यहां भी 12 साल से कम उम्र बच्चों से दुष्कर्म के दोषियों को मिलेगी मौत की सजा
कानून मंत्री ने कहा कि रसाना कांड अत्यंत निंदनीय है। कोई भी इंसान ऐसा करने के बारे में नहीं सोच सकता। ऐसे लोगों को कठोर दंड देना जरूरी है।
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। जम्मू कश्मीर सरकार जल्द ही राज्य में 12 साल से कम उम्र के बच्चों से दुष्कर्म के दोषियों को मौत की सजा देने का अध्यादेश लाएगी। कानून मंत्री अब्दुल हक खान ने कहा कि केंद्र का अध्यादेश हमारे राज्य में लागू नहीं हो सकता, इसलिए हम भी ऐसे ही एक अध्यादेश का प्रारूप तैयार कर अगले सप्ताह राज्य कैबिनेट की बैठक में पेश करेंगे।
कानून मंत्री ने कहा कि रसाना कांड अत्यंत निंदनीय है। कोई भी इंसान ऐसा करने के बारे में नहीं सोच सकता। ऐसे लोगों को कठोर दंड देना जरूरी है। बच्चों से दुष्कर्म करने वालों को मौत की सजा मिले इसके लिए हमने एक कानून की तैयारी कर ली है। अभी विधानमंडल का सत्र नहीं चल रहा है, इसलिए हमने ऐसा कानून अध्यादेश के जरिये लागू करने का फैसला किया है। अध्यादेश का प्रारूप तैयार हो चुका है। अगले सप्ताह राज्य कैबिनेट की बैठक में इसका अनुमोदन कर दिया जाएगा। उन्होंने रसाना कांड में राज्य पुलिस की अपराध शाखा की जांच को सराहते हुए कहा किा हमारी पुलिस ने निष्पक्ष तरीके से जांच करते हुए अपराधियों को पकड़ा है।
रसाना कांड में किसी को फंसाया नहीं गया है और न जांच में किसी तरह की अड़चन आने दी गई है। इस मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक स्तर पर होगी । कानून मंत्री ने कहा कि रसाना कांड को लेकर जिस तरह से कुछ लोगों ने सियासत की है, वह शर्मनाक है।
राज्य सरकार ने सभी कोचिंग सेटर को 3 महीने बंद करने का दिया आदेश
जम्मू-कश्मीर में लगातार जारी विरोध प्रदर्शन के चलते सरकार ने अगले तीन महीनों तक कोचिंग सेंटर बंद करने का आदेश दिया है। छात्रों के लगातार प्रदर्शनों के देखते हुए ये फैसला लिया गया है। शिक्षा मंत्री अल्ताफ बुखारी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि राज्य सरकार छात्रों को स्कूली शिक्षा प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित कर रही है। ऐसे कई कारण है जिनसे छात्रों का ध्यान पढ़ाई से हट रहा है। कोचिंग सेंटर भी उनमें से एक कारण हैँ। इनके कारण बच्चे स्कूल से दूर हो रहे हैं। सरकार 90 दिनों के बाद फिर से इस फैसले पर समीक्षा करेगी।
कोचिंग संस्थानों को बंद करने का फैसला शिक्षा मंत्री ने वादी के सभी सरकारी स्कूलों के प्रिंसिपलों, सभी जिला मुख्य शिक्षाधिकारियों और क्षेत्रीय शिक्षाधिकारियों के साथ बैठक में शिक्षा क्षेत्र से जुड़े मुद्दों पर विचार-विमर्श के दौरान लिया है। छात्रों के हिंसक प्रदर्शनों और पुलिस कार्रवाई संबंधी सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि छात्रों ने कठुआ मामले पर अपना गुस्सा जता दिया है। मेरी उनसे अपील है कि वह स्कूलों में लौटें, में छात्रों से आग्रह करता हूं कि वह अपनी पढ़ाई की तरफ ध्यान दें, हमारे बच्चे हमारा भविष्य है, हम उन्हें बर्बाद होते नहीं देख सकते। आप हमारा कल हो, अपनी कक्षाओं में लौट आओ। उन्होंने कहा कि पुलिस कहीं भी स्कूलों के बाहर नहीं है,वह सिर्फ विधि व्यवस्था बनाए रखने के लिए है,स्कूल चलाने के लिए नहीं। शिक्षामंत्री ने कहा कि मेरी इस छात्रों के अभिभावकों से भी अपील है कि वह शिक्षा स्तर बेहतर बनाने में हमारा सहयोग करें।
गौरतलब है कि कठुआ के रसाना में आठ वर्षीय बच्ची की दुष्कर्म के बाद हत्या के मामले पर कश्मीर में छात्र लगातार अपनी कक्षाओं का बहिष्कार कर सड़कों पर उग्र प्रदर्शन कर रहे हैं। राज्य प्रशासन ने इन प्रदर्शनों पर काबू पाने के लिए शिक्षण संस्थानों को भी बंद रखा, लेकिन छात्रों के प्रदर्शनों का सिलसिला लगातार जारी है।