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Jammu Kashmir में एचआइवी संक्रमित 10 महिलाओं के आंगन में भी गूंज रही स्वस्थ किलकारियां

एचआइवी संक्रमित महिलाओं के घरों में भी स्वस्थ किलकारी गूंज रही है। वह स्वस्थ बच्चों को जन्म दे रही हैं। इस साल ऐसे 10 मामले आए हैं। यह जागरूकता से हुआ है।संक्रमित होने का पता समय पर चल जाए तो बच्चे को संक्रमित होने से बचाया जा सकता है।

By Lokesh Chandra MishraEdited By: Published: Tue, 30 Nov 2021 08:33 AM (IST)Updated: Tue, 30 Nov 2021 08:33 AM (IST)
Jammu Kashmir में एचआइवी संक्रमित 10 महिलाओं के आंगन में भी गूंज रही स्वस्थ किलकारियां
जम्मू कश्मीर एड्स कंट्रोल सोसायटी के अनुसार वर्तमान में प्रत्येक वर्ष दो से तीन सौ संक्रमित मिल रहे हैं।

जम्मू, रोहित जंडियाल : जागरूकता की वजह से जम्मू कश्मीर की महिलाओं को नई दिशा मिल रही है। एचआइवी संक्रमित महिलाओं के घरों में भी स्वस्थ किलकारी गूंज रही है। वह स्वस्थ बच्चों को जन्म दे रही हैं। इस साल ऐसे 10 मामले आए हैं। यह सब जागरूकता की वजह से हुआ है। डाक्टरों का भी मानना है कि महिला के एचआइवी संक्रमित होने का पता समय पर चल जाए तो बच्चे को संक्रमित होने से बचाया जा सकता है।

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जम्मू कश्मीर एड्स कंट्रोल सोसायटी के अनुसार वर्तमान में प्रत्येक वर्ष दो से तीन सौ संक्रमित मिल रहे हैं। विभिन्न अस्पतालों में इस साल गर्भवती महिलाओं के संक्रमित होने के मामले कम ही मिले हैं। जम्मू में जो 10 मामले मिले, उनके बारे में समय पर पता चल गया और सभी ने संक्रमण रहित बच्चे को जन्म दिया। अच्छी बात यह है कि पहले की अपेक्षा अब अधिक जागरूकता आई है।

एड्स कंट्रोल सोसायटी में असिस्टेंट डायरेक्टर डा. एसएल वर्मा का कहना है कि एंटी रेटरो वायरल ट्रीटमेंट सेंटर में ऐसी दवाइयां हैं, जिनसेे गर्भस्थ शिशु को संक्रमित होने से रोका जा सकता है। सभी अस्पतालों में गर्भवती महिलाओं की एचआइवी जांच होती है। अगर कोई गर्भवती महिला एचआइवी पाजीटिव हो तो उसका प्रसव सर्जरी से किया जाता है। जरूरी नहीं है कि बच्चे में भी संक्रमण हो, लेकिन अगर बच्चा भी एचआइवी संक्रमित हो तो उसे दवाई दी जाती है। इससे बच्चा पूरी तरह से ठीक हो जाता है। इसके बाद उसके संक्रमित होने की आशंका नहीं रहती है।

आंकड़ों के अनुसार इससे पहले के दो वर्ष में भी एचआइवी संक्रमित महिलाओं ने जिन बच्चों को जन्म दिया, उनमें 70 प्रतिशत बच्चे पूरी तरह से स्वस्थ हैं। डाक्टरों का कहना है कि जन्म के बाद संक्रमित मां अगर बच्चे को स्तनपान करवाती है तो भी बच्चे में संक्रमण की आशंका रहती है। एचआइवी पाजीटिव लोगों के लिए काम कर रही विहान प्रोजेक्ट की निदेशक पल्लवी ठाकुर का कहना है कि जागरूकता की वजह से महिलाएं समय जांच करवाने के लिए अस्पतालों में आ रही हैं।

प्रदेश में 276 बच्चे हैं संक्रमित : जम्मू कश्मीर में अभी तक 276 बच्चे एचआइवी संक्रमित हुए हैं। इनमें 160 लड़के और 116 लड़कियां हैं। 52 बच्चों की इलाज के दौरान मौत हुई। 169 बच्चे अभी भी एंटी रेटरो वायरल ट्रीटमेंट सेंटर में इलाज करा रहे हैं। 32 बच्चे इलाज बीच में छोड़ चुके हैं। एड्स कंट्रोल सोसायटी के पदाधिकारियों का कहना है कि अभी पहले से बेहतर स्थिति है। जो इलाज करा रहे हैं, वह लंबी जिंदगी जी रहे हैं।


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