयों को तेज रफ्तार ट्रक ने रौंदा, मौत

जागरण संवाददाता, जम्मू। घर से स्कूल के लिए निकले दो सगे भाइयों की शुक्रवार को नरवाल की मलिक मार्केट के पास ट्रक की चपेट में आने से मौत हो गई। दोनों केंद्रीय विद्यालय सुंजवां में पढ़ते थे। उनकी मौत के बाद पूरे इलाके शोक है।

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हादसा शुक्रवार सुबह हुआ। मुद्दस्सिर (16) और मुजम्मिल (14) पुत्र गुलाम मोहम्मद निवासी कारगिल कॉलोनी, भ¨ठडी सुबह घर से मोटरसाइकिल से स्कूल के लिए निकले। जब वे मलिक मार्केट के पास पहुंचे तो वहां से गुजर रहे थे तेज रफ्तार ट्रक ने मोटरसाइकिल को टक्कर मार दी। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि दोनों भाई मोटरसाइकिल सहित दूर तक घिसटते चले गए। दोनों गंभीर घायल हो गए।

हादसे के तुरंत बाद स्थानीय लोगों ने उन्हें जीएमसी अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। हादसे की सूचना मिलते ही नरवाल पुलिस भी मौके पर पहुंची। ट्रक व मोटरसाइकिल को कब्जे में ले लिया। जीएमसी अस्पताल शवगृह में पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया। ट्रक चालक के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है।

सचिवालय कर्मी पिता को फोन पर मिली सूचना हादसे के शिकार दोनों भाइयों के पिता सचिवालय में कर्मचारी हैं। वे मौजूदा समय दरबार मूव के साथ श्रीनगर में हैं। उन्हें फोन पर बेटों के हादसे में घायल होने की सूचना देकर जम्मू बुलाया गया। मुद्दस्सर दसवीं और मुजम्मिल आठवीं कक्षा में पढ़ता था। दोनों एक साथ स्कूल जाते थे। भ¨ठडी से सुंजवां की दूरी करीब तीन किलोमीटर है।

लेकिन यह दूरी उनका कभी न पूरा होने वाला सफर बन गया। मां को काफी देर तक घटना की सूचना नहीं दी गई। कोई मां को यह बताने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा था कि जिन लाडलों को बेहतर भविष्य के लिए उसने स्कूल में पढ़ने भेजा है, वह अब इस दुनिया में नहीं रहे। काफी हिम्मत जुटा लोगों ने घर में जाकर यह मनहूस सूचना दी। इसके बाद घर में कोहराम मच गया।

बुझ गए चिराग

मुद्दस्सिर और मुजम्मिल ही अपने घर के चिराग थे। दर्दनाक हादसे ने पलभर में यह चिराग बुझा दिया। गुलाम मोहम्मद दोपहर बाद श्रीनगर से घर पहुंचे तो बेटों के शव देख  बेसुध हो गए। माता-पिता को दोनों बेटों से बहुत उम्मीदें थीं। दुखद हादसे ने सारा कुछ छीन लिया। मोहल्ले के लोगों का कहना था कि दोनों भाइयों में आपस में खूब प्यार था। कहीं भी जाना होता, दोनों एक साथ ही जाते थे। वे इस तरह से एक साथ दुनिया को भी छोड़कर जाएंगे, किसी ने सोचा भी नहीं था। 


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