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Jammu Kashmir: भरोसा रखिए..यह नया जम्मू- कश्मीर है

उपराज्यपाल मुर्मू खुद जिलों में दौरा कर लोगों की सुनने लगे परेशानियांआतंकवाद ग्रस्त शोपियां और कुपवाड़ा में लोगों के बीच रहे प्रदेश विकास के लिए जनभागीदारी बढ़ाने की मुहिम पर है

By Preeti jhaEdited By: Published: Mon, 20 Jul 2020 09:39 AM (IST)Updated: Mon, 20 Jul 2020 09:39 AM (IST)
Jammu Kashmir: भरोसा रखिए..यह नया जम्मू- कश्मीर है
Jammu Kashmir: भरोसा रखिए..यह नया जम्मू- कश्मीर है

जम्मू, रोहित जंडियाल। जम्मू कश्मीर के पुनर्गठन का एक साल पूरा होने में महज एक पखवाड़े भर का समय है। इसके पहले ही उपराज्यपाल प्रशासन ने लोगों का भरोसा जीतने की मुहिम शुरू कर दी है। उन्हें यह विश्वास दिलाने के लिए कि यह पहले वाला जम्मू कश्मीर नहीं है। यह नया जम्मू- कश्मीर है। इसके विकास के लिए जनभागीदारी बेहद जरूरी है। इसीलिए उपराज्यपाल जीसी मुर्मू खुद विभिन्न जिलों में जाकर लोगों से मिलने लगे हैं। लोगों की समस्याओं को हल करने लगे हैं। खास बात यह है कि इस मुहिम का जिम्मा खुद मुर्मू संभाल रहे हैं। वह लोगों को विश्वास दिला रहे हैं कि उनकी भागीदारी से ही विकास कार्यो में तेजी आएगी।

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उपराज्यपाल ने यह अभियान कुछ दिन पहले ही शुरू किया है। उन्होंने इस दौरान उन्होंने दक्षिण कश्मीर के शोपियां और उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में कई घंटे लोगों के बीच रहकर उनकी समस्याएं सुनीं। यह जिले आतंकवाद प्रभावित हैं। यह मुहिम इसलिए भी खास है कि प्रदेश में कोरोना के बढ़ रहे मामलों के बीच उपराज्यपाल खुद लोगों के जाकर उनमें अपनेपन का अहसास दिला रहे हैं।

ग्रामीण इलाकों के अधिकतर लोगे उन्हें बिजली, पानी, स्वास्थ्य, सड़कों और रोजगार जैसी बुनियादी सुविधाएं मांग रहे हैं। इन दो जिलों में ही करीब चालीस प्रतिनिधिमंडल उपराज्यपाल से मिले।जम्मू कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश बने पांच अगस्त को एक साल पूरा हो जाएगा। उपराज्यपाल चाहते हैं कि लोग यह महसूस करें कि यह पुराना जम्मू-कश्मीर नहीं है। यहां पर बहुत कुछ बदल गया है।

संभवत: इसीलिए शोपियां और कुपवाड़ा जिले में ही उन्होंने सौ करोड़ की लागत के विकास कार्य जनता को समर्पित किए। इतनी ही लागत से बनने वाले अन्य प्रोजेक्टों का शिलान्यास भी किया। युवाओं पर खास ध्यानउपराज्यपाल अपने दौरों में युवाओं पर ध्यान अधिक केंद्रित कर रहे हैं। उन्होंने कुपवाड़ा और शोपियां में युवाओं के खेलने के लिए आधारभूत ढांचा विकसित करने के लिए निर्देश दिए हैं। पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक भी यही कहते थे कि कश्मीर में युवाओं की ऊर्जा को सही दिशा देने की जरूरत है। वह खेल सुविधाएं विकसित करने के अलावा मनोरंजन के साधन उपलब्ध करवाने की वकालत करते रहे थे। अब उपराज्यपाल प्रशासन भी इसी दिशा में काम कर रहा है।

पारदर्शी और जवाबदेह प्रशासन का वादा

उपराज्यपाल जीसी मुर्मू लोगों को यह विश्वास दिला रहे हैं कि अब प्रशासन पूरी तरह से पारदर्शी और जवाबदेह होगा। कोविड-19 की चुनौती के बीच उपराज्यपाल की यह पहल कश्मीर के लिए एक और अच्छी शुरुआत है। उनके साथ सलाहकार के अलावा कई वरिष्ठ अधिकारी भी रहते हैं ताकि मौके पर ही समस्याओं का समाधान हो सके।

सत्यपाल मलिक ने भी शुरू किए थे प्रयास

प्रदेश में लोगों का दिल जीतने के लिए पहले भी इसी तरह के प्रयास हुए हैं। पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक के सभी सलाहकार नियमित तौर पर लोगों से मिलकर उनकी शिकायतें-समस्याएं सुनते थे। वे विभिन्न जिलों में जाते थे और मौके पर ही कई शिकायतों का समाधान भी कर देते थे। उन्होंने राज्यपाल शिकायत सेल का भी गठन किया था। उनके कार्यकाल में इस सेल में एक लाख से अधिक शिकायतें दर्ज हुई थी। शिकायत सेल का यह दावा था कि उसमें से 75 प्रतिशत का समाधान भी कर दिया गया था। 


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