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पाकिस्तान ने कश्मीर में भेजे चार स्नाइपर

नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर भारतीय सैनिकों को स्नाइपर्स से निशाना बनाने वाला पाकिस्तान अब स्नाइपर गन का इस्तेमाल कश्मीर के भीतरी हिस्सों में करवाने लगा है।

By Edited By: Published: Mon, 29 Oct 2018 09:56 AM (IST)Updated: Mon, 29 Oct 2018 11:59 AM (IST)
पाकिस्तान ने कश्मीर में भेजे चार स्नाइपर
पाकिस्तान ने कश्मीर में भेजे चार स्नाइपर

राज्य ब्यूरो, जम्मू । नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर भारतीय सैनिकों को स्नाइपर्स से निशाना बनाने वाला पाकिस्तान अब स्नाइपर गन का इस्तेमाल कश्मीर के भीतरी हिस्सों में करवाने लगा है। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आइएसआइ ने चार आतंकियों को स्नाइपर गन से सुरक्षाबलों को निशाना बनाने की ट्रेनिंग देकर घाटी में घुसपैठ करवाई है।

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नाइट विजन डिवाइस वाली आधुनिक एम-4 स्नाइपर गन से लैस जैश-ए- मोहम्मद से जुड़े आतंकियों की मौजूदगी सुरक्षा एजेंसियों के लिए चिंता का कारण बनी हुई है। इस साल सितंबर में कश्मीर में सक्रिय हुए आतंकियों के स्नाइपर अब तक तीन जवानों को शहीद कर चुके हैं, जबकि एक घायल है। ऐसे में सुरक्षाबल इस समय इन आतंकी स्नाइपरों की चुनौती से निपटने के लिए रणनीति बना रहे हैं। ये स्नाइपर स्थानीय लोगों की मदद से पुलवामा और आसपास के जिलों में सक्रिय हैं।

सुरक्षाबलों पर हमले का लक्ष्य :

खुफिया एजेंसियों के अनुसार, कश्मीर में घुसे चार स्नाइपर जैश-ए-मोहम्मद से जुड़ी दो तंजीमों से हैं। उन्हें लक्ष्य दिया गया है कि वे सुरक्षाबलों पर हमले कर आतंकियों का मनोबल बढ़ाएं।

बढ़ रहे स्नाइपर हमले :

कश्मीर में स्नाइपर अटैक की पहली घटना 18 सितंबर को पुलवामा में हुई थी। इसमें एक सीआरपीएफ जवान गंभीर रूप से घायल हुआ था। इसके बाद त्राल में सशस्त्र सीमा बल का एक जवान शहीद हो गया था। स्नाइपर गन से आतंकियों ने एक सैनिक व नौगाम के सीआइएसएफ के जवान को भी शहीद कर दिया था। 600 मीटर की दूरी से सटीक निशाना लगाने में सक्षम आतंकियों के पास मौजूद एम-4 स्नाइपर गन 500 से 600 मीटर की दूरी से सटीक निशाना लगाने में सक्षम है।

इस हथियार का इस्तेमाल अमेरिका ने अफगानिस्तान में भी किया। पाकिस्तान में इस हथियार का इस्तेमाल उनकी स्पेशल फोर्स भारतीय जवानों को निशाना बनाने के लिए करती है। यह भी कहा जा रहा है कि ये हथियार तालिबान से मंगाए गए हैं।

रात के अंधेरे में पहाड़ी से हमले सुरक्षा बलों पर अब तक जो स्नाइपर अटैक किए गए हैं, वे रात के अंधेरे में छोटी पहाड़ी से किए गए। ये उस वक्त किए गए जब जवान अपने मोबाइल से परिवार या दोस्तों से बातें कर रहे थे। जैसे ही संतरी की चौकी या अन्य स्थानों पर रात में ड्यूटी दे रहे जवान के मोबाइल की लाइट जलती है, ऊंचाई वाले स्थान से आतंकी निशाना साध देते हैं।

उमर बोले, स्नाइपर आतंकी बड़ी चुनौती जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने स्नाइपर आतंकियों से निपटने को एक बड़ी चुनौती करार दिया है। उन्होंने ट्वीट किया कि तीन दशक के आतंकवाद में पहली बार है जब ऐसे आतंकियों से निपटना होगा, जो लंबी दूरी से अपने लक्ष्य पर सटीक निशाना लगा सकते हैं। उन्होंने कहा कि स्नाइपर पहले सीमा पर कार्रवाई करते थे, अब उनका अंदरुनी इलाकों में सक्रिय होना चिंताजनक है।


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