लोगों से ज्यादा पाकिस्तान उठा रहा मोबाइल इंटरनेट का लाभ, फिलहाल बहाल होने की उम्मीद नहीं: राज्यपाल सत्यपाल
यहां के नेताओं के लिए सुनहरी मौका है। वे केंद्र शासित प्रदेश बनने का फायदा उठाएं और लोगों के लिए काम करें। उन्होंने जीएमसी के डाक्टरों को भी लोगों की सेवा करने के लिए कहा।
कठुआ, जागरण संवाददाता। जम्मू-कश्मीर में अभी मोबाइल इंटरनेट सेवा बहाल होने की उम्मीद नहीं है। इसके संकेत राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कठुआ में आयोजित समारोह के बाद दैनिक जागरण द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में दिया। मलिक ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में मोबाइल इंटरनेट सेवा का यहां के लोगों के बजाय पाकिस्तान अधिक लाभ उठाता है। वह इसका इस्तेमाल भारत के खिलाफ दुष्प्रचार के लिए कर रहा है। अफवाएं फैलाकर वह अपने नापाक मनसूबों को कामयाब बनाने का प्रयास करता रहता है।
इससे पहले कठुआ मेडिकल कालेज के औपचारिक उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में उनके कार्यकाल के दौरान विकास के साथ-साथ भ्रष्टाचार के खिलाफ भी बड़ी मुहिम छेड़ी गई है। जिसमें हाल ही में ऐसे कुछ बड़े फैसले लिए गए हैं। जम्मू-कश्मीर बैंक के बाद अब उन्होंने 25 हजार करोड़ रूपये के रोशनी घोटाले की जांच भी एंटी क्रप्शन ब्यूरो को सौंपी है। दोषियों को बख्श नहीं जाएगा।
जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने को लोगों के हित में बताते हुए राज्यपाल ने कहा कि हमारी सरकार ने इसका लाभ लेते हुए जम्मू से लेकर श्रीनगर तक मेडिसिटी सुविधा प्रदान करने के लिए बाहरी राज्यों से निजी कंपनियों को आमंत्रित किया है। आने वाले समय में लोगों को स्वास्थ्य की बेहतर सुविधाएं लेने के लिए दिल्ली, पंजाब आदि राज्यों में जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। राज्य में मेडिकल सुविधा देने वाली कंपिनयों से तय मापदंडों के आधार पर समझौता किया जाएगा ताकि यह सुविधा भ्रष्टाचार का कारण न बने और लोगों को जमीनी स्तर पर बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिलें। उन्होंने यह भी कहा कि उनके कार्यकाल में जम्मू-कश्मीर में आठ मेडिकल कालेजों का निर्माण शुरू हुआ है जिसमें कठुआ मेडिकल कालेज में कक्षाएं शुरू हो चुकी हैं। इसके अलावा अनंतनाग, बारामूला, डोडा, राजौरी में भी प्रक्रिया तेजी से जारी है। इसके अलावा हंदवाड़ा, कुपवाड़ा और ऊधमपुर में भी मेडिकल कालेज का निर्माण शुरू हो गया है।
निर्वाचित सरकार से ज्यादा काम हुए राज्यपाल शासन में
देश की नजर में राज्यपाल एक ऐसा व्यक्ति है जो गोल्फ खेलता है और जनता के लिए कुछ नहीं करता। अपने कार्यकाल में वह सिर्फ आराम करता है। लेकिन पिछले साल के दौरान उनके कार्यकाल में जम्मू-कश्मीर में जो विकास कार्य हुए हैं, मुझे नहीं लगता कि इतना काम निर्वाचित सरकार ने भी किया था। राज्य में विकास कार्यों में तेजी आई है। जो काम पिछले कई सालों से रूके हुए थे, उनमें पेश आ रही दिक्कतों को दूर कर जल्द शुरू करवाया जा रहा है। लोगों को जल्द उनका लाभ मिलेगा।
200 डीएसपी की हुई पदोन्नति
राज्यपाल ने कहा कि पिछले दस सालों से जम्मू-कश्मीर में डीएसपी पदोन्नति के मामले लटके हुए थे। इनमें एक मामला श्रीनगर एयरपोर्ट पर हुए आतंकी हमले में शहीद डीएसपी का भी था, जिसे आज तक उनके परिवार को शहादत के बाद मिलने वाले लाभ से वंचित रखा गया था, वह मामला हल करने के साथ 200 अन्य पदोन्नति के मामले एक झटके में हल कर दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि जब से उन्होंने राज्यपाल का कार्यभार संभाला है लोगों की बेहतरी के लिए वे दिनरात काम कर रहे हैं। इसके लिए उन्हें केंद्र में मोदी सरकार से पूरा सहयोग मिल रहा है। अगर हम उनसे एक चीज मांगते हैं, वे बिन मांगे तीन चीजें दे रहे हैं।
लोगों की सेवा करें डॉक्टर
यहां के नेताओं के लिए सुनहरी मौका है। वे केंद्र शासित प्रदेश बनने का फायदा उठाएं और लोगों के लिए काम करें। उन्होंने जीएमसी के डाक्टरों को भी लोगों की सेवा करने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि जीएमसी का उद्घाटन करते हुए उन्हें एहसास हो रहा है कि जैसे कि वह किसी मंदिर का उद्घाटन कर रहे हों। क्योंकि इस मंदिर में डाक्टरों को भगवान का रूप माना जाता है। उन्होंने अपनी पत्नी की कैंसर से हुई मौत का जिक्र करते हुए कहा कि उन्हें आज भी वह दिन याद है जब वह आपरेशन थियेटर के बाहर पत्नी का हालचाल जानने के लिए डाक्टरों का बाहर निकलने का इंतजार करते थे। उस समय उन्हें डॉक्टर भगवान से कम नजर नहीं आते थे।
पाकिस्तान नहीं जाएगा उज्ज दरिया का पानी
कठुआ में बनने वाली उज्ज मल्टीपर्पस पनबिजली परियोजना का जिक्र करते हुए कहा कि अब इसका पानी सीधा पाकिस्तान नहीं जाएगा। उसका भी इस्तेमाल अपने प्रदेश के अलावा पंजाब, हरियाणा और राजस्थान को सिंचाई के लिए दिया जाएगा। इसी दौरान उन्होंने यह भी बताया कि शाहपुर कंडी परियोजना का निर्माण भी जल्द शुरू होगा। इस परियोजना को नया रूप दिया जाएगा। राज्यपाल ने कहा कि यह मामला पिछले चालीस सालों से लटका हुआ था और केंद्र की मदद से पंजाब से बैठक कर उन्होंने केवल बीस मिनट में इस मामले को सुलझा लिया है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह, स्पीकर निर्मल सिंह, सलाहकार केके शर्मा, विजय कुमार, डिवीजनल कमिश्नर संजीव वर्मा सहित अन्य उपस्थित थे।