एसएसी की बैठक: कश्मीरी पंडितों के पुनर्वास के प्रयास तेज, घाटी में ट्रांजिट आवासीय सुविधा, रिक्त पदों पर लिया फैसला Jammu News
एसएसी ने सितंबर 2019 तक आवश्यक टेंडरिंग प्रक्रिया को पूरा करने का भी निर्देश जारी किया। कश्मीर के विभिन्न जिलों में ट्रांजिट आवास बनाए जा रहे हैं।
श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। राज्य प्रशासनिक परिषद (एसएसी) ने विस्थापित कश्मीरी पंडितों के घाटी में पुर्नवास की ओर अहम कदम बढ़ाया है। एसएसी ने कश्मीरी विस्थापितों कर्मियों के लिए ट्रांजिट आवासीय सुविधा के बचे हुए निर्माण की टेंडर प्रक्रिया को सितंबर 2019 तक पूरा करने की समय सीमा तय कर दी है। इसके साथ ही एसएसी ने कश्मीरी पंडित विस्थापितों के लिए पीएम रोजगार पैकेज के तहत रिक्त पड़े पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया भी सितंबर तक पूरी करने को कहा है।
राज्यपाल सत्यपाल मलिक की अध्यक्षता में राज्य प्रशासनिक परिषद की बैठक हुई। इसमें वादी में कश्मीरी विस्थापितों के पुनर्वास कार्यक्रम की समीक्षा की गई। विस्थापित कश्मीरी पंडितों के पुनर्वास के लिए जारी कार्यों की प्रगति का भी जायजा लिया गया। आपदा प्रबंधन, राहत, पुनर्वास एवं पुर्निनर्माण विभाग द्वारा कश्मीरी विस्थापितों के रोजगार संबंधी मामलों पर दाखिल रिपोर्ट पर विस्तार से बैठक में चर्चा हुई।
एसएसी ने इस रिपोर्ट का संज्ञान लेते हुए पीएम रोजगार पैकेज के तहत लंबित पड़ी चयन प्रक्रिया को सितंबर 2019 तक पूरा करने को सुनिश्चित बनाने के लिए कहा। विस्थापित कर्मियों के लिए कश्मीर में ट्रांजिट आवास के बचे कार्य में तेजी लाने के लिए एसएसी ने सितंबर 2019 तक आवश्यक टेंडरिंग प्रक्रिया को पूरा करने का भी निर्देश जारी किया। कश्मीर के विभिन्न जिलों में ट्रांजिट आवास बनाए जा रहे हैं।
गौरतलब है कि वर्ष 2010 में प्रधानमंत्री पुर्निनर्माण पैकेज (पीएमआरपी) के तहत कश्मीरी विस्थापितों के लिए विभिन्न सरकारी विभागों में विभिन्न श्रेणियों के तीन हजार पद सृजित किए गए थे। इनमें से 2905 पदों पर योग्य प्रत्याशियों को नियुक्त किया जा चुका है। इसके बाद पीएमडीपी-2015 के तहत तीन हजार पद और सृजित किए गए। इनमें से 2865 पदों को विभिन्न भर्ती एजेंसियों को सौंपा गया। इनमें 1802 पदों के लिए विज्ञापन भी जारी किए गए और 914 पदों पर योग्य उम्मीदवारों की चयन सूची भी जारी कर दी गई है।
जल विद्युत और सौर ऊर्जा परियोजनाओं की टेंडर प्रक्रिया के निर्देश :
एसएसी ने राज्य ऊर्जा विकास विभाग (पीडीडी) को दो से 10 मेगावाट तक की उत्पादन क्षमता वाली परियोजनाओं के अलावा 10 मेगावाट से ज्यादा की क्षमता वाली चिन्हित सभी जल विद्युत और सौर ऊर्जा परियोजनाओं की टेंडर प्रक्रिया को 31 दिसंबर 2019 तक पूरी करने का निर्देश दिया है। बैठक में राज्य में जलविद्युत और सौर ऊर्जा उत्पादन की परियोजनाओं की मौजूदा स्थिति पर पीडीडी की स्टेटस रिपोर्ट पर विचार विमर्श हुआ। इस परियोजनाओं में कठुआ और बसोहली में भी हैं। गौरतलब है कि फरवरी 2019 में एसएसी ने अपनी बैठक में पीडीडी को दो मेगावाट से ज्यादा की क्षमता वाली और दो मेगावट तक की क्षमता वाली परियोजनाओं को पूरा करने के लिए विज्ञान एवं प्रौद्योगिक विभाग को पूरा अधिकार दिया था।