गुलाम नबी आजाद को नहीं मिली जम्मू प्रवेश की अनुमति, जम्मू हवाई अड्डे से वापस दिल्ली भेजा
आजाद अपने निवासस्थान पर जाकर राज्य के हालात का जायजा लेने के लिए अाए थे। इस दौरान उन्होंने पार्टी के नजरबंद किए गए नेताओं बारे में जानकारी भी हासिल करनी थी।
जम्मू, राज्य ब्यूरो। राज्य सभा में विपक्ष के नेता और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद को आज दोपहर जम्मू हवाई अड्डे से ही वापस दिल्ली भेज दिया गया। गुलाम नबी आजाद दिल्ली से दोपहर ढाई बजे के करीब फ्लाइट से जम्मू हवाई अड्डे पहुंचे थे। वह जम्मू के हालात का जायजा लेने अौर पार्टी नेताओं के नजरबंद होने से उपजे हालात का जायजा लेने के लिए यहां आए थे।
प्रशासन ने आजाद को हवाई अड्डे से बाहर आने की अनुमति नहीं दी। गांधी नगर में उनके घर पर पहले ही पुलिस को तैनात कर दिया गया था। पार्टी के कुछ नेता हवाई अड्डे के बाहर आजाद के स्वागत के लिए पहुंचे थे। प्रशासन और पुलिस ने आजाद को किसी नेता से मिलने नहीं दिया और न ही पार्टी के किसी नेता को हवाई अड्डे के अंदर जाकर उनसे मिलने की अनुमति दी। करीब दो घंटे के बाद आजाद को वापस फ्लाइट से दिल्ली भेज दिया गया।
पार्टी सूत्रों ने बताया कि आजाद अपने निवासस्थान पर जाकर राज्य के हालात का जायजा लेने के लिए अाए थे। इस दौरान उन्होंने पार्टी के नजरबंद किए गए नेताओं बारे में जानकारी भी हासिल करनी थी। प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रवीन्द्र शर्मा ने प्रशासन के इस रवैये की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि गुलाम नबी आजाद इस समय राज्य सभा में विपक्ष के नेता हैं और जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। उन्हें किसी से मिलने न देना और हवाई अड्डे से बाहर आने की अनुमति न देने से पता चलता है कि जम्मू-कश्मीर में मौजूदा हालात इमरजेंसी जैसे हैं। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में अपनी बात कहने का हरेक को हक है लेकिन विपक्ष की बात को दबाया जा रहा है।
सनद रहे कि गुलाम नबी आजाद को गत 8 अगस्त को भी जिला प्रशासन ने इसी तरह कश्मीर मुख्य हवाई अड्डे पर रोक लिया था। वह जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 (Article 370) हटाने व जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश घोषित करने के बाद घाटी में बने तनाव का जायजा लेने के लिए वहां पहुंचे थे। दरअसल कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद शुरू से ही इस फैसले का विरोध करते आ रहे हैं। उन्होंने राज्यसभा में भी कहा था कि केंद्र सरकार ने संविधान के अनुच्छेद 370 को खत्म कर देश के सिर के टुकड़े कर दिए हैं। साथ ही, जम्मू और कश्मीर के लोगों को राजनीतिक, सांस्कृतिक और सामाजिक रूप से खत्म कर दिया है। आजाद ने मोदी सरकार पर 'वोट हासिल करने के लिए' यह कदम उठाने का आरोप भी लगाया है।