Gulam Nabi Azad in Jammu: पहले कांग्रेस हाईकमान को चुनौती देते और अब प्रधानमंत्री की तारीफ करते दिखे गुलाम नबी आजाद
गुलाम नबी आजाद ने कहा कि जम्मू कश्मीर में अभी भी विकास नहीं हुआ है। जिस विकास के दावे किए जा रहे हैं वह कागजों पर है। जम्मू के लोगों को टैक्स के नाम पर लूटा जा रहा है लेकिन जम्मू-कश्मीर में कमाई के जरिए को बढ़ाया नहीं गया है।
जम्मू, जागरण संवाददाता: जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद कांग्रेस नेतृत्व को सीधी चुनौती देने के 24 घंटे के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की खुलकर तारीफ करते दिखे। रविवार को गुज्जर सम्मेलन को संबोधित करते हुए आजाद ने कहा कि हमें अपनी जड़ों से जुड़े रहना है। भले ही हमारी विचारधारा अलग हो। उन्होंने यह भी कहा- हमें खुशी है कि हमारे देश के प्रधानमंत्री भी मेहनतकश परिवार से आए। उन्होंने चाय भी बनाई और इस पद पर पहुंचे। हालांकि जम्मू-कश्मीर से 370 हटने और यहां विकास के मामले पर उन्होंने असंतोष भी जाहिर किया।
पत्रकारों से बातचीत में आजाद ने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए आरोप लगाया कि जम्मू कश्मीर के जो दावे केंद्र सरकार कर रही है, वह महज कागजों तक सीमित है। प्रदेश से अनुच्छेद 370 हटाए जाने को लेकर कहा कि जम्मू कश्मीर में स्थिति ऐसी है, जैसे पुलिस के डीजीपी को सिपाही बना दिया गया हो। करीब डेढ़ साल बाद जम्मू पहुंचे प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद का तीन दिवसीय जम्मू कश्मीर का दौरा रविवार को संपन्न हो गया।
गुज्जर देश चैरिटेबल ट्रस्ट के कार्यक्रम में हिस्सा लेने के बाद मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर में अभी भी विकास नहीं हुआ है। जिस विकास के दावे किए जा रहे हैं, वह कागजों पर है। जम्मू के लोगों को टैक्स के नाम पर लूटा जा रहा है, लेकिन जम्मू-कश्मीर में कमाई के जरिए को बढ़ाया नहीं गया है। आजाद ने आरोप लगाया कि जम्मू-कश्मीर में सड़कों से लेकर व्यापार तक का बुरा हाल है और यहां पर पहले से जारी उद्योग भी बंद होने की कगार पर है।
वहीं, शनिवार को जम्मू में हुए शक्ति प्रदर्शन पर गुलाम नबी आजाद ने कहा कि जम्मू-कश्मीर करीब डेढ़ साल बाद आए हैं। कोरोना महामारी के चलते वह अपने प्रदेश में नहीं आ सके। इस दौरान कई लोग उनके स्वागत के लिए और उनसे मिलने के लिए उनसे संपर्क करते रहे हैं। उन्होंने कहा कि शनिवार को जिस उत्साह से लोगों ने उनका स्वागत किया, वह सिर्फ 10 प्रतिशत था, जबकि 90 प्रतिशत अभी बाकी है।