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Jammu: चिप्स के लिए आलू जम्मू से खरीदेगा हल्दीराम, किसानों से करार

कृषि विभाग के प्रमुख सचिव नवीन कुमार चौधरी ने कहा कि बसंत सैनी के प्रयास से यह साबित हो गया है कि जम्मू कश्मीर में एलआर प्रजाति के आलू की अच्छी पैदावार संभव है। अगले वर्ष विभाग 400 एकड़ में इसकी पैदावार करवाएगा।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Wed, 13 Jan 2021 07:39 AM (IST)Updated: Wed, 13 Jan 2021 07:39 AM (IST)
Jammu: चिप्स के लिए आलू जम्मू से खरीदेगा हल्दीराम, किसानों से करार
इससे कंपनी को भी फायदा होगा, क्योंकि अब उनको इसके लिए राजस्थान नहीं जाना पड़ेगा।

जम्मू, संवाद सहयोगी : पाकिस्तान सीमा से सटा क्षेत्र अरनिया अकसर गोलाबारी के लिए चर्चा में रहता है पर इस बार आलू उत्पादक किसान ने जम्मू में नई शुरुआत की है। यह किसान चिप्स के लिए विशेष लाल आलू उगा रहा है और हल्दीराम समूह ने उससे करार किया है। जम्मू क्षेत्र में पहली बार किसान का किसी कारपोरेट से सीधा करार हुआ है। नए कानून इस तरह किसानों के लिए नई उम्मीदें जगा रहे हैं।

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किसान बसंत सैनी के अनुसार उसने अपने खेत में लाल रंग के आलू की प्रजाति लेडी रोजैटो (एलआर) की खेती की है। इस आलू से चिप्स बनाया जाता है। इस आलू को खरीदने के लिए हल्दीराम कंपनी ने बसंत सैनी के साथ अनुबंध किया है। बसंत सैनी ने 25 हेक्टेयर (लगभग 62 एकड़) में एलआर प्रजाति के आलू की खेती की है।

बसंत सैनी के खेत में उगाए आलू को देखने के लिए मंगलवार को हल्दीराम के अधिकारियों के साथ कृषि विभाग के प्रमुख सचिव नवीन कुमार चौधरी, कृषि निदेशक इंद्रपाल भगत सहित कई कृषि अधिकारी अरनिया पहुंचे थे। चौधरी ने कहा कि पहले इस आलू को हमें राजस्थान से मंगवाना पड़ता था। चौधरी ने कहा कि इससे कंपनी को भी फायदा होगा, क्योंकि अब उनको इसके लिए राजस्थान नहीं जाना पड़ेगा।

अगले वर्ष 400 एकड़ में एलआर आलू की खेती का लक्ष्य: कृषि विभाग के प्रमुख सचिव नवीन कुमार चौधरी ने कहा कि बसंत सैनी के प्रयास से यह साबित हो गया है कि जम्मू कश्मीर में एलआर प्रजाति के आलू की अच्छी पैदावार संभव है। अगले वर्ष विभाग 400 एकड़ में इसकी पैदावार करवाएगा। इसके लिए किसानों को कृषि विभाग की तरफ से पूरी मदद दी जाएगी। चौधरी ने बिश्नाह की सब्जी मंडी का भी निरीक्षण किया। किसान बंसत सैनी ने कहा कि इस वर्ष इस आलू की खेती सिर्फ मैंने की है, लेकिन अगले साल पूरे क्षेत्र में इसकी खेती करवाने का प्रयास करेंगे, ताकि अन्य किसान भी इसका लाभ उठा सकें। 


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