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एसएसबी को चतुर्थ श्रेणी पद भरने का जिम्मा

प्रदेश सरकार ने चतुर्थ श्रेणी के 7052 पद भरने के लिए लिए जम्मू कश्मीर सर्विस सिलेक्शन बोर्ड (एसएसबी) को रेफर कर दिए हैं।

By JagranEdited By: Published: Sat, 06 Jun 2020 08:04 AM (IST)Updated: Sat, 06 Jun 2020 08:04 AM (IST)
एसएसबी को चतुर्थ श्रेणी पद भरने का जिम्मा
एसएसबी को चतुर्थ श्रेणी पद भरने का जिम्मा

राज्य ब्यूरो, जम्मू : प्रदेश सरकार ने चतुर्थ श्रेणी के 7052 पद भरने के लिए लिए जम्मू कश्मीर सर्विस सिलेक्शन बोर्ड (एसएसबी) को रेफर कर दिए हैं।

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सरकार ने 14 मई 2020 को एक्सलीरेटड रिक्रूटमेंट कमेटी का गठन किया था। कमेटी ने 19 विभागों में 7052 पदों को चिन्हित किया था। इसकी जानकारी सामान्य प्रशासनिक विभाग को दी गई। इन पदों को सामान्य प्रशासनिक विभाग ने जम्मू कश्मीर सर्विस सिलेक्शन बोर्ड को जम्मू कश्मीर चतुर्थ श्रेणी की नियुक्तियों के लिए विशेष भर्ती नियम 2020 के नियम चार के तहत रेफर किया है। इनमें से 3475 पद जिला कैडर, 3142 डिवीजनल कैडर और 435 पद केंद्र शासित प्रदेश कैडर के हैं।

डिवीजनल कैडर में जम्मू डिवीजन के 1619 और कश्मीर के 1523 पद हैं। अनंतनाग के लिए 324, बांडीपोरा के लिए 113, बारामुला के 472, बड़गाम के 320, डोडा के 221, गांदरबल के 61, जम्मू के 224, कठुआ के 290, किश्तवाड़ के 85, कुलगाम के 115, कुपवाड़ा के 211, पुंछ के 50, पुलवामा के 44, राजौरी के 213, रामबन के 106, रियासी के 80, सांबा के 61, शोपियां के 81, श्रीनगर के 236 व ऊधमपुर के 168 पदों को शामिल किया गया है। राज्य में आर्थिक रूप से पिछड़ों को भी मिलेगा दस फीसद आरक्षण

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर: प्रदेश के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के निवासियों को अब केंद्र के मुताबिक सरकारी नौकरियों व शिक्षण संस्थानों में दाखिले के लिए दस प्रतिशत का आरक्षण का लाभ मिलेगा। अलबत्ता, केंद्रीय स्तर पर पहले से ही आरक्षण के लाभार्थी अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों व अन्य पिछड़े वर्ग (जो जम्मू कश्मीर में लागू केंद्रीय सूची के अनुरुप हैं), ईडब्ल्यूएस के तहत आरक्षण का लाभ नहीं ले सकते। प्रदेश में अनुसूचित जाति, जनजाति और सामाजिक एवं शैक्षिक रुप से पिछड़ा वर्ग के तहत पहले से ही आरक्षण का लाभ पाने वाले भी ईडब्ल्यूएस आरक्षण लाभ के लिए दावा नहीं कर सकते। प्रदेश प्रशासन ने ईडब्ल्यूएस प्रमाणपत्र जारी करने में समर्थ प्राधिकारियों को निर्धारित नियमों के अनुपालन को सुनिश्चित बनाते हुए पात्र लोगों को प्रमाणपत्र जारी करने की प्रक्रिया को बहाल करने का निर्देश भी दिया है। प्रदेश महाप्रशासनिक विभाग ने बताया कि आरक्षण का लाभ पाने के लिए उम्मीदवारों को समर्थ प्राधिकरण द्वारा जारी आयकर एवं परिसपंत्ति प्रमाणपत्र पेश करना होगा।


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