जम्मू और श्रीनगर में बदली जाएंगी पुरानी 500 डीजल बसें व मेटाडोर Jammu News
राज्य में बढ़ रहे सड़क हादसों पर अंकुश लगाने के लिए राज्यपाल प्रशासन ने एक और अहम कदम उठाया है। जम्मू और श्रीनगर शहरों में दौड़ रही पुरानी डीजल वाली 500 गाडिय़ां बदली जाएंगी।
जम्मू, राज्य ब्यूरो I राज्य में बढ़ रहे सड़क हादसों पर अंकुश लगाने के लिए राज्यपाल प्रशासन ने एक और अहम कदम उठाया है। जम्मू और श्रीनगर शहरों में दौड़ रही पुरानी डीजल वाली 500 गाड़ियां बदली जाएंगी। राज्य प्रशासनिक परिषद (एसएसी) ने शनिवार को जम्मू और कश्मीर ट्रांसपोर्ट सब्सिडी स्कीम को मंजूरी दे दी है। इसके तहत प्राइवेट ट्रांसपोर्टर, जो डीजल वाली बसें और मेटाडोर चला रहे हैं, उन्हें बदला जाएगा। इसके लिए बजट 2019-20 में 25 करोड़ का प्रावधान रखा गया है। पहले चरण में जम्मू और श्रीनगर शहरों में 250-250 पुराने वाहनों को आधुनिक वाहनों के स्थान पर बदला जाएगा। नई गाड़ियां पर्यावरण के अनुकूल व चलाने में आसान होंगी। डीजल भी कम लगेगा। इसमें बी-चार और इसके ऊपर के सभी सुरक्षा मानक होंगे।
जम्मू और श्रीनगर में प्रदूषण की समस्या भी कम होगी
राज्य परिवहन विभाग वित्त विभाग के साथ चर्चा करने के बाद गाड़ियां बदलने के लिए प्रक्रिया शुरू करेगा। ट्रांसपोर्टर प्रार्थना पत्र को मंजूरी मिलने के बाद तीन महीने में गाड़ी बदल सकेंगे। इसके लिए वह संबंधित बैंक के साथ लोन लेने के लिए समझौता करेंगे। गाड़ी खरीदने के बाद इस पर हुए पूंजी निवेश पर उसे सब्सिडी मिलेगी। यह गाड़ियां आने से जम्मू और श्रीनगर में प्रदूषण की समस्या भी कम होगी और जाम की समस्या से भी काफी हद तक छुटकारा मिलेगा।
आगनबाड़ी वर्कर्स और आगनबाड़ी हेल्परों को अब ग्राम पंचायत देंगी मानदेय
राज्यपाल प्रशासन ने पंचायतों को सशक्त बनाने के लिए भी महत्वपूर्ण फैसला लिया है। अब आगनबाड़ी वर्कर्स और आगनबाड़ी हेल्परों को ग्राम पंचायतों के जरिए मानदेय मिला करेगा। राज्यपाल सत्यपाल मलिक की अध्यक्षता में हुई एसएसी की बैठक में एकीकृत बाल विकास सेवा योजना के तहत काम कर रहे इन आगनबाड़ी वर्कर्स और आगनबाड़ी हेल्परों के मानदेय पर फैसला लिया गया। मानदेय सरकार की सीधे खाते में भेजने की योजना के तहत ही मिला करेगा। विभाग का सुपरवाइजर नोडल संयोजक होगा। ग्राम पंचायतें आगनबाड़ी केंद्रों की निगरानी और निरीक्षण करेंगी। संतुष्ट होने पर ही आगनबाड़ी वर्कर्स और हेल्परों को मानदेय मिल सकेगा। मानदेय का पैसा एडवांस में ही सरपंचों, प्रशासकों, काउंसिलरों, पंचायत काउंसिल के चेयरपर्सन के खाते में जाएगा और फिर डीबीटी के जरिए वे आगे वितरित करेंगे। सरकार ने पहले ही पौष्टिक आहार खरीदने का जिम्मा पंचायतों के हवाले कर दिया है। आगनबाड़ी वर्कर्स और आगनबाड़ी हेल्परों के लिए मासिक 24.43 करोड़ रुपये मानदेय के लिए जारी किए जाएंगे। वहीं ग्राम पंचायतों को 243.53 करोड़ रुपये पौष्टिक आहार खरीदने के लिए उपलब्ध करवाए जाएंगे।
सभी वृद्धों, विधवा महिलाओं और दिव्यांगों को पेंशन के दायरे में लाया जाएगा
सभी वृद्धों, विधवाओं और दिव्यांगों को हर हाल में पेंशन योजना के दायरे में लाया जाएगा। पेंशन आवंटन में पारदर्शिता लाने और पेंशन जारी होने में देरी को रोकने के लिए राज्य प्रशासनिक काउंसिल ने इसे आधार से जोड़कर सीधे खाते में पैसा डालने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। सभी डिप्टी कमिश्नरों से कहा गया है कि वे अपने जिलों में लंबित पड़े मामलों की जांच करें। यह सुनिश्चित किया जाए कि कोई भी वृद्ध, विधवा या दिव्यांग पेंशन से महरूम न रह जाए। आधार नंबर के साथ सारे मामले समाज कल्याण विभाग को 31 जुलाई तक भेजे जाएं। यह सारी प्रक्रिया सितंबर तक पूरी हो जानी चाहिए।
एसएसी ने आदेश दिए कि चालीस साल से कम आयु की विधवा महिला को भी शामिल किया जाए। समाज कल्याण विभाग दो योजनाओं के तहत पेंशन उपलब्ध करवाता है, इसमें राष्ट्रीय समाजिक सहायता कार्यक्रम और एकीकृत सामाजिक सुरक्षा योजना शामिल है। पेंशन के हजारों मामले लंबित पड़े हुए हैं। बैक टू विलेज कार्यक्रम के दौरान भी लोगों ने इन मुद्दों को प्रमुखता से उठाया था।