भारी पड़ी विकास पर सुस्त रफ्तारी
राज्य ब्यूरो, जम्मू : महबूबा मुफ्ती के नेतृत्व में रही भाजपा-पीडीपी सरकार को विकास पर सुस्त र
राज्य ब्यूरो, जम्मू : महबूबा मुफ्ती के नेतृत्व में रही भाजपा-पीडीपी सरकार को विकास पर सुस्त रफ्तारी भारी पड़ी। विकास के दावों को हकीकत में बदलने में बिना सरकार गिर गई। अब जम्मू कश्मीर का तेज विकास राज्यपाल शासन की मुख्य चुनौती होगा।
राज्य में सरकार चलाने में विकास की जगह कश्मीर केंद्रित एजेंडो को महत्व मिला व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अस्सी हजार करोड़ का पैकेज अधर में लटक गया। राज्य सरकार ने इस पैकेज का महज 22 फीसद इस्तेमाल कर न सिर्फ केंद्र सरकार अपितु भाजपा हाईकमान को भी नाराज किया। ऐसे हालात में रमजान का संघर्ष विराम की अवधि बढ़ाने का दबाव बनाने को महबूबा मुफ्ती नीति आयोग की बैठक में भी नहीं गई। ऐसे में चुनावी माहौल में सहयोगी पार्टी को और शह देने के बजाए भाजपा ने सरकार गिराने की पहल कर दी।
भाजपा हाईकमान चाहती थी कि राज्य में विकास सरकार की पहचान बने। अस्सी हजारी करोड़ के पैकेज से कायाकल्प हो और इसका लाभ संसदीय चुनाव में मिले। राज्य सरकार ने इस पैकेज पर कुछ खास गंभीरता नही दिखाई। जारी वर्ष में प्रधानमंत्री ने जम्मू कश्मीर को 25 हजार करोड़ का एक और पैकेज भी देने की घोषणा कर दी। केंद्र सरकार के पीएम पैकेज की सीधी शर्त थी कि पैसे का इस्तेमाल कर इसका यूटीलाइजेशन सर्टिफिकेट देकर अगली किश्त ले ली जाए। पैकेज के इस्तेमाल में पारदर्शिता की इस शर्त को उचित महत्व नही मिला, ऐसे में तीन साल के अरसे में राज्य सरकार को 17,913 करोड़ रुपये ही मिल पाए। पैकेज के 80,068 करोड़ रुपये में से विकास के लिए 67,046 करोड़ रुपये मंजूर किए जा चुके हैं।
ऐसे में मोदी सरकार की ओर से लगातार केंद्र सरकार की प्रतिनिधियों को भेजा गया लेकिन फायदा नहीं हुआ। सरकार ने विस्थापित कश्मीरी पंडितों के लिए घाटी में छह हजार फ्लैट बनाने के लिए 115 करोड़ इस्तेमाल नहीं किए हैं। पंडितों के लिए तीन हजार नौकरियों के लिए 1080 करोड़ के पैकेज पर काम नहीं हुआ है। सीमांत क्षेत्रों के लिए बंकर बनाने के लिए मिले 405 करोड़ भी धरे रह गए। इस समय प्रधानमंत्री विकास पैकेज के तहत 63 परियोजनाओं पर काम चल रहा है। प्रधानमंत्री ने 80068 करोड़ के विकास पैकेज को मंजूरी दी थी। बैठक में जिन योजनाओं पर चर्चा हुई, उनमें बाढ़ पीड़ितों के लिए राहत और पुनर्वास, सड़क संपर्क, बिजली आपूर्ति, स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा, पर्यटन सहित जम्मू-कश्मीर में बुनियादी ढाचा बढ़ाना शामिल है। इस 80,000 करोड़ के पैकेज में करीब 40,000 करोड़ सड़क परियोजनाओं, 11708 करोड़ रुपये बिजली और नवअक्षय उर्जा के लिए, बाढ़ प्रबंधन पर 7854 करोड़, स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए 4900 करोड़ हैं।