Jammu: 12 साल से जोगी गेट शमशान घाट में धूल फांक रही शवदाह मशीन
Jammu Jogi Gate Cremation Ground इलेक्ट्रिक मशीन से संस्कार करना बेहद सुगम है और इससे पर्यावरण भी दूषित नहीं होता। लकड़ी जलाने की जरूरत नही होती। यह मशीन बिजली से चलती है और शव को दो घंटे में ही जला देती है।
जम्मू, जागरण संवाददाता: कोरोना की पहली व दूसरी लहर के भारी नुकसान के बाद भी प्रशासन कुछ सीख नहीं रहा। तीसरी लहर का खतरा मंडरा रहा है, लेकिन इससे निपटने के लिए तैयारियां मुकम्मल नहीं दिख रही। कोरोना की दूसरी लहर के चलते एक के बाद एक हुई मौतों से श्मशान घाटों में अंतिम संस्कार करने में बहुत ज्यादा दिक्कतों का सामना करना पड़ा था।
अब समाज सेवियों को जोगी गेट शमशान घाट में स्थापित इलेक्ट्रिक मशीन की याद आ रही है, जो पिछले 12 साल से धूल फांक रही है। इस मशीन के लिए अलग से ही कांप्लेक्स बनाया हुआ है, लेकिन मशीन का उपयोग नहीं होने से इसके तमाम चैंबर अब जाम हो चुके हैं। अंदर गंदगी पसरी पड़ी है। इस जगह का इस्तेमाल दूसरा सामान रखने के लिए किया जा रहा है। लोगों में मांग उठी है कि कम से कम इस मशीन को तो सुचारु किया जाए, जिस पर सरकार ने लाखों रुपये खर्च किए थे।
इलेक्ट्रिक मशीन से शव जलाने से नहीं होता है प्रदूषण: इलेक्ट्रिक मशीन से संस्कार करना बेहद सुगम है और इससे पर्यावरण भी दूषित नहीं होता। लकड़ी जलाने की जरूरत नही होती। यह मशीन बिजली से चलती है और शव को दो घंटे में ही जला देती है। शव को मशीन के रखा जाता है और दो घंटे में ही संस्कार की यह क्रिया पूरी हो जाती है। बाद में दूसरे चैंबर से मृतक व्यक्ति की राख व फूल एकत्र हो जाते हैं जोकि परिजनों के हवाले कर दिए जाते हैं। कोरोना से मारे गए व्यक्ति का अंतिम संस्कार इलेक्ट्रिक मशीन से करना बेहतर रहेगा।
- मैं भगवान से प्रार्थना करूंगा कि तीसरी लहर जम्मू कश्मीर में नहीं आए। सब सुरक्षित रहें। फिर भी हमें तमाम अंदेशों को नजरअंदाज भी नहीं करना चाहिए। अगर इलेक्ट्रिक मशीन है तो इसे सुचारु करने में प्रशासन गंभीर क्यों नहीं। वैसे भी यह मशीन सामान्य दिनों में भी सुचारु रहनी चाहिए। मेरी प्रशासन से अपील रहेगी कि अंतिम संस्कार करने के लिए इलेक्ट्रिक मशीन को बिना देरी के दुरुस्त किया जाए। -मशीन साहनी, प्रधान, शिवसेना
- अगर मशीन यहां पर स्थापित है तो इसका उपयोग क्यों नहीं हो रहा है। जरूरत पडऩे पर इसका उपयोग होना चाहिए। उपयोग तो तभी होगा जब मशीन ठीक होगी। पिछले कई साल से मशीन खराब है। प्रशासन ने इसे दुरुस्त कराने के बारे में कोई योजना बनाई ही नही। ऐसे में मैं प्रशासन से गुजारिश करूंगा कि वे इस दिशा में जरूरी कदम उठाएं। -राकेश बाली, समाज सेवी