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Ganesh Chaturthi 2021 : रविवार को विदा होंगे गौरी नंदन, तैयारियां जोरशोर से शुरू

Ganesh Chaturthi 2021 अनन्त चतुर्दशी पूजन शुभ मुहूर्त 19 सितंबर को सुबह से शुरू होकर रात्रि 5 बजे तक रहेगा। अनंत चतुर्दशी का पर्व भक्ति एकता और सौहार्द का प्रतीक है देश भर में इस त्‍योहार को धूमधाम से मनाया जाता है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Sat, 18 Sep 2021 01:20 PM (IST)Updated: Sat, 18 Sep 2021 01:20 PM (IST)
Ganesh Chaturthi 2021 : रविवार को विदा होंगे गौरी नंदन, तैयारियां जोरशोर से शुरू
प्रातः 09 बजकर 11 मिनट से लेकर शाम 05 बजे तक श्रीगणेश जी का विसर्जन करें।

जम्मू, जागरण संवाददाता: भगवान गणेश को विदा करने का समय नजदीक आ गया है। ढोल-नगाढ़ों, गाजे-बाजे के साथ गौरी नंदन को अगले साल फिर लौटकर आने के संकल्प के साथ रविवार को घर से विदा किया जाएगा। तैयारियां शुरू कर दी गई हैं।इसी दिन अंनत चतुर्दशी का व्रत भी रखा जाएगा। भाद्रपद मास शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को यह व्रत किया जाता है।इस दिन भगवान विष्णु के अनन्तस्वरूप का पूजन किया जाता है।

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इस व्रत का पूजन नदी या सरोवर तट पर करने का विधान है,परंतु कोरोना महामारी के चलते घर में ही भगवान विष्णु जी के अनन्तस्वरूप का पूजन करें और चौदह ग्रंथियों (गांठों) से युक्त अनन्तसूत्र (डोरी) रखें। इसके बाद 'ॐ अनन्ताय नम:' मंत्र से भगवान विष्णु तथा अनंत सूत्र का पूजन कर अनन्त सूत्र को मंत्र पढकर पुरुष अपने दाहिने हाथ और स्त्री बाएं हाथ में बांध लें।

अनन्त चतुर्दशी पूजन शुभ मुहूर्त 19 सितंबर को सुबह से शुरू होकर रात्रि 5 बजे तक रहेगा। अनंत चतुर्दशी का पर्व भक्ति, एकता और सौहार्द का प्रतीक है, देश भर में इस त्‍योहार को धूमधाम से मनाया जाता है।

अंनत चतुर्दशी व्रत के विषय में श्रीकैलख ज्योतिष एवं वैदिक संस्थान ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत रोहित शास्त्री ज्योतिषाचार्य ने बताया कि इस वर्ष अनन्त चतुर्दशी 19 सिंतबर रविवार को है, रविवार 19 सिंतबर को भगवती श्रीगणेश जी विसर्जन के साथ श्रीगणेश उत्‍सव का समापन भी होगा। इस दिन प्रातः 09 बजकर 11 मिनट से लेकर शाम 05 बजे तक श्रीगणेश जी का विसर्जन करें।

भगवान श्रीगणेश विसर्जन की पूजा विधि : भगवान श्रीगणेश जी की प्रतिमा विसर्जित करने से पहले भगवान श्रीगणेश जी को नए वस्त्र पहनाएं एक स्वच्छ कपड़े में दूर्वा, मोदक, पैसा और सुपारी बांधकर उस पोटली को गणपति के साथ रख दें, भगवान श्रीगणेश जी की आरती करें। इसके बाद उन्‍हें मान-सम्‍मान के साथ पानी में विसर्जित करें। श्रीगणेशउत्सव के दिनों की सारी उपयोग में लाई सामग्री, पुष्प,दूर्वा तथा अन्य सभी चीजों को किसी तालाब या नदी में बहा देना चाहिए,साख के साथ पॉलीथीन ना डाले इस से जल प्रदूषण होता है इस बात का विशेष धयान रखे। 


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