Jammu : श्रद्धापूर्वक मनाई जा रही गोपाष्टमी, जगह-जगह गो पूजा, हवन का आयोजन
जम्मू-कश्मीर गौ रक्षा समिति के अध्यक्ष राज कुमार गुप्ता ने बताया कि कैसे लोगाें के सहयाग से गोशाला चल रही है। उन्हें गो शाला की विस्तारपूर्वक जानकारी दी गई। बताया गया कि कैसे बीमार और बुढ़डी गायों का ध्यान रखा जाता है।कैसे उनका उपचार आदि करवाया जाता है।
जम्मू, जागरण संवाददाता । गायों की पूजा का पर्व गोपाष्टमी रविवार को मंदिरों के शहर जम्मू और आसपास के क्षेत्रों में धार्मिक आस्था एवं श्रद्धा के साथ मनाया जा रहा है। घर-घर में गरो पूजा की गई।मुख्य कार्यक्रम गोशाला अम्फला जम्मू में जम्मू-कश्मीर गो रक्षा समिति के अध्यक्ष राजकुमार की अध्यक्षता में किया गया। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे। उन्होंने भी गो पूजन कर आश्वासन दिया कि गोशाला को जिस तरह के सहयोग की जरूरत होगी। उनका पूरा सहयाेग किया जाएगा। उन्होंने लोगों से भी अग्रह किया कि वह गाय को शहरों में खुला न छोडे़। उनके चारे का खास ध्यान रखा जाना चाहिए। इस बात का खास ध्यान रखा जाना चाहिए कि गाय पालिथीन न खाए।
जम्मू-कश्मीर गौ रक्षा समिति के अध्यक्ष राज कुमार गुप्ता ने बताया कि कैसे लोगाें के सहयाग से गोशाला चल रही है। उन्हें गो शाला की विस्तारपूर्वक जानकारी दी गई। बताया गया कि कैसे बीमार और बुढ़डी गायों का ध्यान रखा जाता है।कैसे उनका उपचार आदि करवाया जाता है। उन्हें यह बताया कि नसल सुधार के लिए भी गोशाला प्रयासरत है। इसके अलावा पूजा के लिए किसी को गाय चाहिए होती है तो उसमें भी गोशाला प्रबंधन का पूरा सहयाेग रहता है।
इस मौके हवन का भी आयोजन किया गया था, जिसमें कई गण्मान्य लोगों ने भाग लिया। पूर्णाहुति में भाग लेने वालों में बड़ी संख्या में नलगरवासी मौजूद रहे। कार्यक्रम के अंत में प्रसाद वितरित किया गया। गोशाला में सुबह से लोग गाय पूजा के लिए आने लगे थे। गो पूजा के उपरांत गायों को पुष्प माला पहनाई गई।लोगों ने गायों को चारा डाला एवं यथा संभव दान किया। इस मौके पर राज कुमार गुप्ता ने बताया कि कार्तिक शुक्ल पक्ष की अष्टमी के दिन भगवान श्री कृष्ण को गायों को चराने के लिए वन में भेजा गया था।यशोदा मईया भगवान श्रीकृष्ण को प्रेमवश कभी गौ चारण के लिए नहीं जाने देती थीं। लेकिन एक दिन कन्हैया ने जिद कर गौ चारण के लिए जाने को कहा। तब यशोदा जी ने ऋषि शांडिल्य से कहकर मुहूर्त निकलवाया और गोपाष्टमी के दिन सुबह अपने श्रीकृष्ण को गौ चारण के लिए भेजा। गोपाष्टमी के विषय में और भी कथाएं है।