अलगाववादी नेता अल्ताफ अहमद शाह को एम्स में करें स्थानांतरित : हाई कोर्ट
शाह विभिन्न बीमारियों के साथ गुर्दे के कैंसर से पीडि़त है। अदालत ने आदेश दिया कि एम्स के नियमों के तहत उचित सत्यापन के बाद शाह के बेटे या बेटी को अस्पताल में एक घंटे के लिए मिलने की अनुमति दी जा सकती है।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता: दिल्ली हाई कोर्ट ने कश्मीरी अलगाववादी नेता अल्ताफ अहमद शाह का एम्स में स्थानांतरण सुनिश्चित करने का आरएमएल अस्पताल प्रशासन और तिहाड़ जेल अधिकारियों को निर्देश दिया है। न्यायमूर्ति सुधीर कुमार जैन की पीठ ने कहा कि पर्याप्त उपचार का अधिकार भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 का हिस्सा है। अहमद शाह 2018 से आतंकी फंडिंग के एक मामले में हिरासत में है।
शाह के मेडिकल रिकार्ड से पता चलता है कि वह विभिन्न बीमारियों के साथ गुर्दे के कैंसर से पीडि़त है। अदालत ने आदेश दिया कि एम्स के नियमों के तहत उचित सत्यापन के बाद शाह के बेटे या बेटी को अस्पताल में एक घंटे के लिए मिलने की अनुमति दी जा सकती है।शाह दिवंगत हुर्रियत नेता सैयद अली शाह गिलानी का दामाद है। एनआइए ने मामले में आरोपपत्र दायर कर घाटी में आतंकवादियों के साथ मिलकर काम करने और आतंकवादी गतिविधियों के वित्तपोषण के लिए अवैध तरीके से धन एकत्र करने का आरोप लगाया है। शाह की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता त्रिदीप पेस ने पीठ को सूचित किया कि आरोपपत्र पहले ही दायर किया जा चुका है और विशेष एनआइए अदालत में मुकदमा चल रहा है।
शाह को हाल ही में इलाज के लिए आरएमएल अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बाद में बेटी को पता चला कि वह गुर्दे के कैंसर के अंतिम चरण से पीडि़त है। आरएमएल अस्पताल में उक्त बीमारी के इलाज के लिए पर्याप्त सुविधा नहीं होने का हवाला देते हुए पेस ने कहा कि गुर्दे का कैंसर पहले ही शाह के शरीर के विभिन्न अंगों को प्रभावित कर चुका है। ऐसे में शाह को किसी अन्य अस्पताल में तत्काल उपचार की आवश्यकता है। एनआइए की तरफ से विशेष लोक अभियोजक ने कहा कि ऐसा कोई मेडिकल रिकार्ड उपलब्ध नहीं है जिससे पता चले कि शाह गुर्दे के कैंसर से पीडि़त है। साथ ही आरएमएल अस्पताल के डाक्टरों ने उन्हें किसी अन्य अस्पताल में स्थानांतरित करने की सिफारिश भी नहीं की है।