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हाई कोर्ट ने धार्मिक स्थलों की संपत्ति के लेन-देन पर लगाई रोक, अवहेलना करने पर होगी कार्रवाई

हाईकोर्ट ने पब्लिक सर्विस कमीशन को पावर डेवलपमेंट डिपार्टमेंट में असिस्टेंट इंजीनियर्स के 19 पद न भरने का निर्देश दिया है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Sun, 02 Jun 2019 12:42 PM (IST)Updated: Sun, 02 Jun 2019 12:42 PM (IST)
हाई कोर्ट ने धार्मिक स्थलों की संपत्ति के लेन-देन पर लगाई रोक, अवहेलना करने पर होगी कार्रवाई
हाई कोर्ट ने धार्मिक स्थलों की संपत्ति के लेन-देन पर लगाई रोक, अवहेलना करने पर होगी कार्रवाई

जम्मू, जेएनएन। राज्य की चीफ जस्टिस गीता मित्तल ने धार्मिक स्थलों की संपत्ति के किसी तरह के भी लेन-देन (कंवीनेंस डीड) पर रोक लगा दी है। इस आदेश के तहत धार्मिक स्थलों की संपत्ति न तो बेची जा सकती है, न लीज पर दी जा सकती है और न ही किसी को उपहार में दी जा सकेगी।

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हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल की ओर से जारी आदेश में कहा गया कि ऐसी शिकायतें मिल रही थी कि जम्मू-कश्मीर रजिस्ट्रेशन एक्ट 1998 के तहत अधिकार प्राप्त न्यायिक अधिकारी कानून का उल्लंघन कर मंदिरों, मठों, धर्मशालाओं, मस्जिदों, चर्चों, गुरुद्वारों, श्रइन, कब्रिस्तान व शमशान घाट की संपत्ति की कंवीनेंस डीड कर रहे हैं।

लिहाजा चीफ जस्टिस ने सभी मान्यता प्राप्त न्यायिक अधिकारियों को कंवीनेंस डीड न करने की हिदायत दी है। ऐसी कोई भी डीड करने से पहले न्यायिक अधिकारी संबंधित राजस्व विभाग से यह प्रमाण पत्र ले कि जमीन किसी धार्मिक स्थल की संपत्ति नहीं और ऐसी संपत्ति को लेकर कोर्ट के किसी तरह के दिशानिर्देश जारी है। चीफ जस्टिस ने इस आदेश का कठोरता से पालन करने का निर्देश दिया है।

एई के 19 पद न भरने के निर्देश

हाईकोर्ट ने पब्लिक सर्विस कमीशन को पावर डेवलपमेंट डिपार्टमेंट में असिस्टेंट इंजीनियर्स के 19 पद न भरने का निर्देश दिया है। हाईकोर्ट ने इन पदों के लिए आवेदन करने वाले अशीष शर्मा व अन्य की ओर से दायर याचिका पर गौर करने के बाद यह निर्देश दिये। याचिका में 26 अप्रैल 2019 को जारी अधिसूचना को खारिज करने की मांग की गई है।

याचिकाकर्ताओं के अनुसार पब्लिक सर्विस कमीशन ने पावर डेवलपमेंट डिपार्टमेंट में असिस्टेंट इंजीनियर्स के 58 पद भरने के लिए अधिसूचना जारी की थी लेकिन उनके समेत सभी अन्य उम्मीदवारों के पास बीई इलेक्ट्रानिक्स की डिग्री होने के बावजूद उन्हें अयोग्य करार देते हुए उनका आवेदन स्वीकार करने से इंकार कर दिया गया।

हाईकोर्ट ने इस पर पीएससी को नोटिस जारी कर याचिकाकर्ताओं को चयन प्रक्रिया में शामिल करने का निर्देश दिया। हालांकि हाईकोर्ट ने कहा कि अगली सुनवाई तक नतीजे घोषित न किए जाए और जब तक इस केस का निपटारा नहीं होता, 58 में से 19 पद न भरे जाए। 

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