पश्चिम बंगाल के डॉक्टरों के समर्थन में जम्मू में डॉक्टर हड़ताल पर, स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित Jammu News
जम्मू संभाग के विभिन्न अस्पतालों में डाक्टरों की हड़ताल के कारण मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। दिनभर में सौ से अधिक रूटीन में होने वाले आपरेशन स्थगित कर दिए गए।
जम्मू, राज्य ब्यूरो। पश्चिम बंगाल के डॉक्टरों के समर्थन में सोमवार को राजकीय मेडिकल कॉलेज जम्मू और इसके सहायक अस्पतालों तथा इंदिरा गांधी डेंटल कॉलेज सहित कई अस्पतालों के सीनियर और जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर हैं। इमरजेंसी सेवाओं को छोड़कर वे अन्य कहीं पर भी काम नहीं कर रहे हैं। इससे अब तक इन अस्पतालों में जहां सौ के करीब आपरेशन स्थगित कर दिए गए हैं वहीं ओपीडी सेवाएं भी अधिकांश अस्पतालों में बंद रही। इससे मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
सोमवार को मेडिकल कालेज जम्मू में मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन, रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के बैनर तले सभी सीनियर व जूनियर डॉक्टर एकत्रित हुए और उन्होंने कालेज के मुख्य द्वार से लेकर ओपीडी तक रैली भी निकाली। डॉक्टर उन्हें सुरक्षा मुहैया कराने की मांग कर रहे थे। डॉक्टरों ने हाथों में नारे लिखी तख्तियां भी उठा रखी थी, जिसमें उन्होंने सरकार से इंसाफ की मांग की थी। इस रैली में जीएमसी की प्रिंसिपल डॉ सुनंदा रैना, मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन के महासचिव डॉ कैलाश ठाकुर, प्रवक्ता डॉक्टर विशाल टंडन विभिन्न विभागों के एचओडी व प्रोफेसर, एसोशिएट प्रोफेसर तथा रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के प्रधान डॉ अमित कुमार और बड़ी संख्या में जूनियर डॉक्टर भी मौजूद थे।
उन्होंने पश्चिम बंगाल के डाक्टरों का समर्थन करते हुए कहा कि सरकारों को डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए पुख्ता प्रबंध करने की जरूरत है। अगर कोई किसी डॉक्टर पर हमला करता है तो उसे गैर जमानती अपराध बनाने के साथ-साथ न्यूनतम सात साल कैद की सजा सुनानी चाहिए। उन्होंने कहा कि वे इस मांग को लेकर देशभर के डाक्टरों के साथ हैं।
इसी तरह का प्रदर्शन श्री महाराजा गुलाब सिंह अस्पताल शालामार में भी हुआ। इसके अलावा इंदिरा गांधी डेंटल कालेज, सुपर स्पेशलिटी अस्पताल, मनोरोग अस्पताल, सीडी अस्पताल में भी डॉक्टरों ने अपना कामकाज बंद रखा। गांधी नगर अस्पताल और सरवाल अस्पतालों के अलावा आचार्य श्री चंद्र कालेज आफ मेडिकल साइंसेंस में भी डॉक्टरों ने विरोध जताया।
जम्मू संभाग के विभिन्न अस्पतालों में डाक्टरों की हड़ताल के कारण मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। दिनभर में सौ से अधिक रूटीन में होने वाले आपरेशन स्थगित कर दिए गए। ओपीडी सेवाएं बंद होने के कारण मरीज घंटों ओपीडी के बाहर इंतजार करते रहे। बाद में निराश होकर वापिस लौट गए। हालांकि कई मरीज इमरजेंसी में जांच के लिए गए जिसके कारण वहां पर मरीजों की भीड़ रही।
लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप