Jammu Kashmir : मनरेगा के तहत काम करने वाले 23.5 लाख कर्मियों का सरकार ने नहीं किया भुगतान, देनदारी 29108.96 लाख पहुंची
जनहित याचिका में कहा गया कि प्रदेश में 23.5 लाख मनरेगा कर्मी है जिनमें से 15.43 लाख ऐसे है जो अभी भी मनरेगा के तहत काम कर रहे हैं। जनहित याचिका में कहा गया कि नियमानुसार मनरेगा कर्मियों को पंद्रह दिनों के भीतर भुगतान होना चाहिए।
जम्मू, जागरण संवाददाता :जम्मू-कश्मीर में मनरेगा योजना के तहत काम करने वाले 23.5 लाख ग्रामीणों को सरकार की ओर से पूरा भुगतान नहीं न किए जाने को लेकर आल जम्मू एंड कश्मीर पंचायत कांफ्रेंस ने हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की है।
जनहित याचिका इन लाखों कर्मियों को जल्द से जल्द भुगतान किए जाने की मांग करते हुए कहा गया है कि जम्मू-कश्मीर में 23.5 लाख लोग वर्ष 2015 से मनरेगा के तहत काम कर रहे हैं लेकिन उन्हें आज तक काम का पूरा भुगतान नहीं किया गया। लिहाजा सरकार को इन कर्मियों का भुगतान करने के निर्देश दिए जाए। हाईकाेर्ट के डिवीजन बेंच ने इस पर केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय व प्रदेश ग्रामीण विकास विभाग को नोटिस जारी करते हुए पूछा कि बताया जाए कि हाईकोर्ट इस जनहित याचिका को स्वीकार कर कार्रवाई क्यों शुरू न करें?
जनहित याचिका में कहा गया कि प्रदेश में 23.5 लाख मनरेगा कर्मी है जिनमें से 15.43 लाख ऐसे है जो अभी भी मनरेगा के तहत काम कर रहे हैं। जनहित याचिका में कहा गया कि नियमानुसार मनरेगा कर्मियों को पंद्रह दिनों के भीतर भुगतान होना चाहिए लेकिन यहां तो 2015 से पूरा भुगतान नहीं किया गया। जनहित याचिका में कहा गया कि आज के समय में सरकार पर 29108.96 लाख की देनदारी है।
इसमें से सरकार ने 19224.69 लाख रुपये अकुशल कारीगरों का भुगतान करना है जबकि 9884.27 लाख रुपये का भुगतान कुशल व अर्द्धकुशल कारीगरों के भुगतान का बकाया है। जनहित याचिका में आगे कहा गया कि कोरोना महामारी जैसे मुश्किल दौर में भी सरकार की ओर से इन कर्मियों को भुगतान नहीं किया गया जिससे मनरेगा के तहत काम करने वाले ये गरीब आर्थिक मंदी से जूझ रहे हैं, लिहाजा सरकार को तत्काल इनका भुगतान करने के निर्देश दिए जाए।