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जम्मू संभाग के 82 सरकारी स्कूलों का परिणाम शून्य रहा

जम्मू संभाग के 82 स्कूलों में दसवीं कक्षा का परिणाम शून्य से बीस प्रतिशत के बीच आना शिक्षा प्रणाली पर प्रश्न चिन्ह लगाता है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Sat, 18 May 2019 11:34 AM (IST)Updated: Sat, 18 May 2019 11:34 AM (IST)
जम्मू संभाग के 82 सरकारी स्कूलों का परिणाम शून्य रहा
जम्मू संभाग के 82 सरकारी स्कूलों का परिणाम शून्य रहा

जम्मू, [ सतनाम सिंह ] । जम्मू संभाग के 82 स्कूलों में दसवीं कक्षा का परिणाम शून्य से बीस प्रतिशत के बीच आना शिक्षा प्रणाली पर प्रश्न चिन्ह लगाता है। राज्य के सरकारी स्कूलों में बुनियादी ढांचे की कमी, शिक्षा का गिरता स्तर, जवाबदेही की कमी ऐसे कई कारण है जो शिक्षा का स्तर बढ़ाने में रोड़ा अटका रहे है। हाल ही में घोषित हुए राज्य स्कूल शिक्षा बोर्ड की दसवीं कक्षा के समर जोन के परिणाम में 82 स्कूलों का पास प्रतिशत शून्य से बीस प्रतिशत के बीच रहा है। इसमें अगर नब्बे प्रतिशत अगर सरकारी स्कूल है तो प्राइवेट स्कूल भी अछूते नहीं रहे है।

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बात अगर जम्मू शहर की कर ली जाए तो पता चलता है कि 16 स्कूलों का पास प्रतिशत शून्य से बीस प्रतिशत रहा है। इसमें 7 सरकारी और 9 प्राइवेट स्कूल शामिल है। ऊधमपुर में दो स्कूल ऐसे है जिनका परिणाम शून्य से बीस प्रतिशत के बीच रहा है और यह दोनों ही स्कूल प्राइवेट है। यह पहली बार नहीं है जब सरकारी स्कूलों का परिणाम शून्य या दस बीस प्रतिशत से कम रहा है। विभाग हर बार मंथन करता है। कई बार अध्यापकों की इंक्रीमेंट रोकता है, नोटिस जारी किए जाते है लेकिन अगले साल फिर से हालात वही बन जाते है।

शिक्षा को लेकर कोई कारगर नीति नहीं

शिक्षा को लेकर कोई कारगर नीति का अभाव होने के कारण ही स्कूली शिक्षा का स्तर बिगड़ता जा रहा है। शिक्षा के ढांचे को मजबूत करने के सरकार के प्रयास सफल नहीं हो पाते है क्योंकि इनमें गंभीरता की कमी रहती है। पूर्व पीडीपी-भाजपा के करीब चार साल के कार्यकाल में तीन शिक्षा मंत्री बदल दिए गए। स्वर्गीय पूर्व मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद ने नईम अख्तर को शिक्षा मंत्री का प्रभार सौंपा था। उसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री महूबबा मुफ्ती ने अल्ताफ बुखारी को शिक्षा मंत्री बनाया। उसके कुछ दिनों के बाद चौधरी जुल्फिकार अली को शिक्षा मंत्री बनाया।

इस बीच जैसे ही शिक्षा मंत्री ने शिक्षा नीति को लेकर प्रयास शुरु किए तो उनके विभाग बदले गए। नए मंत्रियों ने अपने सिरे से काम शुरु करवाया। अब चूंकि राष्ट्रपति शासन लागू है। राज्यपाल प्रशासन की तरफ से पिछले कुछ समय से स्कूलों का बुनियादी ढांचा मजबूत करने के लिए कई कदम उठाए है। उनके सकारात्मक प्रयासों के नतीजें आने में थोड़ा समय तो लगेगा ही। जम्मू शहर के कुल 16 स्कूलों का दसवीं कक्षा में परिणाम शून्य से बीस प्रतिशत के बीच रहा है। इनमें सात सरकारी व नौ प्राइवेट स्कूल शामिल है। रियासी जिला में 15 स्कूलों का परिणाम शून्य से बीस प्रतिशत के बीच रहा है।

जम्मू शहर के सरकारी स्कूल पास प्रतिशत

1. सरकारी ब्वांयज हायर सेकेंडरी स्कूल गोल गुजराल 10 प्रतिशत

2. लड़कियों का हाई स्कूल डोगरा हाल 16.67 प्रतिशत

3. लड़कियों का हायर सेकेंडरी स्कूल बख्शी नगर 0 प्रतिशत

4. सरकारी हाई स्कूल बठिंड़ी 17.39 प्रतिशत

5. सरकारी हाई स्कूल छन्नी रामा 0 प्रतिशत

6. सरकारी हाई स्कूल चाटा सुंजवा 0 प्रतिशत

7. सरकारी हाई स्कूल कासिम नगर बाहूफोर्ट 10 प्रतिशत

शिक्षा विभाग खराब परिणाम वाले स्कूलों का आकलन कर रहा है

डायरेक्टर स्कूल एजूकेशन जम्मू अनुराधा गुप्ता का कहना है कि शिक्षा विभाग खराब परिणाम वाले स्कूलों का आकलन कर रहा है। इस मुद्दे को विभाग ने गंभीरता से लिया है। सारे आंकड़े जुटा कर हम व्यापक विचार विमर्श करेंगे। यह पता लगाया जाएगा कि इसके लिए कौन जवाबदेह है। विभाग इस पर काम कर रहा है। निश्चित तौर पर कार्रवाई की जाएगी।  

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