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जम्मू-कश्मीर में भारी बर्फबारी प्राकृतिक आपदा घोषित

उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने बर्फबारी से प्रभावित क्षेत्रों के लोगों को राहत देते हुए स्टेट डिजास्टर रेस्पांस फोर्स के नियमों के तहत भारी बर्फबारी को प्राकृतिक आपदा घोषित किया है। यह घोषणा उपराज्यपाल ने सर्दियों से निपटने के लिए किए गए प्रबंधों की समीक्षा करते हुए दिए।

By Vikas AbrolEdited By: Published: Sun, 10 Jan 2021 07:15 PM (IST)Updated: Sun, 10 Jan 2021 07:15 PM (IST)
जम्मू-कश्मीर में भारी बर्फबारी प्राकृतिक आपदा घोषित
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने वर्चुअल मोड से कश्मीर संभाग के सभी डिप्टी कमिश्नरों और एसएसपी से बात की।

जम्मू, राज्य ब्यूरो । उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने बर्फबारी से प्रभावित क्षेत्रों के लोगों को राहत देते हुए स्टेट डिजास्टर रेस्पांस फोर्स के नियमों के तहत भारी बर्फबारी को प्राकृतिक आपदा घोषित किया है। यह घोषणा उपराज्यपाल ने सर्दियों से निपटने के लिए किए गए प्रबंधों की समीक्षा करते हुए दिए। इसमें प्रशासन द्वारा बर्फ को हटाने के लिए किए गए प्रबंधों के बारे मं जानकारी ली गई।

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उपराज्यपाल ने वर्चुअल मोड से कश्मीर संभाग के सभी डिप्टी कमिश्नरों और एसएसपी से बात की। अभी तक स्टेट डिजास्टर रेस्पांस फोर्स के नियमों में भारी बर्फबारी को प्राकृतिक आपदा में शामिल नहीं किया गया था। इस कारण बर्फबारी से होने वाले नुकसान में सहायता राशि जिला डिजास्टर मैनेजमेंट अथारिटी को देना संभव नहरं था। अब भारी बर्फबारी को प्राकृतिक आपदा घोषित करने से एसडीआरएफ के तहत सहायता देने में तेजी आएगी। इससे बर्फबारी प्रभावित क्षेत्रों के लोगों को लाभ होगा। उपराज्यपाल ने सभी से उनके जिलों में रहने वाले लोगों को बर्फबारी के कारण लोगों को पेश आ रही समस्याओं के बारे में जानकारी ली। उन्होंने प्रशासन द्वारा चुनौतियों से निपटने के लिए बनाई योजना के बारे में भी पूछा।

उपराज्यपाल ने चौबीस घंटे काम करने वाले कर्मचारियों के प्रयासों की सराहना की

उपराज्यपाल को यह बताया गया कि तंग इलाकों में लोगों को बचाने के लिए एम्बुलेंस व अन्य गाड़ियां नहीं पहुंच पाती हैं। छोटी गाड़ियों की कमी बनी हुई है। इस पर उपराज्यपाल ने कहा कि सभी बर्फबारी प्रभावित जिलों में तत्काल प्रभाव से एम्बुलेंस और अन्य बचाव वाहन उापलब्ध करवाए जाएंगे। उन्होंने अधिकारियों को लोगों के मुद्दों को लेकर संवेदनशील होने और उन्हें हल करने को कहा ताकि उनकी समस्याएं कम हो सकें। लोगों की समस्याओं के समाधान के लिए जल्दी कदम उठाएं।उपराज्यपाल ने अधिकारियों से कहा कि वे जरूरतों को पूरा करने के लिए लोगों तक जल्द पहुंचें।उपराज्यपाल ने चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में जमीन पर चौबीस घंटे काम करने वाले कर्मचारियों के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने आकस्मिक परिस्थितियों में महत्वपूर्ण सहायता प्रदान करने के लिए आवश्यक आपातकालीन सुविधाएं उपलब्ध कराने के अलावा सड़कों से बर्फ की निकासी के लिए मशीनरी और उपकरणों की तैनाती को तर्कसंगत बनाने का निर्देश दिया।

मीडिया रिपोर्टों, सोशल मीडिया पोस्ट और जनता से प्राप्त शिकायतों का संज्ञान लेते हुए, उपराज्यपाल ने प्रशासन से कमियों की पहचान करने और लोगों के संबंधित मुद्दों के निवारण के लिए सुधारात्मक उपाय करने के लिए कहा।उपराज्यपाल ने लोगों को किसी भी असुविधा से बचने के लिए अधिकारियों को स्थिति की निरंतर निगरानी करने और विभिन्न विभागों के साथ तालमेल में काम करने का निर्देश दिया।

बैठक के दौरान, उपराज्यपाल ने बिजली परिदृश्य, बर्फ निकासी, सड़क संपर्क, पानी की आपूर्ति, आवश्यक आपूर्ति, आपदा प्रबंधन, खाद्य आपूर्ति, पावर बफर स्टॉक की उपलब्धता और अन्य मुद्दों की समग्र स्थिति की विस्तृत जिलेवार समीक्षा की।उन्होंने लोगों को बिजली, पानी, सड़क संपर्क, भोजन, रसोई गैस और अन्य आवश्यक वस्तुएं उपलब्ध करवाने पर जोर दिया। उन्होंने अधिकारियों को आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि न करने और सुधारात्मक उपाय करने के लिए कहा। उपराज्यपाल ने पिछली शीतकालीन तैयारियों की बैठकों में पारित निर्देशों के कार्यान्वयन का भी आकलन किया।इस मौके पर उपराज्यपाल के सलाहकार राजीव राय भटनागर, मुख्य सचिव बीवीआर सुब्रहमण्यम, बिजली विभाग के प्रमुख सचिव रोहित कंसल सहित कई अधिकारी मौजूद थे।


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