Move to Jagran APP

Jammu: जीएमसी के प्रिंसिपल का उपराज्यपाल को पत्र, स्वैच्छिक सेवानिवृत्त की पेशकश की

जीएमसी प्रिंसिपल के कार्यालय के अंदरूनी कामकाज में हस्तक्षेप से असमंजस अनुशासनहीनता को बढ़ावा देेकर प्रिंसिपल के पद की गरिमा को कम कर रहे है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Mon, 14 Sep 2020 01:04 PM (IST)Updated: Mon, 14 Sep 2020 01:04 PM (IST)
Jammu: जीएमसी के प्रिंसिपल का उपराज्यपाल को पत्र, स्वैच्छिक सेवानिवृत्त की पेशकश की
Jammu: जीएमसी के प्रिंसिपल का उपराज्यपाल को पत्र, स्वैच्छिक सेवानिवृत्त की पेशकश की

जम्मू, राज्य ब्यूरो: गवर्नमेंट मेडिकल कालेज जम्मू के प्रिंसिपल डॉ. नसीब चंद ढीगरा ने उपराज्यपाल मनोज सिन्हा को पत्र लिखकर जीएमसी के प्रिंसिपल के पद गरिमा कम करने का मामला उठाते हुए स्वैच्छिक सेवानिवृत्त की पेशकश की है। उपराज्यपाल को भेजे गए पत्र में डॉ. ढीगरा ने कहा कि विख्यात सर्जन और तीस साल की सेवा का उल्लेख करते हुए कहा है कि प्रशासनिक विभाग ने 11 सितंबर को आदेश निकाला जिसके जरिए मेरे पद की गरिमा को कम किया गया।

loksabha election banner

जीएमसी के प्रिंसिपल के 26 जून 2020 के आदेश को वापिस कर दिया गया। प्रिंसिपल के आदेश में एक इंचार्ज प्रोफेसर से प्रशासनिक कामकाज को वापिस लिया गया था क्योंकि उक्त डॉक्टर पर एफआईआर दर्ज थी और आईजी क्राइम ने विभागीय जांच के आदेश दिए थे। प्रशासनिक आदेश से उक्त डॉक्टरों को आरोपों से बरी कर दिया गया। जब मैने प्रिंसिपल का पदभार संभाला तो दुर्भाग्य से कोरोना आ गया। अतिरिक्त बोझ के बावजूद मुझे सर्जरी विभाग के अध्यक्ष का पद भी दिया गया। मेडिकल काउंसिल आफ इंडिया के नियमों अनुसार प्रिंसिपल को किसी विभाग के अध्यक्ष का पद नहीं दिया जाता है। मैने आग्रह किया कि विभाग के अध्यक्ष का पद किसी वरिष्ठ डाक्टर को दिया जाए।

पिछले चार महीने से मुझ पर काफी दवाब है और मुझे से पहले प्रिंसिपल पद पर रहे डॉक्टर के लंबित कार्यों को निपटाना था। मेरे लगातार संस्थान की भलाई के लिए काम करने के बावजूद प्रिंसिपल के पद की गरिमा को मौखिक तौर पर ठेस पहुंचाई गई। मैं रिकार्ड में यह बात लाना चाहता हूं कि संस्थान के कुछ अधिकारी, एक या दो विभागों के अध्यक्ष और कुछ फैक्लटी सदस्यों जो विभागीय वरिष्ठता को नजरअंदाज कर रहे है और प्रशासनिक विभाग से प्रशासनिक और तकनीकी मामलों पर संपर्क कर रहे है।

जीएमसी प्रिंसिपल के कार्यालय के अंदरूनी कामकाज में हस्तक्षेप से असमंजस, अनुशासनहीनता को बढ़ावा देेकर प्रिंसिपल के पद की गरिमा को कम कर रहे है। इससे जीएमसी के कुछ कर्मचारियों को असमंजस फैलाने का मौका मिल रहा है। जीएमसी में वर्क कल्चर को नुकसान पहुंच रहा है। अगर मेरी सेवाएं किसी को पंसद नहीं आ रही है तो मैं स्वेच्छा से अपने पद से सेवानिवृत्त लेेने की पेशकश कर रहा हूं।  


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.