Move to Jagran APP

कांग्रेस मेंं शक की निगाह से देखे जा रहे आजाद ने कहा-कई दलों ने संपर्क किया पर मैं कांग्रेस का वफादार हूं...

आजाद ने कहा कि मैंने सभी लुभावने भरे प्रस्तावों को अस्वीकार कर दिया क्योंकि मैं कांग्रेस के प्रति वफादार हूं। उन्होंने कहा कि वर्तमान परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए उन्होंने लोगों के बीच आने और उनके साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ लडऩे का फैसला किया।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Fri, 03 Dec 2021 07:30 AM (IST)Updated: Fri, 03 Dec 2021 07:30 AM (IST)
कांग्रेस मेंं शक की निगाह से देखे जा रहे आजाद ने कहा-कई दलों ने संपर्क किया पर मैं कांग्रेस का वफादार हूं...
आजाद ने अटल बिहारी वाजपेयी की दूरदृष्टि और रचनात्मक दृष्टिकोण के लिए भी उनकी सराहना की।

राजौरी, जागरण संवाददाता : पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने आखिरकार कांग्रेस के प्रति वफादारी का सुबूत सबके सामने रख दिया। उन्होंने कहा कि राज्यसभा सदस्य का कार्यकाल समाप्त होने के बाद कई राजनीतिक दलों ने उनसे संपर्क किया था, लेकिन उन्होंने इन्कार कर दिया।

loksabha election banner

उन्हें संसद सीट की पेशकश की गई। वह चार दशक से कांग्रेस का हिस्सा हैं और रहेंगे। कांग्रेस मेंं शक की निगाह से देखे जा रहे आजाद ने वीरवार को डाक बंगले सुरनकोट में एक जनसभा में उन पर कटाक्ष जो उन्हें बागी मान रहे थे।

आजाद ने कहा कि मैंने सभी लुभावने भरे प्रस्तावों को अस्वीकार कर दिया क्योंकि मैं कांग्रेस के प्रति वफादार हूं। उन्होंने कहा कि वर्तमान परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए उन्होंने लोगों के बीच आने और उनके साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ लडऩे का फैसला किया।

वर्तमान सरकार पर कटाक्ष करते हुए आजाद ने कहा कि सरकार नौकरी देने वाले की बजाय छिनने वाली लगी है। हमारे समय में भी काम न करने वाले सरकारी अधिकारियों को सेवाओं से हटाने का कानून था। उनमें से कुछ के लिए ऐसा किया था, लेकिन हाल ही में कई कर्मचारियों को सेवाओं से हटा दिया है।

आजाद ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार जम्मू-कश्मीर के इतिहास और भूगोल से अनजान है। पहले एक पार्टी विशेष ने देश के अन्य हिस्सों में लोगों से वादा किया था कि वह जम्मू और कश्मीर में कम से कम पांच किमी जमीन खरीद सकेंगे, लेकिन अब यह लोग सरकार से इस जमीन की उपलब्धता के बारे में पूछ रहे हैं।

उन्होंने एक बार फिर विधानसभा चुनाव कराने को जम्मू-कश्मीर में तत्काल जरूरत बताया और कहा कि केवल लोकतांत्रिक सरकार और जनता द्वारा चुने गए उसके प्रतिनिधि महत्वपूर्ण हैं। आजाद ने अटल बिहारी वाजपेयी की दूरदृष्टि और रचनात्मक दृष्टिकोण के लिए भी उनकी सराहना की।

नागरिक-सेना संपर्क की सराहना : आजाद ने राजौरी और पुंछ जिलों में नागरिक और सैन्य संपर्क की सराहना की। आजाद ने कहा कि दोनों जिलों के लोगों ने युद्ध से लेकर आतंकवाद तक के कठिन समय को देखा है। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.