J&K: चुनाव होने तक खानाबदोश गुज्जर समुदाय के मवेशी लेकर हाइवे पर उतरने पर रोक
महबूबा मुफती ने इस मामले को राजनीतिक रंग देते हुए कहा कि जम्मू कश्मीर में प्रशासन एक के बाद एक कर जनविरोधी और अन्यायाेचित्त फैसले ले रहा है।
जम्मू, राज्य ब्यूरो। सुरक्षाबलों के काफिलों की सुरक्षा के लिए हाईवे को सप्ताह में दाे दिन आम नागरिकों के लिए बंद रखने के फैसले के बाद राज्य प्रशासन ने अब खानाबदोश गुज्जर समुदाय पर अपने माल मवेशी लेकर जम्मू से वादी की तरफ जाने पर भी रोक लगा दी है। पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने इस फैसले का विरोध करते हुए राज्यपाल सत्यपाल मलिक से चर्चा भी की।
राज्य में जारी मौजूदा चुनाव प्रक्रिया के दौरान हाइवे पर किसी तरह की कानून व्यवस्था के संकट की स्थिति पैदा न हो, इस पहलू को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने कथित तौर पर यह प्रक्रिया पूरा होने तक इन लोगों को अपने माल-मवेशी संग पैदल उधमपुर से आगे हाईवे पर चलने पर तथाकथित रोक लगाई है। इस संदर्भ में जब संबधित अधिकारियों से संपर्क किया गया तो उन्होंने इस मुद्दे पर अपनी चुप्पी साध ली।
यहां यह बताना असंगत नहीं होगा कि खानाबदोश गुज्जर-बक्करवाल समुदाय गाय-भैंस, भेड़-बक्करी और घोड़े पालता है। यह गर्मियाें की शुरुआत में मार्च माह के अंत में जम्मू के नीचले मैदानी इलाकों से जम्मू संभाग के पहाड़ी इलाकों और कश्मीर घाटी में स्थित चरागाहों के लिए प्रस्थान शुरु कर देता है। अक्तूबर माह के अंत में यह फिर निचले इलाकों की तरफ आने लगता है।
अलबत्ता, पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्षा महबूबा मुफती ने इस मामले को राजनीतिक रंग देते हुए कहा कि जम्मू कश्मीर में प्रशासन एक के बाद एक कर जनविरोधी और अन्यायाेचित्त फैसले ले रहा है। खानाबदोश गुज्जर समुदाय कोचुनाव प्रक्रिया के पूरे होने तक अपने माल मवेशी को जम्मू से घाटी ले जाने से रोकना एक संवेदनहीन और गलत फैसला है। यह लोग चुनावों के पूरा होने तक इंतजार नहीं कर सकते।
महबूबा मुफती ने इस मुददे पर टवीट भी किया और कहा कि राज्यपाल सत्यपाल मलिक से उनकी इस मुददे पर बातचीत हुई है। राज्यपाल ने उन्हें इस मामले को हल करने का पूरा यकीन दिलाया है।