Jammu Kashmir: नटरंग के संडे थियेटर शृंखला में 'हंगामा हो गया', दर्शक हंस-हंसकर हुए लोटपोट
नटरंग संडे थियेटर के शृंखला में हंगामा हो गया का मंचन किया गया। नाटक के दृश्य ने दर्शकों को हंसाकर लोटपोट कर दिया। अशोक मिश्रा लिखित इस नाटक का निर्देशन नीरज कांत ने किया। मौजूदा हालात से जुड़ी घटनाओं पर आधारित जीवंत दृश्य ने दर्शकों को थियेटर में बांधे रखा।
जम्मू, जागरण संवाददाता: नटरंग संडे थियेटर के शृंखला में 'हंगामा हो गया' का मंचन किया गया। नाटक के दृश्य ने दर्शकों को हंसाकर लोटपोट कर दिया। अशोक मिश्रा लिखित इस नाटक का निर्देशन नीरज कांत ने किया। इस समय के हालात से जुड़ी घटनाओं पर आधारित जीवंत दृश्य ने दर्शकों को थियेटर में बांधे रखा। हर दृश्य को दर्शकों ने पसंद किया।
नाटक एक एक धनी व्यक्ति चंगूमल के घर से शुरू होता है, जिसने अपनी इकलौती बेटी के लिए उपयुक्त वर की तलाश में विज्ञापन देता है। उसी के लिए एक साक्षात्कार का आयोजन किया जाता है। साक्षात्कार के लिए चंगूमल के गेट पर भारी भीड़ जमा हो जाती है और उनमें से ज्यादातर किन्नर लालच के कारण आते हैं। प्रतिभाशाली लड़की से शादी के लिए ऐसे लड़के पहुंच जाते हैं, जिनकी कोई योग्यता नहीं होती। न ही उसके बराबरी के होते हैं।
उस समय स्थिति और भी नाटकीय हो जाती है, जब कई लोग बिना उद्देश्य जाने ही भीड़ में शामिल हो जाते हैं। हंगामा हो जाता है। चंग्गू मल की धड़कने उस समय और भी तेज हो जाती हैं, जब इतने ज्यादा लोगों में भी उसे अपनी लड़की के योग्य कोई वर नहीं दिखता। हर साक्षात्कार देने वाले के दोष भी दर्शकों को लोटपोट करने के लिए काफी थे। कलाकारों ने अपनी भूमिका के साथ पूरा न्याय किया।
एक लंबे, कठिन और व्यर्थ में थका देने वाले साक्षात्कारों से निपटते हुए चंगूमल को एक चौंकाने वाली खबर मिलती है कि जिस बेटी के लिए वह वर की तलाश कर रहा है, उस बेटी ने पहले ही अपने जीवनसाथी का चयन कर लिया है। नाटक में अभिनय करने वाले नटरंग के कलाकारों में महिक्षित सिंह, ब्रिजेश अवतार शर्मा, सुशांत सिंह चाढ़क, चिराग आनंद, कुलदीप अंग्राल, कुशाल भट, मिहिर गुजराल, अभिनव शर्मा और आकाश वाधवान शामिल थे। लाइट डिजाइनिंग नीरज कांत ने की। संगीत सचिन सैनी ने दिया था। शो का समन्वय मोहम्मद यासीन ने किया।