राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा कि कश्मीर के लोगों की जान टेलीफोन से ज्यादा जरूरी
गवर्नर सत्यपाल मलिक ने जम्मू-कश्मीर पुलिस की बहादुरी की तारिफों के पुल बांधते हुए उनकी कुर्बानियों को सलाम किया।
कठुआ, जागरण संवाददाता। राज्य में अनुच्छेद 370 हटने के बाद टेलीफोन पर लगी पाबंदियों पर लोगों की आ रही प्रतिक्रिया पर बोलते हुए राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा कि हालात को देखते हुए प्रशासन को टेलीफोन से ज्यादा लोगों की जान महत्वपूर्ण लगी। इसीलिए पाबंदियां लागू की गई। इससे पहले भी लोग बिना टेलीफोन के जीवन व्यतीत करते थे। घाटी में कुछ लोग इस सुविधा का इस्तेमाल गलत कार्य में कर रहे थे, उन पर रोक लगाने के लिए ही यह किया गया। अब स्थिति बेहतर हो चुकी है और आज से घाटी में लैंडलाइन के बाद पोस्टपेड मोबाइल सेवा भी शुरू कर दी गई है।
यह बात राज्यपाल ने सोमवार को कठुआ मेंं पुलिस की पासिंग आउट परेड कार्यक्रम में कही। उन्होंने कहा कि पर्यटकों के लिए रास्ते खोल दिए गए हैं। जल्द ही इंटरनेट सेवाएं भी बहाल कर दी जाएंगी। हालांकि कश्मीर में अभी भी कई जगह कैफे खोल कर इंटरनेट सुविधा दी जा रही है। कठुआ के सरदार पृथ्वीनंदन पुलिस ट्रेनिंग स्कूल में प्रशिक्षुओं के 26वें बैच की पासिंग आउट परेड से सलामी लेने के बाद गवर्नर सत्यपाल मलिक ने जम्मू-कश्मीर पुलिस की बहादुरी की तारिफों के पुल बांधते हुए उनकी कुर्बानियों को सलाम किया।
उन्होंने पुलिस की बहादुरी का उल्लेख करते हुए कहा कि पिछले दिनों अनंतनाग में केंद्रीय व अन्य सुरक्षा बलोंं की टुकड़ी पर आतंकियों ने हमला किया, हमले के बाद भाग रहे आंतकियोंं को कुछ ही दूरी पर खड़े जम्मू-कश्मीर पुलिस के सब इंस्पेक्टर ने अपनी जांबाजी दिखाते हुए उसे मार गिराया, लेकिन इसमें स्वयं भी शहीद हो गया। ये है जम्मू कश्मीर पुलिस का देश पर मर मिटने का जज्बा। उसने ये नहीं देखा कि आतंकियों ने किस पर हमला किया, बस हमले की सूचना मिलते ही अपना फर्ज निभाया। उसकी इस बहादुरी से आठ से दस पुलिस कर्मियों की जान बच गई।
शहीद के परिजनों को मिले एक करोड़ की राशि
राज्यपाल ने कहा कि सब इंस्पेक्टर की बहादुरी को देखते हुए मैंने केंद्र सरकार से आतंकी आपरेशन में मारे जाने वाले पुलिस कर्मी के परिवार के लिए एक करोड़ की राशी की मांग कर रखी है। जम्मू कश्मीर पुलिस के आज से 1033 नये पुलिस सिपाही बनने पर बधाई देते हुए राज्यपाल ने कहा कि ये उनके एवं उनके परिवार के लिए सौभाग्यशाली मौका है। वे आज से देश की इतनी बड़ी बहादुर पुलिस का हिस्सा बन गए हैं। उन्हें पूरी उम्मीद है कि वो अपनी ड्यूटी काे सरेअजांम निभाएंगे और देश के लिए अपने प्राण न्यौछावर करने मेंं पीछे नहीं हटेंगे। समारोह में जम्मू कश्मर पुलिस के महानिदेशक दिलबाग सिहं, आईजीपी मुकेश सिहं सहित कई अधिकारी मौजूद रहे।