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कई गांवों में बढ़ी हरे टिड्डों की फौज

टिड्डी दल से निपटने के लिए कृषि विभाग सतर्क

By JagranEdited By: Published: Thu, 28 May 2020 06:20 AM (IST)Updated: Thu, 28 May 2020 06:20 AM (IST)
कई गांवों में बढ़ी हरे टिड्डों की फौज
कई गांवों में बढ़ी हरे टिड्डों की फौज

जागरण संवाददाता, जम्मू : राजस्थान, पंजाब और अन्य राज्यों में आतंक मचाने वाले टिड्डियों के दल फिलहाल जम्मू में अभी तक नहीं नजर आए हैं, लेकिन स्थानीय स्तर पर पाए जाने वाले हरे टिड्डों की तादाद जरूर कुछ गांवों में ज्यादा नजर आ रही है। जम्मू जिले के सौहांजना, टकोटेड़ा, प्रांबली और अलोरा गांवों में इन हरे टिड्डों (ग्रास हॉपर) की संख्या पिछले साल के मुकाबले काफी ज्यादा नजर आ रही है। इससे किसान डरे हुए हैं कि कहीं ये उनकी सब्जी, पनीरी और अन्य फसलों को बर्बाद नहीं कर दें।

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इन गांवों के किसानों ने बताया कि ये टिड्डे सरकंडों में सबसे ज्यादा दिख रहे हैं। वैसे तो किसान इन टिड्डों को पहचानते हैं और वे यह भी जानते हैं कि इनसे कभी बहुत ज्यादा नुकसान नहीं हुआ है, लेकिन जबसे राजस्थान, पंजाब से टिड्डी दलों के हमले की खबर सुन रहे हैं, वे भी डरे हुए हैं। कई किसान तो इन्हीं टिड्डों को विनाशकारी टिड्डी दल से जोड़ रहे हैं। जाहिर है किसानों में इस समय टिड्डी दल को लेकर बेचैनी बहुत ज्यादा है। हालांकि अभी तक किसी भी कृषि विशेषज्ञ ने इन टिड्डों को टिड्डी दल से जुड़ा नहीं बताया है।

सौहांजना गांव के किसान कुलभूषण खजुरिया ने बताया कि हरे रंग के टिड्ढे फसलों को चट कर रहे हैं। इनसे बचाव के लिए किसान क्लोरोपेरीफास दवा का इस्तेमाल कर रहे हैं। कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि टिड्डी दल के जम्मू कश्मीर की ओर आने की संभावनाएं नही हैं, फिर भी इस पर पूरी नजर रखी जा रही है। कृषि विभाग ने जिला प्रशासन, बागवानी विभाग, पंचायत, फ्लोरीकल्चर विभाग को साथ लेकर एक्शन प्लान बनाना आरंभ कर दिया है, ताकि आपात स्थिति में टिड्डी दलों से निपटा जा सके। कृषि विभाग के प्लांट प्रोटेक्शन ऑफिसर देवेंद्र शर्मा ने बताया कि अभी खतरे की कोई बात नहीं है, फिर भी सतर्क रहना होगा। किसानों को साथ लेकर एहतियाती तौर पर कदम उठाए जाएंगे। हम जल्दी ही किसानों के लिए भी सलाह जारी कर उनको जागरूक करेंगे। ---------------------

फोटो 48, 49 2015 में लेह में हुआ था हमला

सीएम शर्मा, सेवानिवृत्त उपनिदेशक, कृषि विभाग

2015 में टिड्डी दल का लेह में हमला हुआ था। तब जंस्कार वैली में इन टिड्डी दलों ने काफी नुकसान पहुंचाया था, हालांकि जम्मू में इसका बहुत कम असर था। इस बार कई राज्यों में इनका हमला हुआ है। इसके लिए पहले से ही बचाव के इंतजाम करने चाहिए। -----

50 साल पहले जम्मू में टिड्डी दल का हमला हुआ था, तब किसानों को बड़ा नुकसान उठना पड़ा था। डोगरी में टिड्डी दल को सलेयां कहा जाता है। जिस इलाके में ये आ जाती हैं, फसल बर्बाद कर देती हैं। इस बार भी किसान डरे हुए हैं। कृषि विभाग को इस मामले में जरूरी कदम पहले ही उठा लेने चाहिए।

-राजेंद्र प्रसाद, किसान, अरनिया


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