Kashmir: कश्मीर में पैलेट गन के इस्तेमाल पर रोक लगाने वाली याचिका खारिज
अदालत यह तय नहीं कर सकती कि किस परिस्थिति और घटना विशेष के समय बल प्रयोग ज्यादा था या कम।
श्रीनगर, राज्य ब्यूरो : जम्मू कश्मीर उच्च न्यायालय ने सुरक्षाबलों को बड़ी राहत देते हुए पैलेट गन पर रोक लगाने संबंधी जनहित याचिका को खारिज कर दिया है। वर्ष 2016 में वादी में हुए हिंसक प्रदर्शनों के दौरान हालात पर काबू पाने के लिए पुलिस व अर्धसैनिकबलों ने पैलेट गन का इस्तेमाल किया था। पैलेट से कई लोग जख्मी हुए थे। कुछ लोगों की आंख की रोशनी भी चली गई थी। इससे प्रभावित होकर पैलेट गन के इस्तेमाल पर रोक लगाने के लिए कश्मीर हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर की थी।
जस्टिस अली मोहम्मद मागरे और जस्टिस धीरज सिंह ठाकुर की डिवीजन बेंच ने बुधवार को इस याचिका को खारिज करते हुए कहा कि जब तक अनियंत्रित भीड़ द्वारा हिंसा, आगजनी और दंगे किए जाने की आशंका है, तब तक भीड़ पर नियंत्रण के लिए बल प्रयोग जरूरी है। किस समय किस तरह का बल प्रयोग किया जाए, यह मौके पर तैनात अधिकारी ही हालात का संज्ञान लेते हुए तय कर सकते हैं। अदालत यह तय नहीं कर सकती कि किस परिस्थिति और घटना विशेष के समय बल प्रयोग ज्यादा था या कम।
डिवीजन बेंच ने अपने फैसले में कहा है कि मौजूदा हालात और केंद्रीय गृह मंत्रलय की ओर से 26 जुलाई 2016 को पैलेट गन का विकल्प तलाशने के लिए गठित विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट से पहले और सरकार की ओर से कोई अंतिम फैसला लिए जाने तक अदालत विशेष परिस्थितियों में पैलेट गन के इस्तेमाल पर पाबंदी नहीं लगा सकती। इसलिए याचिका को खारिज किया जाता है।