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राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा- महबूबा मुफ्ती द्वारा सेना संबंधी दिए बयान को गंभीरता से न लें

राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने सेना पर भरोसा जताते हुए कहा कि महबूबा द्वारा सेना संबंधी दिए गए बयान को गंभीरता से लेने की जरुरत नहीं है। वह इसी तरह के बयानों से सत्ता में आयी थी।

By Preeti jhaEdited By: Published: Wed, 06 Feb 2019 03:25 PM (IST)Updated: Wed, 06 Feb 2019 03:25 PM (IST)
राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा- महबूबा मुफ्ती द्वारा सेना संबंधी दिए बयान को गंभीरता से न लें
राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा- महबूबा मुफ्ती द्वारा सेना संबंधी दिए बयान को गंभीरता से न लें

जम्मू, राज्य ब्यूरो। राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने बुधवार को सेना पर अपना भरोसा जताते हुए कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती द्वारा सेना संबंधी दिए गए बयान को गंभीरता से लेने की जरुरत नहीं है। वह इसी तरह के समर्थन और बयानों से सत्ता में आयी थी। वह पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती द्वारा सेना की 44 आरआर के मेजर शुक्ला द्वारा एक युवक की कथित पिटाई पर दिए गए बयान पर अपनी प्रतिक्रिया जता रहे थे।

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गौरतलब है कि गत सोमवार को दक्षिण कश्मीर के पुलवामा के रहने वाले एक युवक तौसीफ वानी को कथित तौर पर सेना की 44 आरआर के मेजर शुक्ला द्वारा प्रताड़ित करने के बाद अस्पताल में दाखिल कराना पड़ा था। तौसीफ का एक भाई जोकि सैन्यकर्मी है, राइफलमैन औरंगजेब की हत्या के सिलसिले में अपने दो अन्य साथियों संग कथित तौर पर सेना की हिरासत में है।

गत मंगलवार को पीडीपी अध्यक्षा महबूबा मुफ्ती ने तौसीफ का अस्पताल में जाकर कुशल क्षेम लिया और उसके साथ ही उन्होंने वहां मेजर शुक्ला के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए कहा था कि कहा कि मैं उम्मीद करती हूं कि राज्यपाल और कोर कमांडर इसका नोटिस लेंगे। मेजर शुक्ला से पूछताछ होगी। मैं कोर कमांडर से बात करूंगी और मेजर शुक्ला से जवाबदारी होनी चाहिए कि आखिर क्यों तौसीफ को पकड़कर आर्मी कैंप में पीटा गया। उन्होंने कहा कि अगर किसी फोजी के परिजनों के साथ ऐसा हो सकता है तो फिर आम कश्मीरियों के साथ होने वाले अत्याचार की कल्पना भी नहीं की जा सकती।

राज्यपाल सत्यपाल मलिक से जब आज पत्रकारों ने पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के बयान पर चर्चा की तो उन्होंने कहा मैं सेना के साथ खड़ा हूं, हमारे सुरक्षाबल कहीं ज्यादती नहीं करते। पुलिस के बारे में कुछ शिकायतें प्राप्त हुई थी और कुछ अधिकारियों को हमने तब्दील किया है। सेना द्वारा अगर ज्यादती की शिकायत है तो उसी जांच भी कराते हैं।

राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा कि महबूबा मुफ्ती जी की दिक्कत और और परेशानी से आपको सहानुभूति रखनी चाहिए। चुनाव का वक्त है, उनकी पार्टी टूट रही है और खराब हाल मे है। वह इसी तरह की बयानबाजी के सहारे और समर्थन से ताकत में आयी थी। उन्हें गंभीरता से लेने की जरुरत नहीं है। हमारे सुरक्षाबलों का मनोबल महबूबा जी के किसी बयान से नहीं गिरने दिया जाएगा।

इस बीच,प्रधानमंत्री कार्यालय से जुड़े राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने जम्मू एवं कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया में कहा कि मानवाधिकार के चुनिंदा मामलों में निंदा इन नेताओं की आदत है, अगर कोई आतंकी मारा जाता है तो यह तुरंत सहानुभूति प्रकट करते हैं, अगर किसी जगह किसी ने सुरक्षाबलों पर कोई आरोप लगा दिया तो यह हंगामा शुरु कर देते हैं।

लेकिन कर्तव्य का पालन करते हुए किसी सुरक्षाकर्मी की शहादत पर यह कभी सहानुभूति नहीं जताते। बीते दिनों आतंकियों ने कश्मीर में एक युवती की हत्या की,यह लोग शांत रहे। लेकिन कश्मीर की जनता अब इस दोहरेपन को समझने लगी है। चूंकी चुनाव करीब हैं इसलिसए ये लोग एक खास चुनाव क्षेत्र के लोगों का तुष्टीकरण करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन यह काम नहीं करेगा, क्योंकि पिछले चुनाव की तिकड़में इस चुनाव में काम नहीं आएंगी। 


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