Jammu : नालों को चौड़ा करने का प्रोजेक्ट बनाए सरकार
अगर जम्मू को हैदराबाद मुंबई जैसे जलभराव से बचाना है तो अभी जल निकासी नीति बनानी होगी। अगले बीस वर्षों में पानी की निकासी को मद्देनजर रखते हुए नालों को चौड़ा करना होगा। जम्मू स्मार्ट सिटी के तहत इस प्रोजेक्ट को सिरे चढ़ाने की जरूरत है।
जम्मू, जागरण संवाददाता । अगर जम्मू को हैदराबाद, मुंबई जैसे जलभराव से बचाना है तो अभी जल निकासी नीति बनानी होगी। अगले बीस वर्षों में पानी की निकासी को मद्देनजर रखते हुए नालों को चौड़ा करना होगा। जम्मू स्मार्ट सिटी के तहत इस प्रोजेक्ट को सिरे चढ़ाने की जरूरत है। तभी आने वाले वर्षों में जम्मू शहर को जलभराव जैसी समस्या से बचाया जा सकेगा। यही समय है जब प्रभावी नीति बनाई जाए। नालों पर हुए अतिक्रमण को हटाया जाए। इसके लिए चाहे लोगों को मुआवजा ही क्यों न देना पड़े।
यह शब्द जम्मू नगर निगम की पब्लिक हेल्थ एंड सेनिटेशन कमेटी के चेयरमैन बलदेव सिंह बलोरिया ने शुक्रवार को पत्रकार वार्ता के दौरान कहे। उन्होंने कहा कि कॉरपोरेटरों के चुने जाने और प्रयासों के चलते जम्मू शहर स्वच्छता सर्वेक्षण में 105 अंकों की बढ़ोतरी के साथ 214वें स्थान पर रहा। हमारे प्रयास जारी हैं। हम दो अंकों में आने के लिए प्रयासरत हैं। उन्होंने पत्रकार वार्ता में नालों पर अतिक्रमण का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि अतिक्रमण के कारण नालों की कुल लंबाई काफी हद तक कम हो गई है। बड़े नालों को अब अतिक्रमण के कारण छोटे नालों और छोटे नालों को नालियों में बदल दिया गया है। जम्मू नगर निगम हर साल फरवरी के महीने से 104 बड़े नालों और 171 गहरी नालियों के काम को शुरू करता है, लेकिन नालों पर अतिक्रमण के कारण जलभराव रोक पाना मुश्किल होता है। पानी अपनी जगह बना ही लेता है। जो नाले दो सौ फुट हुआ करते थे, वो अब 20 फुट भी नहीं रहे।
बारिश के मौसम के दौरान पानी ओवरफ्लो हो जाता है, जिससे तबाही मचती है। बलोरिया ने उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से आग्रह किया कि स्मार्ट ड्रेनेज सिस्टम के बारे में एक नीति आगामी 20 वर्षों को ध्यान में रखते हुए तैयार करवाएं ताकि जम्मू शहर को बेहतर जल निकासी मिल सके। स्मार्ट सिटी के तहत इस प्रोजेक्ट को तैयार करें। जैसे सड़क चौड़ीकरण में मुआवजा देकर लोगों को हटा दिया जाता है। ऐसे ही नालों को चौड़ा करें। इसमें किसी को भी बख्शा नहीं जाए तभी भविष्य का शहर जलभराव से बचेगा। बलोरिया ने यह भी कहा कि जिन लोगों ने नालों का अतिक्रमण किया है, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। अतिक्रमित नाले की भूमि को पुन: प्राप्त करने में कोई भेदभाव नहीं होगा और उन लोगों को भी मुआवजा प्रदान किया जाएगा, जिनकी स्वामित्व वाली भूमि चौड़ीकरण परियोजना में आती है। इस मौके पर निगम की साेशल जस्टिस कमेटी के चेयरमैन जीत कुमार अंग्राल भी मौजूद थे। अंग्राल ने बेहतर जल निकासी नीति को समय की जरूरत बताया। उन्होंने कहा कि यह समय की मांग है। उपराज्यपाल इसमें देरी न करें। नालों के चौड़ीकरण का प्रोजेक्ट पारित करवाएं।