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इमरजेंसी के वक्त जार्ज फर्नांडिजस ने ली थी जम्मू साइंस कालेज हॉस्टल में शरण, जानिए क्या था मामला

वर्ष 1975 में फर्नांडीज छिपते छिपाते जम्मू भी आए थे। उन्होंने गर्वमेंट गांधी मेमोरियल सांइस कालेज हॉस्टल में भी कुछ दिन बिताए।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Wed, 30 Jan 2019 03:23 PM (IST)Updated: Wed, 30 Jan 2019 03:23 PM (IST)
इमरजेंसी के वक्त जार्ज फर्नांडिजस ने ली थी जम्मू साइंस कालेज हॉस्टल में शरण, जानिए क्या था मामला
इमरजेंसी के वक्त जार्ज फर्नांडिजस ने ली थी जम्मू साइंस कालेज हॉस्टल में शरण, जानिए क्या था मामला

जम्मू, अवधेश चौहान। समाजवादी नेता जॉर्ज फर्नांडीज का जम्मू कश्मीर से विशेष नाता रहा है, चाहे वे कारगिल युद्ध हाे या इमरजेंसी का दौर। फर्नांडीज ने 18 बार बतौर रक्षामंत्री कारगिल और सियाचिन ग्लेशियर के दौरे पर आए। लेकिन एक दौर उन्होंने ऐसा भी देखा जब देश में वर्ष 1975 में इमरजेंसी लागू कर दी। तेज तर्रार विद्रोही नेता के रूप में जाने वाले जार्ज के पीछे सुरक्षा एजेंसियां लगी हुई थी। कभी वे सरदार और कभी मछुआरा और कभी साधु का वेश में देश के विभिन्न प्रदेशों मे छिपते रहे।

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वर्ष 1975 में छिपते-छिपाते जम्मू आए थे फर्नांडीज

वर्ष 1975 में फर्नांडीज छिपते छिपाते जम्मू भी आए थे। उन्होंने गर्वमेंट गांधी मेमोरियल सांइस कालेज हॉस्टल में भी कुछ दिन बिताए। हॉस्टल के तत्कालीन वार्डन और जूलोजी विभागअध्यक्ष एसपी वोहरा का कहना है कि फर्नांडीज वर्ष 1975 में सांइस कालेज हॉस्टल के प्रोक्टर पृथ्वी खोखर के साथ रूम नंबर 14 में रूके। खोखर उस समय अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के नेता हुआ करता था। वैसे हॉस्टल में किसी बाहरी व्यक्ति को ठहराने पर रोक हुआ करती थी। फर्नांडीज के हॉस्टल में रहने की बात किसी को पता तक नही चली। लेकिन जब अजनबी व्यक्ति जिसने दाढ़ी बड़ा रखी थी और उसकी उम्र करीब 45 वर्ष रही होगी। वार्डन एसपी वोहरा कहते है कि जब उन्होंने प्रोक्टर पृथ्वी खोखर से उनके बारे में पूछा कि कमरे में काैन है? तो पृथ्वी ने कहा कि मेरे अंकल है, बीमार है, इलाज के लिए आएं है। कुछ दिनों की बात है, डाक्टर को दिखाने के बाद चले जाएंगे। दुबले पतले, लंबी दाढ़ी देख कर हर व्यक्ति सहजता से अंदाजा लगा ले कि वाकई बीमार व्यक्ति है। लेकिन इस बात खुलासा तब हुआ जब इमरजेंसी का दौर खत्म हुआ। खोखर जब हॉस्टल छोड़ कर जाने लगा तो उसने अपने दिल की बात कही। उन्हें वे लब्ज अभी तक याद है जब खोखर ने कहा कि सर मैंने आज तक आपसे एक बात छुपाई रखी। मेरे कमरें में जिस व्यक्ति के बारे में आपने पूछा था कि वह शख्स कौन है, दरअसल वह जार्ज फर्नांडीज थे।

राजग सरकार में दो बार रक्षामंत्री रहे फर्नांडीज

जॉर्ज राजग की सरकार में दोनों बार रक्षामंत्री बने। उनके रक्षा मंत्री रहने के दाैरान ही पाकिस्‍तान के साथ कारगिल युद्ध में भारत ने विजय हासिल की। तब भारतीय सेना ने 'ऑपरेशन विजय' के तहत पाकिस्‍तानी सेना के छक्‍के छुड़ा दिए। जॉर्ज फर्नांडिस ने बतौर पहले रक्षामंत्री बने जिन्होंने 6,600 मीटर ऊंचे सियाचिन ग्लेशियर का 18 बार दौरा भी किया था। उनके इस दौरे से बर्फीले रेगिस्तान में ड्यूटी दे रहे जवानों का मनोबल भी बढ़ा। 


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