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JKPCC : मीर ने दिया इस्तीफा, विकार रसूल बन सकते हैं कांग्रेस के नए प्रदेश प्रधान

पार्टी सूत्रों की मानें तो विकार रसूल को नया प्रधान बनाया जा सकता है। आजाद के करीबी विकार रसूल युवा है। वह मंत्री भी रह चुके हैं। प्रदेश कांग्रेस में काफी समय से आजाद व मीर के बीच गुटबाजी चल रही थी।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Thu, 07 Jul 2022 07:29 AM (IST)Updated: Thu, 07 Jul 2022 07:29 AM (IST)
JKPCC : मीर ने दिया इस्तीफा, विकार रसूल बन सकते हैं कांग्रेस के नए प्रदेश प्रधान
पार्टी हाईकमान विकार रसूल के अलावा जीएम सरूरी व कुछ अन्य नामों पर भी चर्चा करेगी

जम्मू, राज्य ब्यूरो : गुलाम अहमद मीर ने जम्मू कश्मीर में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष पद से अपना इस्तीफा पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेज दिया है। मीर के इस्तीफे के बाद अब प्रदेश के नए प्रदेश प्रधान की नियुक्त को लेकर पार्टी के सभी नेताओं की नजरें पार्टी हाईकमान पर लगी हैं। मीर के जाने के बाद जम्मू कश्मीर में गुलाम नबी आजाद का गुट सशक्त होगा। आजाद के समर्थन वाले नेता विकार रसूल पार्टी के नए प्रदेश प्रधान हो सकते हैं।

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मीर ने पार्टी की अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर नया प्रदेश प्रधान नियुक्त करने का फैसला उनपर छोड़ दिया है। पिछले सात साल से अधिक समय से प्रदेश प्रधान पद पर बैठे मीर का जाना तय माना जा रहा था। मीर पर पिछले काफी समय से पद छोडऩे का दबाव भी था।

पार्टी सूत्रों की मानें तो विकार रसूल को नया प्रधान बनाया जा सकता है। आजाद के करीबी विकार रसूल युवा है। वह मंत्री भी रह चुके हैं। प्रदेश कांग्रेस में काफी समय से आजाद व मीर के बीच गुटबाजी चल रही थी। आजाद के समर्थक नेता पार्टी के कार्यक्रमों, धरने प्रदर्शनों व बैठकें में भाग नहीं लेते थे। जब भी गुलाम नबी आजाद जम्मू कश्मीर के दौरे पर आते थे, तो मीर गुट के नेता उनसे दूरी बनाए रखते थे।

सूत्र बताते हैं कि पार्टी हाईकमान विकार रसूल के अलावा जीएम सरूरी व कुछ अन्य नामों पर भी चर्चा करेगी। पिछले दिनों आजाद गुट के कुछ नेताओं की तरफ से पदों से इस्तीफा दिए जाने के बाद हाईकमान ने दो काम किए थे। एक तो नेताओं के त्यागपत्र मंजूर कर लिए थे और दूसरा पार्टी के वरिष्ठ नेता रमण भल्ला को कार्यवाहक प्रधान बना दिया था।

विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश कांग्रेस का नया प्रधान बनना पार्टी के लिए अहम होगा। यह इंतजार किया जा रहा है कि चुनाव का बिगुल बजने पर गुलाम नबी आजाद की क्या भूमिका होगी। आने वाले दिनों में स्थिति स्पष्ट हो जाएगी।


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