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जम्मू-कश्मीर में जल्द विधानसभा चुनाव करवाने के पक्ष में राज्यपाल सत्यपाल मलिक

राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने जम्मू कश्मीर में जल्द विधानसभा चुनाव करवाने की वकालत की है।

By Edited By: Published: Mon, 22 Oct 2018 02:10 AM (IST)Updated: Mon, 22 Oct 2018 09:40 AM (IST)
जम्मू-कश्मीर में जल्द विधानसभा चुनाव करवाने के पक्ष में राज्यपाल सत्यपाल मलिक
जम्मू-कश्मीर में जल्द विधानसभा चुनाव करवाने के पक्ष में राज्यपाल सत्यपाल मलिक

जम्मू, राज्य ब्यूरो। राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने जम्मू-कश्मीर में जल्द विधानसभा चुनाव करवाने की वकालत की है। उन्होंने कहा कि पीडीपी-भाजपा गठबंधन गिरने के बाद मौजूदा हालात में ऐसा नहीं लगता कि सरकार बने। पर्दे के पीछे सरकार बनाने की अटकलों पर विराम लगाते हुए उन्होंने कहा कि मैं किसी धांधली का हिस्सा नहीं बनूंगा। मुझे प्रधानमंत्री या किसी अन्य केंद्रीय नेता ने सरकार बनाने पर कोई संकेत नहीं दिया है।

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विधानसभा का कार्यकाल 2020 तक है। क्या ऐसे में जल्द चुनाव हो सकते हैं तो इसके जवाब में उन्होंने कहा कि वह चाहते हैं कि शीघ्र विधानसभा चुनाव हो जाएं। इसका फैसला केंद्र सरकार और भारतीय चुनाव आयोग ने लेना है। मेरा काम बतौर राज्यपाल और प्रशासक अपनी जिम्मेदारी निभाने का है।

अनुच्छेद 35-ए पर सरकार देगी सफाई
अनुच्छेद 35 ए पर राज्यपाल ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय में इस मामले पर हमारा प्रशासन सुनवाई को स्थगित करना चाहेगा। हम सर्वोच्च न्यायालय को बताएंगे कि जम्मू-कश्मीर में चुनी हुई लोकप्रिय सरकार नहीं है। सुनवाई को तब तक स्थगित किया जाए जब तक नई सरकार नहीं बन जाती है।

कश्मीर के हालात में बेहतरी
राज्यपाल ने कहा कि कश्मीर में हालात में बेहतरी हुई है। निकाय चुनाव में लोगों का वोट देने के लिए बाहर आना सकारात्मक पहल है। हम जमीनी सतह पर हालात को सामान्य बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं। राष्ट्रीय पुलिस शहीदी दिवस पर श्रीनगर में समारोह में भाग लेने के बाद राज्यपाल ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि निकाय चुनाव शांतिपूर्ण माहौल में संपन्न हुए हैं। इसके लिए पुलिस, नागरिक प्रशासन और लोग बधाई के पात्र है। इससे पहले भी वोट प्रतिशत कम रहे हैं। मैं इस विवाद में नहीं जाना चाहता हूं। मैं यही कहना चाहता हूं कि चुनाव शांतिपूर्ण ढंग से हो गए। इसमें लोगों का अहम योगदान रहा है। यह लोगों की भागीदारी के बिना संभव नहीं थे।

उन्होंने आगे कहा कि चुनाव में जानमाल का नुकसान न होना संतोषजनक है। चुनावों में धांधलियों होने की कोई खबर नहीं है। कश्मीर में वोट प्रतिशत कभी कम रहा है तो कभी अधिक। दिल्ली से हर एक से मुबारकबाद मिली है। निकाय चुनाव के आखिरी चरण में श्रीनगर में दस हजार से अधिक लोग वोट देने के लिए बाहर आए। वोट देने पर पत्थर बरसाए गए। उसके जवाब में उन लोगों ने पत्थर फेंके। आहिस्ता आहिस्ता हालात बदल रहे है। एक सवाल पर राज्यपाल ने कहा कि कौन मेयर होगा या नहीं, यह मेरा मकसद नहीं है।


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