सुख समृद्धि के लिए हुई गोवर्धन पूजा, भगवान कृष्ण को भाेग लगाया
यह पर्व कार्तिक माह की प्रतिपदा को मनाया जाता है। गोवर्धन त्योहार को अन्नकूट पर्व भी कहा जाता है। इस दिन गोवर्धन पर्वत की पूजा अर्चना और परिक्रमा कर भगवान कृष्ण को भोग लगाया गया।
जेएनएन, जम्मू। परिवार की सुख समृद्धि के लिए शहर में कई स्थानों पर गोवर्धन पूजा की गई। लोगों ने गाय के गोबर से गोबर्धन पर्वत बनाया और पूजा अर्चना की। श्री कृष्ण मंदिर शांतिनगर, राधा कृष्ण मंदिर पंजतीर्थी, गोशाला अम्बफला और कई स्थानों पर लोगों ने सामूहिक पूजा अर्चना की। यह पर्व कार्तिक माह की प्रतिपदा को मनाया जाता है। गोवर्धन त्योहार को अन्नकूट पर्व भी कहा जाता है। इस दिन गोवर्धन पर्वत की पूजा अर्चना और परिक्रमा कर भगवान कृष्ण को भोग लगाया गया।
श्रीकृष्ण मंदिर शांति नगर में सत्संग के दौरान महात्मा अभय राज ने बताया कि ब्रजवासियों की रक्षा के लिए भगवान श्रीकृष्ण ने अपनी दिव्य शक्ति दिखाते हुए विशाल काय गोवर्धन पर्वत को महज छोटी अंगुली पर उठाकर हजारों जीव-जतुंओं और इंसानी जिंदगियों को भगवान इंद्र के कोप से बचाया था। मान्यता है कि इस दिन जो भी श्रद्धापूर्वक भगवान गोवर्धन की पूजा करता है। उसे सुख समृद्धि प्राप्त होती है। माना जाता है कि गोवर्धन पर्व के दिन गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है।
गोशाला में गाय के गोबर से गोबर्धन तैयार किया गया। गोबर्धन तैयार करने के बाद उसे फूलों से सजाया गया और शाम के समय इसकी पूजा की गई। पूजा अर्चना में भाग लेने वालों का उत्साह देखते ही बनता था। लोगों ने घरों में प्रतीकात्मक तौर पर गोवर्धन बनाकर उसकी पूजा की गई और उसकी परिक्रमा की गई। श्रीकृष्ण मंदिर शांति नगर में पूजा अर्चना के उपरांत लंगर का भी आयोजन किया गया था।