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मां भगवती के जयकारों से गूंज रहा मंदिरों का शहर जम्मू, नवरात्र के पहले दिन मंदिरों में उमड़ रहे श्रद्धालु

चैत्र नवरात्र पर सभी मंदिरों को दीप-मालाओं से सजाया गया है। कुल मिलाकर मंदिरों का शहर जम्मू आस्था के सैलाब में सराबोर नजर आ रहा है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Sat, 06 Apr 2019 11:12 AM (IST)Updated: Sat, 06 Apr 2019 11:12 AM (IST)
मां भगवती के जयकारों से गूंज रहा मंदिरों का शहर जम्मू, नवरात्र के पहले दिन मंदिरों में उमड़ रहे श्रद्धालु
मां भगवती के जयकारों से गूंज रहा मंदिरों का शहर जम्मू, नवरात्र के पहले दिन मंदिरों में उमड़ रहे श्रद्धालु

जम्मू, जेएनएन। चैत्र नवरात्र के पहले दिन हर तरफ माता के जयकारों की गूंज सुनाई दे रही है। मां भगवती के दरबार बावे वाली माता, चीची माता, महामाया मंदिर व कोल कंडोली मंदिर में हाजिरी लगाने के लिए पौ फटते ही श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ने लगी थी। कतारों में खड़े और मंदिर परिसर में बैठी श्रद्धालुओं की टोलियां मां के भजन-कीर्तन करती नजर आ रही है। मंदिर परिसर में मां के भक्तों के लिए भंडारे भी लगाए गए हैं। आस्था के इस महापर्व में श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए मंदिरों के बाहर पुलिस विभाग ने पुख्ता प्रबंध हैं।

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प्राचीन बावे वाली माता, महामाया मंदिर, रघुनाथ मंदिर, सांबा के चीची माता मंदिर, गांधी नगर मंदिर सहित अन्य मंदिरों को नवरात्र पर भव्य रूप से सजाया गया है। बाबे वाली माता के दरबार में हाजिरी लगाने के लिए श्रद्धालु सुबह पहले पहर से ही पहुंच गए थे। दर्शन करने वालों की कतारें हुई है। श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला अभी भी जारी है। स्थिति यह है कि माता के दर्शनों के लिए श्रद्धालुओं को घंटों कतारों में खड़ा होना पड़ रहा है। श्रद्धालु मां भगवती के दरबार में हाजिरी लगाकर परिवार की सुख-समृद्धि की कामना कर रहे हैं। ऐसा ही दृश्य महामाया मंदिर, कोल कंडोली माता मंदिर और चीची माता मंदिर में है।

चैत्र नवरात्र पर सभी मंदिरों को दीप-मालाओं से सजाया गया है। कुल मिलाकर मंदिरों का शहर जम्मू आस्था के सैलाब में सराबोर नजर आ रहा है। मंदिर परिसर के बाहर भेंट की दुकानों पर भी श्रद्धालुओं की भीड़ रही। हालांकि कई श्रद्धालुओं ने मंदिर परिसर में लंगर का भी लगाया हुआ है और वहां भी प्रसाद ग्रहण करने वालों की कतारें देखने को मिली। यह लंगर पहले नवरात्र से रामनवमी तक जारी रहेंगे।

इसी बीच कई श्रद्धालु तवी, देविका, पुरमंडल व उत्तरवाहिनी नदियों में स्नान करने भी पहुंचे। जो युवा मां वैष्णो के दर्शनों के लिए शुक्रवार रात को ही कटड़ा के लिए रवाना हो गए थे, उन्होंने भी शनिवार सुबह पहले नवरात्र पर मां के दरबार में हाजिरी दी। ज्योतिषाचार्य रोहित शास्त्री ने चैत्र नवरात्र के बारे में बताया कि भक्तों के कष्टों को क्षण भर में हर लेने वाली जगदंबा की शक्ति के नौ रूपों की साधना के लिए वर्ष में दो बार नवरात्रि पूजन का विधान है।

ट्रैफिक रूट में किया बदलाव

पहले नवरात्र पर सुबह तड़के से ही श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ते देख ट्रैफिक विभाग ने यातायात सुविधा को सुचारु बनाने के लिए बावे जाने वाले मार्ग को वन-वे कर दिया। श्रद्धालुओं को बाई-पास मार्ग से बावे भेजा गया, जबकि बावे से शहर का मार्ग आने वाले वाहनों के लिए खोला गया। यह व्यवस्था देर शाम तक जारी रही।

पूजा-अर्चना के साथ घरों में हुर्इ साख स्थापना

पहले नवरात्र पर मां दुर्गा के नौ रूपों में से पहले स्वरूप 'शैलपुत्री' की पूजा-अर्चना हुई। महिलाओं ने पूजा-अर्चना के साथ घर में साख बीजकर मां भगवती को नौ दिनों के लिए अपने घरों में स्थापित किया। माना जाता है कि चैत्र नवरात्र के दिन मां की स्तुति के साथ हम अपना नववर्ष आरंभ करते हैं। ऐसे में हम नौ दिनों तक मां दुर्गा की भक्तिपूर्वक और विधि-विधान से पूजा कर भौतिक सुख और आध्यात्मिक सिद्धि प्राप्त कर सकते हैं। रोहित शास्त्री ने बताया कि नौ दिनों तक घर में शतचंडी और दुर्गा सप्तशती का पाठ करने से मां की कृपा परिवार पर बनी रहती है। इस पर भक्तजन व्रत भी रखते हैं। अंतिम दिन हवन करके कन्या पूजन एवं भोज का आयोजन करें। इन नौ दिनों में देवी के नौ रूपों को उनके महत्व के अनुसार निर्धारित किया गया है। इनकी विधिवत पूजा अर्चना करने से भक्तजनों के कष्टों का निवारण तो होता ही है, सुख-समृद्धि भी बनी रहती है।

मां चंडी की अखंड ज्योति स्थापित

महालक्ष्मी मंदिर पक्का डंगा में सर्वशक्ति सेवक संस्था ने सैकड़ों श्रद्धालुओं की उपस्थिति में अखंड चंडी माता ज्योति की स्थापना की। शाम को श्रद्धालुओं ने भजन-कीर्तन में शामिल होकर माता की भेंटे गाकर वातावरण को भक्तिमय बना दिया। प्रशासन की ओर से मंदिरों के बाहर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। रामनवमी के दिन शहर में निकाले जाने वाली शोभायात्रा में शामिल किए जाने के बाद इस पवित्र ज्योति को सूर्यपुत्री तविषी नदी में विसर्जित कर दिया जाएगा।


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