गिलानी ने चुनावों के बहिष्कार का किया आह्वान
कट्टरपंथी सैयद अली शाह गिलानी ने अभी से लोगों को चुनाव बहिष्कार के लिए उकसाना शुरू कर दिया है।
श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। कट्टरपंथी सैयद अली शाह गिलानी ने अभी से लोगों को चुनाव बहिष्कार के लिए उकसाना शुरू कर दिया है। गिलानी ने बुधवार को अपने सहयोगियों के साथ बातचीत में कहा कि जम्मू कश्मीर में भारतीय संविधान के तहत कोई भी चुनाव जायज नहीं है। चाहे वो पंचायत चुनाव हों, स्थानीय निकाय चुनाव, संसदीय या विधानसभा चुनाव।
उन्होंने लोगों से चुनावों के बहिष्कार का आह्वान करते हुए कहा कि यहां कई राजनीतिक दल कहते हैं कि यह चुनाव सिर्फ बिजली,पानी और सड़क के लिए है। लोग वोट डालने निकल पड़ते हैं। मतदान केंद्रों के बाहर कश्मीरियों की भीड़ को मीडिया और केंद्र सरकार, कश्मीरियों की आजादी और हक ए खुद इरादियत की तहरीक को नुकसान पहुंचाने के लिए इस्तेमाल करती है। जो लोग चुनावी प्रक्रिया में हिस्सा लेते हैं वह कश्मीर की आजादी की नाम पर मरने वाले कश्मीर के नौजवानों के खून के साथ समझौता और सौदेबाजी करते हैं। अगर कश्मीरियों की सही राय जाननी है तो केंद्र रायशुमारी कराने के अपने वादे को पूरा करना चाहिए।
स्कूल बस पर पथराव की निंदा
पत्थरबाजों को कश्मीर का मुजाहिद और भविष्य बताने वाले कट्टरपंथी सैयद अली शाह गिलानी और उदारवादी हुर्रियत प्रमुख मीरवाइज मौलवी उमर फारूक को भी शोपियां में स्कूल बस पर पथराव की निंदा होते देखकर पत्थरबाजों की आलोचना के लिए मजबूर होना पड़ा है। दोनों अलगाववादियों ने छात्रों पर पथराव पर रोष जताते हुए कहा कि जिन्होंने भी यह किया है, उन्होंने हिंदुस्तान के खिलाफ कश्मीर में जारी कश्मीरियों के आंदोलन को ही बदनाम किया है। गिलानी ने कहा कि हमें उन तत्वों पर कड़ी नजर रखनी होगी जो स्कूल बस पर पथराव जैसी घटनाओं में लिप्त हैं।
मीरवाइज ने कहा कि स्कूली बस पर हमला सर्वथा अनुचित है। समझ में नहीं आता कि आखिर क्यों छात्रों को निशाना बनाया गया। जो भी लोग इस तरह की गुंडागर्दी में लिप्त हैं, उन्हें एक बात अच्छी तरह समझनी चाहिए कि इस तरह की हरकतों से हमारे ही दुश्मन को हमें बदनाम करने का मौका मिलता है।