Militancy in Kashmir: हम आतंकियों को भी मारना नहीं चाहते, आत्मसमर्पण का दिया जाता है मौका: जीओसी राजू
उन्होंने कहा कि इस प्रकार की घटनाओं से पूरे क्षेत्र में आतंकी लोगों को भड़काने का प्रयास करते हैं और यहीं से दुष्प्रचार शुरू होता है।
श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। श्रीनगर आधारित 15 कोर के जनरल आफिसर कमांडिंग (GOC)बीएस राजू का कहना है कि सुरक्षाबल आतंकवादियों को मारना नहीं चाहते, हर आतंकवादी को आत्मसमर्पण का अवसर दिया जाता है। चिनार कोर के अधिकारिक ट्वीटर हैंडल पर एक वीडियो संदेश में जीओसी ने बिजबेहाड़ा में छह साल के बच्चे की हुई मौत का जिक्र करते हुए कहा कि किसी की भी जिंदगी जाना एक दुखद घटना होती है। उन्होंने कहा कि हाल ही में सोपोर में एक 65 वर्षीय व्यक्ति की भी क्रास फायरिंग में मौत हो गई थी। यह दुर्भाग्यपूर्ण है। इस व्यक्ति के शव पर उसके नाती के बैठने की फोटो भी काफी वायरल हुई थी। जीओसी ने कहा कि यह दृश्य काफी भावनात्मक था।
उन्होंने कहा कि सेना ने कश्मीर में कई सफल आपरेशन किए हैं। आतंकी अपने आप को बचाने के लिए घनी आबादी वाले क्षेत्रों में छिप जाते हैं। बिजबेहाड़ा और सोपोर में भी उन्होंने ऐसा ही किया। इन दोनों जगहों पर हुई मुठभेड़ में सीआरपीएफ के जवान शहीद भी हुए और कुछ घायल भी हुए। सोपोर में तो आतंकवादियों ने छिपने के लिए एक मस्जिद का सहारा लिया। आतंकियों ने वहां से सुरक्षाबलों को निशाना बनाया। तलाशी के दौरान हमें मस्जिद से खाली 60 राउंड मिले। इनमें से उन्होंने 10 का उपयोग सुरक्षाबलों पर किया था जबकि पचास का उपयोग वहां से भागने के लिए। इन्हीं 50 राउंड फायरिंग में सिविल लोग निशाना बने।
उन्होंने कहा कि इस प्रकार की घटनाओं से पूरे क्षेत्र में आतंकी लोगों को भड़काने का प्रयास करते हैं और यहीं से दुष्प्रचार शुरू होता है। ऐसी घटनाओं से आतंकियों को भी त्वजो मिलती है। जीओसी बीएस राजू ने कहा कि किसी की मौत दुर्भाग्यपूर्ण है। हम तो आतंकियों को भी नहीं मारना चाहते हैं, इसलिए मुठभेड़ से पहले हर आतंकी को आत्मसमर्पण करने की अपील की जाती है।