Jammu Kashmir: राज्यपाल ने उमर-महबूबा को संवैधानिक प्रावधानों में बदलाव की जानकारी देने से किया इंकार
राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने नैकांईयों को बताया कि राज्य की सुरक्षा को लेकर कुछ ऐसी स्थिति पैदा हो गई थी जिससे निपटने के लिए तत्काल कुछ ठोस कदम उठाने की जरुरत है।
श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने शनिवार को कहा कि संविधान के प्रावधानों में किसी तरह के बदलाव को लेकर उन्हें कोई जानकारी नहीं है। ऐसा कुछ नहीं हो रहा है। लेकिन यहां सुरक्षा व्यवस्था को बनाए रखने के लिए कुछ ठोस कदम उठाए जाने की जरुरत है, जिन पर कार्रवाई हो रही है। इसलिए सुरक्षा मामलों को अनावश्यक रुप से अन्य मुददों के साथ जोड़कर डर का माहौल पैदा नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने यह बातें आज पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के नेतृृत्व में मिलने आए नैकां प्रतिनिधिमंडल के साथ बातचीत में कही।
राजभवन से मिली जानकारी के अनुसार, आज नेशनल कांफ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला के नेतृृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल से मुलाकात की।उमर अब्दुल्ला और उनके साथियों ने राज्यपाल को श्री अमरनाथ श्रद्धालुओं व पर्यटकों को जल्द से जल्द कश्मीर छोड़ने की प्रशासन द्वारा दी गई सलाह से पैदा हुए हालात से अवगत कराया। उन्होंने लोगों में पैदा डर और उनके द्वारा की जा रही जरुरी सामान की खरीद से पैदा हालात की जानकारी भी दी।
यहां यह बताना असंगत नहीं होगा कि बीती रात पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्षा महबूबा मुफती ने पीपुलस कांफ्रेंस के चेयरमैन सज्जाद गनी लोन और पीपुल्स यूनाईटेड फ्रंट के शाह फैसल समेत विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल की अगुआई करते हुए राज्यपाल सत्यपाल मलिक से मुलाकात की थी। लेकिन नेकां का काेई नेता महबूबा के प्रतिनिधिमंडल में शामिल नहीं हुआ था।
राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने नैकांईयों को बताया कि राज्य की सुरक्षा को लेकर कुछ ऐसी स्थिति पैदा हो गई थी जिससे निपटने के लिए तत्काल कुछ ठोस कदम उठाने की जरुरत है। श्री अमरनाथ की वार्षिक तीर्थयात्रा पर आतंकियों द्वारा हमला किए जाने की सूचना भी खुफिया तंत्र को मिली थी। इसके अलावा एलओसी पर पाकिस्तान ने अचानक ही गोलाबारी शुरु कर दी जिसका सेना ने मुंहतोड़ जवाब दिया। सेना की 15वीं कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल केजेएस ढिल्लों और राज्य पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने गत रोज एक बैठक में इसका जिक्र करते हुए आतंकी ठिकाने से बरामद हथियारों का भी ब्यौरा दियाहै। सभी परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए ही यात्रियों व पर्यटकों को जितनी जल्द हो सके, अपने घरों को लौटने की सलाह दी गई है।
राज्यपाल ने कहा कि पर्यटकों और श्रद्धालुओं को कश्मीर के हालात व भौगोलिक परिस्थितियों का पूरा पता नहीं है, आतंकी उन्हें आसानी से निशाना बना सकतेहैं। सभी नागरिकों को सुरक्षा प्रदान करना राज्य की जिम्मेदारी है। इसलिए एहतियात के तौर पर यात्रियों व श्रद्धालुओं को लौटने के लिए कहा गया है। यह सिर्फ इन लोगों व संबधित स्थानों पर आतंकी हमले की आशंका को पूरी तरह मिटाने के लिए किया गया है। लोगों की सुरक्षा काबंदोबस्त करना सरकार की जिम्मेदारी है और इसमें कई बार लोगों के लिए कुछ असुविधा भी होती है।
राजभवन के प्रवक्ता ने बताया कि राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने राज्य के विशेष दर्जे में बदलाव पर नैकां नेताओं केा बताया कि संविधान के प्रावधानों में किसी तरह के बदलाव की उन्हें कोई जानकारी नहीं है।लेकिन यहां सुरक्षा व्यवस्था को बनाए रखने के लिए कुछ ठोस कदम उठाए जाने की जरुरत है,जिन पर कार्रवाई हो रही है। इसलिए सुरक्षा मामलों को अनावश्यक रुप से अन्य मुददों के साथ जोड़कर डर का माहौल पैदा नहीं किया जाना चाहिए। एक विशुद्ध सुरक्षा प्रक्रिया को अन्य मुददों को जिनका आपस में कोई सरोकार नहीं है,आपस में जोड़ा जा रहाहै और यही लोगों में डर का कारण बन रहा है। गृहसचिव और मंडलायुक्त कश्मीर ने भी गत रोज ही स्थिति स्पष्ट कर दी थी। राज्यपाल ने राजनीतिक नेताओं से आग्रह किया कि वह अपने समर्थकों केा शांति-व्यवस्था का माहौल बनाए रखें और लगातार उड़ रही अफवाहों पर यकीन न करें।
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