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जम्मू कश्मीर में बरकरार रहेगा गुरुद्वारा एक्ट, केंद्रीय गुरुद्वारा एक्ट से कोई वास्ता नहीं

जम्मू कश्मीर में गुरुद्वारा एक्ट 1973 बरकरार रहेगा केंद्रीय गुरुद्वारा एक्ट से इसका कोई वास्ता नहीं है। केंद्रीय गुरुद्वारा एक्ट 1925 मुख्य रूप से पंजाब और हरियाणा में लागू है

By Babita kashyapEdited By: Published: Tue, 12 Nov 2019 11:53 AM (IST)Updated: Tue, 12 Nov 2019 11:53 AM (IST)
जम्मू कश्मीर में बरकरार रहेगा गुरुद्वारा एक्ट, केंद्रीय गुरुद्वारा एक्ट से कोई वास्ता नहीं
जम्मू कश्मीर में बरकरार रहेगा गुरुद्वारा एक्ट, केंद्रीय गुरुद्वारा एक्ट से कोई वास्ता नहीं

जम्मू, राज्य ब्यूरो। केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में गुरुद्वारा एक्ट 1973 बरकरार रहेगा। दिल्ली में जिस तरह अपना गुरुद्वारा एक्ट है और इसका केंद्रीय गुरुद्वारा एक्ट से कोई वास्ता नहीं है, उसी तरह जम्मू कश्मीर का गुरुद्वारा एक्ट बना रहेगा। देश में केंद्रीय गुरुद्वारा एक्ट 1925 मुख्य रूप से पंजाब और हरियाणा में लागू है। मध्य प्रदेश का भी अपना गुरुद्वारा एक्ट है। जम्मू कश्मीर के गुरुद्वारा एक्ट के तहत जिला स्तर पर गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटियों का गठन होता है। कमेटियोें का चुनाव होने के बाद प्रदेश स्तर पर गुरुद्वारा प्रबंधक बोर्ड का गठन होता है। बोर्ड गुरुद्वारों की देखभाल करने और अन्य कामकाज करने वाली मुख्य बॉडी है। हालांकि जिला स्तर पर जो गुरुद्वारे हैं, उनकी देखभाल का जिम्मा जिला गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटियां पर होता है। 

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जिला गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटियों के चुनाव करवाने का जिम्मा सरकार पर होता है। डिप्टी कमिश्नर चुनाव करवाते हैं। जिला कमेटियों का कार्यकाल पांच साल का होता है। जुलाई 2015 में चुनाव हुए थे। अब अगले साल जुलाई में कमेटियों का कार्यकाल समाप्त हो जाएगा। हालांकि समय-समय पर गुरुद्वारा एक्ट में खामियां दूर करने के लिए मामले उठते रहे हैं, लेकिन एक्ट में संशोधन नहीं हुआ। जम्मू कश्मीर में कई गुरुद्वारे हैं, जो इस एक्ट के अधीन नहीं आते हैं। गुरुद्वारों का संचालन भी स्थानीय गुरुद्वारा कमेटियां ही करती है।

आनंद मैरिज एक्ट लागू होगा

केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में केंद्र का आनंद मैरिज एक्ट लागू हो जाएगा। जम्मू कश्मीर का अपना कोई अलग आनंद मैरिज एक्ट नहीं था। इसलिए जम्मू कश्मीर में सिख समुदाय की शादियां हिंदू मैरिज एक्ट के तहत ही पंजीकृत होती थी। अब जम्मू कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश बन चुका है, इसलिए आनंद मैरिज एक्ट सीधे तौर पर लागू हो गया है। सिख मैरिज एक्ट के तहत ही सिख समुदाय की शादियों का पंजीकरण होगा।

श्री गुरु नानक देव जी का प्रकाशोत्सव आज

श्री गुरु नानक देव जी का 550वां प्रकाशोत्सव धूमधाम से मनाया जाएगा। प्रकाशोत्सव को लेकर संगत में भारी उत्साह है। इसके साथ ही श्री करतारपुर साहिब का कॉरिडोर भी खुल गया है। केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में मुख्य समारोह गुरुद्वारा यादगार श्री गुरु नानक देव जी चांद नगर में होगा, जिसमें सुबह 10 बजे श्री अखंड पाठ साहिब का भोग डाला जाएगा। उसके बाद रागी जत्थे शब्द कीर्तन से संगत को निहाल करेंगे। श्रीनगर में मुख्य समारोह गुरुद्वारा छठी पातशाही रैनावारी में होगा।

जम्मू, श्रीनगर के अलावा अन्य जिलों में भी समारोह आयोजित किए जा रहे हैं। जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल जीसी मुर्मू ने श्री गुरु नानक देव जी के प्रकाशोत्सव पर हार्दिक शुभकामनाएं दी हैं। अपने संदेश में उन्होंने कहा कि श्री गुरु नानक देव जी शांति और सहनशीलता के मसीहा थे। उनका संदेश युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणास्नोत हैं। गुरु जी ने अपना जीवन सामाजिक न्याय, समानता व शांति के लिए समर्पित कर दिया। उन्होंने आशा जताई कि श्री गुरु नानक देव जी का प्रकाशोत्सव जम्मू कश्मीर में शांति और खुशहाली लेकर आएगा।

एक्ट में संशोधन हो

वीरेंद्र सिंह नेशनल सिख फ्रंट के चेयरमैन वीरेंद्र जीत सिंह का कहना है कि अगर सरकार जम्मू कश्मीर के लिए एक्ट को बरकरार रखना चाहती है तो उसे खामियों को दूर करना चाहिए। कई जिलों में सिख मतदाताओं की संख्या बहुत कम है। 

एक्ट बने रहने से बुराई नहीं: मंजीत सिख

नेता मंजीत सिंह का कहना है कि केंद्र सरकार जम्मू कश्मीर के अपने गुरुद्वारा एक्ट 1973 को बरकरार रखने की बात मान चुकी है। इस संबंध में आदेश भी जारी हुआ है। दिल्ली भी एक केंद्र शासित प्रदेश

है और उसका अपना अलग गुरुद्वारा एक्ट है। इसलिए गुरुद्वारा एक्ट रहता है तो बुराई नहीं है। 

एक्ट में हैं खामियां: जगमोहन सिंह

ऑल पार्टीज सिख कोआर्डिनेशन कमेटी के चेयरमैन जगमोहन सिंह रैना का कहना है कि जम्मू कश्मीर के गुरुद्वारा एक्ट 1973 में कई खामियां हैं। कई जिलों में सिख समुदाय की आबादी न के बराबर है। एक्ट में संशोधन हो। 

 डॉ. कर्ण सिंह ने प्रकाशोत्सव पर दी शुभकामनाएं

पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डॉ. कर्ण सिंह ने श्री गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाशोत्सव पर सिख समुदाय को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि मौजूदा दौर में श्री गुरु नानक देव जी के संदेश की प्रासंगिकता और बढ़ गई है। डॉ. कर्ण सिंह ने कहा कि हमें श्री गुरु नानक देव जी को पुष्प अर्पित ही नहीं करने चाहिए बल्कि उनके संदेश पर अमल करना चाहिए। विवादों के इस दौर में गुरु जी के संदेश का महत्व बहुत अधिक है। हमें उनके बताए मार्ग पर चलने की प्रेरणा लेनी चाहिए। करतारपुर कॉरिडोर को खोले जाने का जिक्र करते हुए डॉ. कर्ण सिंह ने कहा कि इससे भारत और पाकिस्तान के बीच संबंधों में सुधार आएगा।

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