गोल्डन जुबली समारोह के नाम रहेगा जम्मू विवि का अगला साल
सतनाम ¨सह, जम्मू : जम्मू विश्वविद्यालय ने अपने स्थापना से पचास वर्ष पूरे कर लिए हैं। विश्वविद्यालय अपने पचास
सतनाम ¨सह, जम्मू : जम्मू विश्वविद्यालय ने अपने स्थापना से पचास वर्ष पूरे कर लिए हैं। विश्वविद्यालय अपने पचास वर्ष पूरे होने की खुशी में गोल्डन जुबली मनाएगा। इसके लिए एक वर्ष तक बड़े पैमाने पर कार्यक्रम होंगे। इसकी रूपरेखा तैयार की जा रही है। कश्मीर एंड जम्मू यूनिवर्सिटी एक्ट 1969 के तहत जम्मू विश्वविद्यालय स्थापित किया गया था। नैक की तरफ से ए प्लस ग्रेड हासिल करने वाले जम्मू विश्वविद्यालय का जम्मू संभाग के दस जिलों तक क्षेत्राधिकार है। इससे करीब चालीस डिग्री कॉलेज, पचास के करीब प्राइवेट बीएड कॉलेज, मेडिकल कॉलेज जम्मू, तीन इंजीनियरिंग कॉलेज व विभिन्न प्रोफेशनल कॉलेज मान्यता प्राप्त है। जम्मू विश्वविद्यालय ने 1969 में अपनी स्थापना के बाद पीछे मुड़ कर नहीं देखा और तरक्की के रास्ते पर चलता गया। गोल्डन जुबली समारोहों की शुरुआत विभागों की तरफ से सेमिनार व कांफ्रेंस से हो चुकी है। दो विभाग गोल्डन जुबली समारोहों के तहत कार्यक्रम करवा चुके हैं। तैयारियों के लिए कुछ कमेटियों का गठन हो चुका है और अगले कुछ दिनों में और कमेटियों का गठन हो जाएगा। साल भर अकादमिक, सांस्कृतिक, ज्ञानवर्धक और खेलकूद की गतिविधियां चलेंगी और इनका समापन अक्टूबर 2019 में होगा। डीन स्टूडेंट वेलफेयर प्रो. शैलेंद्र ¨सह ने बताया कि विश्वविद्यालय के गोल्डन जुबली समारोहों के लिए एक कैलेंडर बनाया जा रहा है। इस कैलेंडर के तहत अनेक तरह की गतिविधियां करवाई जाएंगी। सांस्कृतिक गतिविधियों में देश व विदेश के कलाकारों को बुलाएंगे। विश्वविद्यालय प्रबंधन चाहता है कि जम्मू विश्वविद्यालय के गोल्डन जुबली समारोह को लंबे समय तक याद रखा जाए। विश्वविद्यालय की देश विदेश पर पहचान को और प्रमुखता से उजागर करने के लिए हम यादगार कार्यक्रम करवाएंगे जिनकी रूपरेखा शीघ्र ही बन कर तैयार हो जाएगी। जम्मू विवि में चलेंगे ई-रिक्शा
जम्मू विश्वविद्यालय में शीघ्र ही ई-रिक्शा चलाए जाएंगे। ई-रिक्शा उपलब्ध करवाने में जम्मू कश्मीर बैंक सहयोग करेगा। शुरुआती दौर में तीन ई-रिक्शा चलाए जाएंगे। यह ई-रिक्शा कैंपस में चलेंगे और विशेषकर विशेष विद्यार्थियों को इसकी सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी। जनवरी के पहले सप्ताह में ई-रिक्शा चलने शुरू हो जाएंगे। अगर विश्वविद्यालय में कोई बुजुर्ग कामकाज के सिलसिले में आता है तो उसे भी इसकी सुविधा उपलब्ध हो जाएगी। इसके लिए कोई किराया नहीं लिया जाएगा। वर्ष 2014 में हुई थी साइंस कांग्रेस
जम्मू विश्वविद्यालय में अंतिम ऐतिहासिक व अहम कार्यक्रम साइंस कांग्रेस साल 2014 में हुई थी। यह पहली बार था जब साइंस कांग्रेस करवाने का सौभाग्य जम्मू विवि को मिला था। साइंस कांग्रेस का उद्घाटन तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन ¨सह ने किया था जिसमें पूर्व राष्ट्रपति स्व. एपीजे कलाम, प्रो. यशपाल समेत देश विदेश के शिक्षाविद् शामिल हुए थे। इससे पहले जम्मू विवि में नार्थ जोन सांस्कृतिक महोत्सव उम्मीद और दक्षिण एशिया सांस्कृतिक महोत्सव हारमनी भी हो चुके हैं। जब जनरल जोरावर ¨सह ऑडिटोरियम बना था तो उस समय एक सप्ताह तक सांस्कृतिक कार्यक्रम चले थे जिसमें देश के प्रमुख कलाकारों ने भाग लिया था।