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भद्रवाह रह रहे दादा-दादी को मिली सेना की मदद, क्रिकेटर मिथुन ने कहा, जय जवान

ट्वीटर पर उन्होंने सेना की सराहना की और कहा कि मुश्किल वक्त में अकसर सेना ही मसीहा बनकर आती है। जय जवान। जय भारत।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Wed, 14 Aug 2019 11:03 AM (IST)Updated: Wed, 14 Aug 2019 11:03 AM (IST)
भद्रवाह रह रहे दादा-दादी को मिली सेना की मदद, क्रिकेटर मिथुन ने कहा, जय जवान
भद्रवाह रह रहे दादा-दादी को मिली सेना की मदद, क्रिकेटर मिथुन ने कहा, जय जवान

जम्मू, जागरण संवाददाता। जम्मू कश्मीर रणजी टीम के पूर्व कप्तान एवं कोच मिथुन मन्हास ने सेना द्वारा भद्रवाह में रह रहे उनके बूढ़े दादा-दादी का विशेष ध्यान रखने पर सेना का आभार जताया है। जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद अधिकतर जिलों में दूरसंचार सेवा पूरी तरह ठप है। इससे लोगों का एक-दूसरे से संपर्क नहीं हो पा रहा है। इसी बात से परेशान दिल्ली में रह रहे मिथुन मन्हास भद्रवाह में रह रहे अपने वृद्ध दादा-दादी की कुशलक्षेम जानने को चिंतित थे।

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मोबाइल से संपर्क नहीं हो पा रहा था। ऐसे समय में सेना उनके लिए मसीहा बनकर आई। सेना ने मिथुन के दादा-दादी की न सिर्फ सुध ली बल्कि सात दिन से रोजाना उनके घर जाकर लगातार उनके संपर्क करवा रहे हैं। सेना ने मिथुन के दादा-दादी को दवाएं भी उपलब्ध करवाई हैं। सेना के इस सहयोग से प्रभावित होकर मिथुन मन्हास ने ट्वीट किया कि उनके दादा-दादी जम्मू के भद्रवाह में रह रहे हैं। वे काफी बूढ़े हैं। अभी बात हुई है और वे स्वस्थ हैं। मैं सेना के इस सहयोग को ताउम्र भुला नहीं सकता। उन्हें दवाएं भी उपलब्ध करवाने के लिए सेना का आभार। जय जवान। ट्वीटर पर उन्होंने सेना की सराहना की और कहा कि मुश्किल वक्त में अकसर सेना ही मसीहा बनकर आती है। जय जवान। जय भारत।

रणजी में 8000 रन बना चुके मिथुन

जम्मू के मिथुन मन्हास 17 वर्ष तक दिल्ली की रणजी क्रिकेट टीम की ओर से प्रतिनिधित्व कर अपनी प्रतिभा साबित कर चुके हैं। मिथुन मन्हास ने काफी लंबे समय तक वीरेंद्र सहवाग के साथ दिल्ली क्रिकेट एसोसिएशन की ओर से खेलते हुए कई कीर्तिमान भी स्थापित किए हैं। मिथुन के नेतृत्व में दिल्ली की टीम ने वर्ष 2007-08 में 16 वर्ष के लंबे अंतराल के बाद रणजी क्रिकेट का खिताब भी जीता था।

मिथुन मन्हास रणजी के इतिहास में सर्वाधिक 8000 रन बनाकर देश के चौथे पायदान पर रहने वाले खिलाड़ी हैं। वर्ष 2015-16 में वीरेंद्र सहवाग द्वारा दिल्ली की रणजी टीम को अलविदा कहकर हरियाणा की ओर से खेलने की इच्छा जाहिर करने के बाद मिथुन मन्हास ने भी दिल्ली टीम का साथ छोड़कर जम्मू-कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन की ओर से रणजी टीम के कप्तान व मेंटर के रूप में खेलना शुरू किया था।

इसके बाद वह जेकेसीए के कोच भी रहे। मिथुन आइपीएल में खेलने वाले राज्य के पहले खिलाड़ी हैं। वह ङ्क्षकग्स इलेवन पंजाब और रॉयल चैलेंजर बेंगलुरु के सहायक कोच भी रह चुके हैं। उन्हें दिल्ली डेयर डेविल्स, पुणे वारियर्स इंडिया और चेन्नई सुपर ङ्क्षकग्स की ओर से खेलकर अपने कौशल का प्रदर्शन कर चुके हैं। 


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