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फारूक के आजादी समर्थित भाषण के तथ्य करें पेश

जेएनएफ जम्मू राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री व नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष डॉ. फारूक अब्दुल्ला के खिलाफ एफआइआर दर्ज करने की मांग को लेकर दायर याचिका में हाईकोर्ट ने फारूक के बयान की सीडी और अखबारों में छपे समाचारों की रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 21 Aug 2019 08:05 AM (IST)Updated: Thu, 22 Aug 2019 06:39 AM (IST)
फारूक के आजादी समर्थित  भाषण के तथ्य करें पेश
फारूक के आजादी समर्थित भाषण के तथ्य करें पेश

जेएनएफ, जम्मू : राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री व नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष डॉ. फारूक अब्दुल्ला के खिलाफ एफआइआर दर्ज करने की मांग को लेकर दायर याचिका में हाईकोर्ट ने फारूक के बयान की सीडी और अखबारों में छपे समाचारों की रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है।

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याची के अनुसार डॉ. फारूक ने कश्मीर की आजादी के समर्थन में विवादित बयान दिए थे। इसकी शिकायत के बावजूद पुलिस ने उनके खिलाफ एफआइआर दर्ज नहीं की। इस याचिका पर करीब डेढ़ साल से सुनवाई जारी है। जम्मू निवासी सुकेश चंद्र खजूरिया की ओर से दायर केस में कहा गया है कि डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने शेख मोहम्मद अब्दुल्ला की 111वीं बरसी पर हजरतबल श्रीनगर के नसीम बाग में आयोजित कार्यक्रम और उसके तत्काल बाद 24 फरवरी 2017 को नेकां के पूर्व महासचिव शेख नाजिर अहमद की दूसरी बरसी पर पार्टी मुख्यालय में आयोजित कार्यक्रम में कश्मीर की आजादी के समर्थन में बयानबाजी की थी। याची के वकील एडवोकेट शेख शकील ने कहा कि ट्रायल कोर्ट ने इस मामले में एसएसपी श्रीनगर व नागीन थाने के एसएचओ को याची की शिकायत पर डॉ. फारूक के खिलाफ प्रारंभिक जांच की रिपोर्ट पेश करने के कई अवसर दिए।

उन्होंने पुलिस पर जानबूझ कर रिपोर्ट पेश न करने का आरोप लगाते हुए कहा कि कोर्ट ने पहली सितंबर 2017 को एसएसपी श्रीनगर और संबंधित एसएचओ को नोटिस भी जारी किया, लेकिन उनकी ओर से कोई पक्ष नहीं रखा गया। एडवोकेट शेख शकील ने कहा कि पांच सितंबर 2017 को याची एसएचओ के सामने पेश भी हुए और अपना बयान भी दर्ज करवाया। याची ने वास्तविक शिकायत जिला न्यायाधीश जम्मू के समक्ष दर्ज करवाई थी, जिन्होंने डॉ. फारूक के बयान की सीडी व अखबारों में छपे समाचारों की कटिग के साथ शिकायत श्रीनगर के न्यायाधीश का भेज दी। श्रीनगर के जिला न्यायाधीश ने संबंधित सामग्री के साथ शिकायत एसएसपी श्रीनगर को भेजी ताकि उचित कार्रवाई हो सके, लेकिन अब कहा जा रहा है कि याची ने डॉ. फारूक के बयान की सीडी व अखबारों में छपे समाचारों की कटिग पुलिस को नहीं सौंपी।

सरकार की ओर से पेश हुए एडिशनल एडवोकेट जनरल असीम साहनी ने कहा कि याची ने अपना बयान तो दर्ज करवाया है, लेकिन संबंधित सामग्री नहीं सौंपी। हाईकोर्ट के जस्टिस डीएस ठाकुर ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद विवाद का निपटारा करते हुए याची का संबंधित सामग्री अगली सुनवाई तक असीम साहनी को सौंपने का निर्देश दिया ताकि वह आगे एसएसपी को सौंप सकें। हाईकोर्ट ने केस की अगली सुनवाई 30 अगस्त निर्धारित की है।


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